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Ladki Bahin Yojana: महाराष्ट्र सरकार के लिए लाड़की बहिन योजना बनी गले की फांस, ठेकेदारों के 89000 करोड़ रुपये बकाया

Ladki Bahin Yojana: महाराष्ट्र सरकार ने लाड़की बहिन योजना की शुरुआत की है। इस योजना के तहत महिलाओं को हर महीने 15,00 रुपये की आर्थिक मदद मुहैया कराई जाती है। इस बीच राज्य में काम कर रहे ठेकेदारों का कहना है कि लाड़की योजना की वजह से उनके 89,000 करोड़ रुपये फंसे हुए हैं। कई मंत्रालयों में उनके पैसे अटके हुए हैं

Edited By: Jitendra Singhअपडेटेड Apr 22, 2025 पर 1:49 PM
Ladki Bahin Yojana: महाराष्ट्र सरकार के लिए लाड़की बहिन योजना बनी गले की फांस, ठेकेदारों के 89000 करोड़ रुपये बकाया
Ladki Bahin Yojana: ठेकादारों का कहना है कि सबस ज्यादा लोक निर्माण विभाग के 46,000 करोड़ रुपये बकाया है। जिसका अभी तक भुगतान नहीं हुआ है।

महाराष्ट्र सरकार के लिए लाड़की बहिन योजना अब मुसीबत बनती जा रही है। राज्य में काम कर रहे ठेकेदारों और इंजीनियरों के लिए राज्य सरकार की यह योजना रास नहीं आ रही है। अभी तक किसी भी योजना का विरोध आमतौर पर विपक्षी पार्टियां करती थी। लेकिन शायद यह राज्य सरकार की ऐसी पहली योजना होगी। जिसका विरोध ठेकेदार कर रहे हैं। ठेकेदारों का दावा है कि महाराष्ट्र में लाड़की बहिन योजना की वजह से उनका 89,000 करोड़ रुपये का पेमेंट फंस गया है। यह फंसी हुई रकम कई मंत्रालयों की मिलाकर बताई जा रही है।

ठेकेदारों का दावा है कि लाड़की बहिन योजना की शुरुआत करने के बाद से उनका पेमेंट फंस गया है। चुनाव के पहले शुरू की गई योजनाओं का अब तक कोई पेमेंट नहीं किया गया है। इससे राज्य सरकार की योजनाओं को रफ्तार नहीं मिल रही है। कई योजनाएं तो फंड नहीं मिलने के कारण आखिरी सांस ले रही हैं।

लोक निर्माण विभाग से 46,000 करोड़ रुपये बकाया

ठेकेदारों के एक एसोसिएशन ने दावा किया है कि लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी), ग्रामीण विकास, जल जीवन मिशन और अन्य कई विभागों से अब पेमेंट नहीं का गय है। सबसे ज्यादा पेमेंट लोक निर्माण विभाग से फंसा हुआ है। यहां से 46,000 करोड़ रुपये अब तक बकाया है। 18,000 करोड़ रुपये जल आपूर्ति एवं स्वच्छता विभाग (जल जीवन मिशन) का बकाया है। इसी तरह 8,600 करोड़ रुपये ग्रामीण विकास विभाग से, 19,700 करोड़ रुपये सिंचाई विभाग से और 1,700 करोड़ रुपये DPDC, विधायक निधि और सांसद निधि के तहत किए गए कार्यों से पेमेंट बाकी है। कुल मिलाकर सभी विभागों से करीब 89,000 करोड़ रुपये बकाया है। जिसे राज्य सरकार ने अब तक पेमेंट नहीं किया है।

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