आज के दौर में युवा अब नौकरी के पीछे भागने की बजाय कुछ नया, अपना और स्थायी करना चाहते हैं। बड़ी-बड़ी डिग्रियां हासिल करने के बाद भी जब शहरों में रोजगार नहीं मिलता, तो वे गांव की ओर लौट रहे हैं। लेकिन इस बार नजरिया बदला है। अब गांव लौटकर खेती को पुराने तरीके से नहीं, बल्कि एक नए बिजनेस मॉडल के रूप में देखा जा रहा है। खेती में तकनीक, प्लानिंग और मार्केटिंग की समझ जुड़ गई है। ऐसे में खेती अब सिर्फ हल चलाने का काम नहीं रहा, बल्कि स्मार्ट फार्मिंग बन चुकी है।
खासकर बरसात के मौसम में कुछ सब्जियां ऐसी होती हैं जिनकी मांग बहुत ज्यादा होती है और सप्लाई कम। इन्हीं में से एक है टमाटर। यह ऐसी फसल है जो कम लागत, कम मेहनत और जल्दी मुनाफा देने वाली है। यही वजह है कि आज के युवा टमाटर की खेती को एक फायदे वाले बिजनेस के रूप में अपना रहे हैं।
गांव में बिजनेस की नई राह
अगर आप गांव में रहते हैं और रोजगार की तलाश कर रहे हैं, तो ये समय कुछ नया शुरू करने का है। बरसात के मौसम में खेती का सही चुनाव आपकी आमदनी को कई गुना बढ़ा सकता है। खास बात ये है कि खेती के लिए ज्यादा पूंजी की जरूरत नहीं होती। सिर्फ सही जानकारी और मेहनत से आप बड़ा मुनाफा कमा सकते हैं।
क्यों खास है टमाटर की खेती?
टमाटर एक ऐसी सब्जी है जिसकी मांग पूरे साल बनी रहती है। चाहे किसी होटल का किचन हो या घर की रसोई, टमाटर हर जगह जरूरी है। बरसात के मौसम में जब इसकी आपूर्ति कम होती है, तब इसका भाव आसमान छूता है। यही वजह है कि इस समय टमाटर की खेती करना फायदे का सौदा साबित होता है।
टमाटर की खेती शुरू करने के लिए सबसे पहले नर्सरी तैयार करें। इसके लिए टमाटर के बीजों को 10-15 दिन पहले बो दें। नर्सरी तैयार होने के बाद खेत की दो-तीन बार जुताई करें। फिर खेत में मेड़ बनाकर थोड़ी-थोड़ी दूरी पर पौधे लगाएं।
टमाटर के पौधों को बढ़ने में सहारा देने के लिए डोरी या फीते का सहारा लें। इससे पौधा सीधा खड़ा रहता है और फलों का वजन झुकने नहीं देता। कीटों से बचाने के लिए समय-समय पर कीटनाशक दवाओं का छिड़काव करें। पानी की सही व्यवस्था रखें, लेकिन जलभराव न होने दें।
टमाटर की फसल बोने के लगभग दो महीने बाद तैयार हो जाती है। इसकी तुड़ाई चरणों में होती है, जिससे लगातार आमदनी बनी रहती है। बरसात के मौसम में बाजार में इसकी कीमत 40 से 60 रुपये प्रति किलो तक पहुंच सकती है।
युवाओं के लिए सुनहरा मौका
खेती अब बूढ़ों या मजबूरी का काम नहीं रह गया है। यह युवाओं के लिए एक इनोवेटिव बिजनेस मॉडल बन चुका है। जो युवा नौकरी की तलाश में भटक रहे हैं, उनके लिए टमाटर की खेती एक कम निवेश वाला, लेकिन मुनाफे वाला विकल्प बन सकती है।