मुंबई के नीरव शाह (35 साल) ने 2015 में 8.5 पर्सेंट की दर से 30 साल की अवधि के लिए 40 लाख का लोन लिया था। शुरू में अर्मोटाइजेशन शेड्यूल पर टिके रहे और 31,000 रुपये प्रति महीना किस्त भर रहे थे। हालांकि, जल्द ही उन्होंने महसूस किया कि उनकी मंथली इनकम का बड़ा हिस्सा लोन रीपेमेंट में जा रहा है।
शाह ने इस चुनौती से निपटने के लिए दूसरे साल से लोन प्रीपेमेंट की रणनीति को अपनाया, ताकि वह 5 साल में लोन का भुगतान कर सकें। बहरहाल, शाह ऐसा करने वाले अकेले शख्स नहीं हैं। होम लोन लेने वाले कई लोग अपने कर्ज का बोझ उतारने के लिए अतिरिक्त कोशिश करते हैं, ताकि शुरुआती दौर में उन्हें राहत मिल सके।
शुरुआती वर्षों में ब्याज को कम किया जा सकता है
अगर होम लोन की रकम 9 पर्सेंट या 9.5 पर्सेंट होती, तो ब्याज बढ़कर 1.14 करोड़ रुपये या 1.22 करोड़ रुपये हो जाता। अगर लोन का प्रीपेमेंट करना है, तो इसे जल्द से जल्द कर देना चाहिए। Bankbazaar.com के सीईओ आदिल शेट्टी ने बताया, ‘ दरअसल, शुरुआती वर्षों में ब्याज आपके EMI में बड़ा हिस्सा होता है और प्रीपेमेंट का मतलब ज्यादा बचत होगा।’
फर्ज कीजिए कि 20 साल की अवधि के लिए 50 लाख का लोन 9 पर्सेंट सालाना ब्याज दर पर लिया गया है। लोन पर कुल 58 लाख रुपये का ब्याज देय होगा। अगर आप लोन के पहले साल (13वें महीने) में 5 लाख रुपये एडवांस पेमेंट करते हैं, तो ब्याज की रकम घटकर 40.4 लाख हो जाएगी। इस तरह आपको 17.6 लाख रुपये की बजट होगा। हालांकि, अगर आप 10वें साल (121वें महीने) में 5 लाख रुपये का भुगतान करते हैं, तो कुल ब्याज की बचत सिर्फ 6.1 लाख रुपये की होगी।
होम लोन के प्रीपेमेंट के लिए बोनस और सरप्लस का इस्तेमाल करें
जब भी आपको बोनस, टैक्स रिफंड, विंडफॉल गेन आदि के जरिये कुछ रकम मिले, तो इसका इस्तेमाल आपको होम लोन के प्रीपेमेंट में करना चाहिए। अमेरिकी इकाई फाइनेंशियल प्लानिंग स्टैंडर्ड्स बोर्ड्स लिमिटेड की भारतीय सब्सिडियिरी FPSB India के सीईओ कृष्ण मिश्रा ने बताया, ‘ इस रणनीति की मदद से सीधे तौर पर मूलधन घट जाता है और ब्याज का खर्च कम हो जाता है। साथ ही, लोन की अवधि भी घट जाती है।’ हालांकि, इसके लिए रिटायरमेंट फंड का इस्तेमाल करने की सलाह नहीं दी जाती है। दरअसल, ऐसा करने से रिटायरमेंट प्लानिंग के लिए मुश्किलें खड़ी हो जाएंगी।