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Medicine Price Hike: आवश्यक दवाएं हो जाएंगी महंगी, 50% तक बढ़ सकते हैं दाम, NPPA ने दी मंजूरी

Medicine Price Hike: देश भर में आवश्यक दवाओं की कीमतों में इजाफा हो सकता है। राष्ट्रीय दवा मूल्य अथॉरिटी (National Pharmaceutical Pricing Authority -NPPA) ने 50 फीसदी तक दाम बढ़ाने की मंजूरी दे दी है। NPA का कहना है कि इस कदम का मकसद सार्वजनिक स्वास्थ्य आवश्यकताओं के लिए दवाओं की हमेशा मुहैया कराना है

अपडेटेड Oct 15, 2024 पर 9:06 AM
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Medicine Price Hike: दव बनाने वाली कंपनियों का कहना है कि लागत में इजाफा हुआ है, लिहाजा दाम बढ़ाना जरूरी है।

राष्ट्रीय दवा मूल्य निर्धारण अथॉरिटी (National Pharmaceutical Pricing Authority -NPPA) ने आठ दवाओं के 11 फॉर्मूलों की कीमतों में 50 फीसदी तक बढ़ोतरी की मंजूरी दे दी है। एनपीपीए का कहना है कि इसका मकसद सार्वजनिक स्वास्थ्य आवश्यकताओं के लिए दवाओं को हमेशा मुहैया कराना है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के मुताबिक, औषधि (मूल्य नियंत्रण) आदेश, 2013 के पैरा 19 के तहत एक मीटिंग में यह फैसला लिया गया है। ताकि लोगों को आवश्यक दवाएं उचित मूल्य पर बाजार में मिल सकें। दवा बनाने वाली कंपनियों की ओर से दाम बढ़ाने की मांग लंबे समय से चल रही थी।

दवा कंपनियों का कहना है कि दवाएं बनाने की लागत में इजाफा हुआ है। कई ऐसी सामग्री हैं, जो काफी महंगी हो गई हैं। लिहाजा दवाओं के दाम में बढ़ोतरी की गई है। अस्थमा (asthma), ग्लूकोमा (glaucoma), थैलेसीमिया (thalassemia), टीबी (tuberculosis) और मानसिक स्वास्थ्य (mental health) के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाएं शामिल हैं।

इन दवाओं के बढ़ेंगे दाम


जिन दवाओं के दाम बढ़ेंगे, उनमें बेंजिल पेनिसिलिन 10 लाख IU इंजेक्शन, एट्रोपिन इंजेक्शन 0.6 mg/ml, इंजेक्शन के लिए स्ट्रेप्टोमाइसिन पाउडर (750 mg और 1000 mg) साल्बुटामोल टैबलेट (2 mg और 4 mg) और रेस्पिरेटर सॉल्यूशन (5 mg/ml), पिलोकार्पाइन 2 फीसदी ड्रॉप्स, सेफैड्रोक्सिल टैबलेट 500 mg, इंजेक्शन के लिए डेसफेरियोक्सामाइन 500 mg और लिथियम टैबलेट 300 mg शामिल हैं। इससे पहले साल 2019 और 2021 में भी दवाओं दवाओं के दाम 50 फीसदी बढ़ाए गए थे।

क्या होती हैं आवश्यक दवाएं

इस लिस्ट में उन दवाओं को शामिल किया जाता है, जो अधिकतर लोगों के काम में आती हैं। इन दवाओं की प्राइस सरकार के कंट्रोल में होता है। इन दवाओं की कंपनी एक साल में सिर्फ 10 फीसदी ही दाम बढ़ा सकती हैं। इस लिस्ट में एंटी कैंसर की दवाएं भी शामिल हैं।

पेनकिलर से लेकर एंटीबायोटिक तक बढ़े थे दाम

वहीं 1 अप्रैल से 800 दवाओं की कीमतें बढ़ गई हैं। इन दवाओं की लिस्ट में पेनकिलर, एंटीबायोटिक और एंटी-इंफेक्शन की दवाएं शामिल थी। आवश्यक दवाओं की राष्ट्रीय सूची (एनएलईएम) के तहत दवाओं की कीमतें पिछले साल और 2022 में कीमतों में रिकॉर्ड 12 फीसदी और 10 फीसदी की भारी साला बढ़ोतरी हुई थी।

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