कर्नाटक के मैंगलोर से ठगी का एक हैरान करने वाला मामला सामने आ रहा है, जहां पर एक कर्मचारी ने अपने ही मालिक को ठग लिया। कर्मचारी ने 2-3 लाख की नहीं बल्कि पूरे 58 लाख की ठगी की है। आरोपी पेट्रोल पंप में सुपरवाइजर के रूप में काम कर रहा था। जब पट्रोल पंप के मालिक को इसकी जानकारी हुई तो उन्होंने इसके बारे में पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई। आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला
कर्नाटक के मैंगलोर जिले के बंगराकुलुर के एक पेट्रोल पंप में काम करने वाले कर्मचारी ने अपना क्यूआर कोड लगाकर 58 लाख रुपये की धोखाधड़ी की। उसने पिछले 2 सालों से क्यूआर कोड के जरिए ग्राहकों से प्राप्त होने वाली रकम अपने बैंक खाते में ट्रांसफर करता रहा।
मैंगलोर जिले के बंगराकुलुर स्थित रिलायंस पेट्रोल पंप पर काम करने वाले एक सुपरवाइजर ने पिछले 2 सालों में 58 लाख रुपये की धोखाधड़ी की। आरोपी ने पेट्रोल पंप के क्यूआर कोड की जगह अपना क्यूआर कोड लगा दिया था। इसके परिणामस्वरूप, जो भी ग्राहक पेमेंट करता वह रकम आरोपी के बैंक खाते में चली जाती थी। आरोपी की पहचान मोहनदास के रूप में हुई है, जो मैंगलोर के बाजपे का निवासी है। वह पिछले 15 साल से इस पेट्रोल पंप पर काम कर रहा था और पंप के बैंक और फाइनेंस से संबंधित मामलों को भी देखता था।
क्यूआर कोड स्कैनर बना ठगी का नया तरीका
आज के डिजिटल जमाने में हर दूसरा व्यक्ति छोटी सी छोटी चीज के लिए भी ऑनलाइन पेंमेंट करता है। ऑनलाइन पेंमेट ने इंसान की लाइफ को काफी आसान होता है। लेकिन इसके साथ ही जालसाजी के केस भी काफी बड़े है। अब क्यूआर कोड स्कैनर से ठगी करने का एक नया तरीका बन गया है। यह खबर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गई है। इस मामले पर हर कोई अलग-अलग तरीके से इस पर अपना रिएक्शन दे रहा है। कुछ लोग इस जुगाड़ को देखकर काफी हैरान हैं, तो वहीं कुछ लोग इसे दिमाग का गलत इस्तेमाल करने की बात कह रहे हैं।