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New Railway Rules: अब 4 घंटे नहीं, 24 घंटे पहले आ जाएगा ट्रेन रिजर्वेशन चार्ट, रेलवे कर रहा है बड़ा बदलाव

New Indian Railways Rule: अभी तक ट्रेन रिजर्वेशन चार्ट ट्रेन स्टार्ट होने के चार घटें पहले बनता है। ट्रेन टिकट कंफर्म हुई या नहीं, ये चार घंटे पहले पता चलता है लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। अब ट्रेन रिजर्वेशन चार्ज 24 घंटे पहले बनेगा

अपडेटेड Jun 24, 2025 पर 4:00 PM
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New Indian Railways Rule: अभी तक ट्रेन रिजर्वेशन चार्ट ट्रेन स्टार्ट होने के चार घटें पहले बनता है।

New Indian Railways Rule: अभी तक ट्रेन रिजर्वेशन चार्ट ट्रेन स्टार्ट होने के चार घटें पहले बनता है। ट्रेन टिकट कंफर्म हुई या नहीं, ये चार घंटे पहले पता चलता है लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। अब ट्रेन रिजर्वेशन चार्ज 24 घंटे पहले बनेगा। अगर आपने ट्रेन का वेटिंग टिकट बुक किया है और आखिरी वक्त तक यह सोचते रहते हैं कि कन्फर्म होगा या नहीं, तो अब आपके लिए अच्छी खबर है। भारतीय रेलवे एक नए नियम की टेस्टिंग कर रहा है, जिसमें ट्रेन रवाना होने से 24 घंटे पहले रिजर्वेशन चार्ट तैयार किया जाएगा। यह बदलाव लागू हुआ तो यात्रियों को एक दिन पहले ही पता चल जाएगा कि उनका टिकट कन्फर्म हुआ है या नहीं।

अभी क्या है मौजूदा व्यवस्था?

अभी रेलवे ट्रेन के रवाना होने से करीब चार घंटे पहले रिजर्वेशन चार्ट तैयार करता है। इस वजह से वेटिंग टिकट वाले यात्री आखिरी समय तक इस उलझन में रहते हैं कि उन्हें ट्रेन में सफर करने को मिलेगा या नहीं।


नया सिस्टम कैसे करेगा काम?

नए सिस्टम में चार्ट 24 घंटे पहले बन जाएगा, जिससे यात्रियों को अधिक समय मिल सकेगा। अगर किसी यात्री का टिकट कन्फर्म नहीं होता है, तो वह समय पर अपनी ट्रेन जर्नी कैंसिल कर सकता है और रिफंड के प्रोसेस में शामिल हो सकता है।

टिकट कैंसिल करने पर कितना पैसा कटेगा?

रेलवे के मौजूदा नियमों के मुताबिक अगर कोई यात्री ट्रेन रवाना होने से 48 से 12 घंटे पहले टिकट कैंसल करता है, तो 25% किराया कट जाता है। 12 से 4 घंटे पहले कैंसलेशन पर चार्ज और ज्यादा होता है। रिजर्वेशन चार्ट बनने के बाद टिकट कैंसल करने पर आमतौर पर कोई रिफंड नहीं मिलता। नए नियम के लागू होने से यह कैंसिलेशन विंडो शिफ्ट होकर पहले आ जाएगी। इसलिए यात्रियों को समय रहते तय करने का मौका मिलेगा।

रिफंड अमाउंट क्या सभी कोच क्लास में एक जैसा होता है?

नहीं। टिकट कैंसिल करने पर मिलने वाला रिफंड अमाउंट कोच क्लास पर भी निर्भर करती है। जैसे AC क्लास की टिकट महंगी होती है, इसलिए कैंसलेशन चार्ज भी ज्यादा होता है। स्लीपर और जनरल क्लास में यह चार्ज एसी के मुकाबले कम होता है। अगर वेटिंग टिकट कैंसल किया जाए, तो लगभग पूरा किराया रिफंड हो जाता है।

रिफंड स्टेटस कहां चेक करें?

अगर आपने टिकट IRCTC वेबसाइट या मोबाइल ऐप के जरिए बुक किया है, तो वहीं से आप रिफंड का स्टेटस देख सकते हैं। प्लेटफॉर्म पर कैंसलेशन चार्ज और रिफंड अमाउंट साफ तौर पर दिखता है।

क्या यह नया नियम पूरे देश में लागू हो गया है?

नहीं, अभी यह नियम एक स्टेशन पर ट्रायल के तौर पर लागू किया गया है। अगर यह सफल रहता है, तो रेलवे इसे देशभर में लागू करने की योजना बना रहा है। इसके बाद रेलवे रिफंड पॉलिसी में भी जरूरी बदलाव कर सकता है।

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