NPS vs APY: क्या है एनपीएस और एपीवाय, इनमें कौन कर सकता है निवेश?

NPS और एपीवाय में लोगों ने अच्छी दिलचस्पी दिखाई है। दोनों स्कीम में सब्सक्राइबर्स की संख्या 9 करोड़ के पार हो गई है। दोनों स्कीमों का एसेट अंडर मैनेजमेंट (एयूएम) 9 अक्तूबर, 2025 को 16 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा था

अपडेटेड Nov 05, 2025 पर 8:09 PM
Story continues below Advertisement
सरकार ने अटल पेंशन योजना की शुरुआत 2015 में की थी।

नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) और अटल पेंशन योजना (एपीवाय) को लोगों का शानदार रिस्पॉन्स मिला है। दोनों स्कीम के सब्सक्राइबर्स की संख्या 9 करोड़ के पार हो गई है। दोनों स्कीमों का एसेट अंडर मैनेजमेंट (एयूएम) 9 अक्तूबर, 2025 को 16 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा था। पीएफआरडीए दोनों स्कीमों का रेगुलेटर है। आइए इन स्कीमों के बीच के फर्क को समझते हैं।

NPS की शुरुआत 2004 में हुई थी

NPS की शुरुआत 2004 में हुई थी। इस स्कीम में कोई निवेश कर सकता है। सेंट्रल गवर्नमेंट एंप्लॉयीज के लिए यह स्कीम अनिवार्य है। बाकी लोगों के लिए स्वैच्छिक है। पीएफआरडीए के मुताबिक, 39 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने इस स्कीम को अपने एंप्लॉयीज के लिए लागू किया है।


एनपीएस में दो अकाउंट्स

नेशनल पेंशन सिस्टम में दो अकाउंट्स -टियर I और टियर II होते हैं। टियर I अनिवार्य पेंशन अकाउंट है, जबकि टियर II स्वैच्छिक अकाउंट है। 18 से 70 साल का कोई व्यक्ति एनपीएस में इनवेस्ट कर सकता है। इस स्कीम में न्यूनतम 500 रुपये से निवेश किया जा सकता है। उम्र 60 साल होने पर सब्सक्राइबर को एनपीएस में जमा 60 फीसदी पैसा एकमुश्त दे दिया जाता है। तीन साल के बाद आंशिक विड्रॉल की इजाजत है। प्राइवेट नौकरी करने वाले लोग कॉर्पोरेट एनपीएस के विकल्प का इस्तेमाल कर सकते हैं।

निवेश के एक्विट और ऑटो दो विकल्प

एनपीएस में इनवेस्टमेंट के दो विकल्प-एक्टिव और ऑटो हैं। एक्टिव ऑप्शन में इनवेस्टर चार एसेट क्लास में अपने कंट्रिब्यूशन को एलोकेट कर सकता है। इनमें इक्विटी, कॉर्पोरेट डेट, गवर्नमेंट सिक्योरिटीज और अल्टरनेटिव इनवेस्टमेंट फंड्स (एआईएफ) शामिल हैं। हाल में मल्टीपल स्कीम फ्रेमवर्क के तहत इक्विटी में निवेश की सीमा बढ़ाकर 100 फीसदी कर दी गई है।

बैंक या एनपीएस पोर्टल के जरिए निवेश

इनवेस्टर बैंक या एनपीएस के पोर्टल के जरिए ऑनलाइन इस स्कीम में निवेश कर सकता है। उसे कुछ डॉक्युमेंट्स सब्मिट करने होंगे। डॉक्युमेंट्स के वेरिफिकेशन के बाद उसे एक पर्मानेंट रिटायरमेंट अकाउंट नंबर (PRAN) जारी कर दिया जाता है। इससे उसे अपने एनपीएस अकाउंट को मैनेज करने में आसानी होती है।

APY की शुरुआत 2015 में हुई थी

सरकार ने अटल पेंशन योजना की शुरुआत 2015 में की थी। यह स्कीम असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले लोगों के लिए है। ऐसे लोग इस स्कीम में निवेश कर सकते हैं, जो किसी सोशल सिक्योरिटी स्कीम के तहत नहीं आते हैं और इनकम टैक्स नहीं चुकाते हैं। इस स्कीम के सब्सक्राइबर्स की संख्या मई 2025 में 7.65 करोड़ पहुंच गई थी। इस स्कीम में सब्सक्राइबर्स को रिटायरमेंट के बाद हर महीने 1,000 रुपये से 5000 रुपये के बीच पेंशन मिलती है।

यह भी पढ़ें: Education Loan: क्रेडिट स्कोर के बगैर भी मिलेगा एजुकेशन लोन, यहां जानिए कैसे

हर महीने, तिमाही या छमाही कंट्रिब्यूशन की सुविधा

एक सब्सक्राइबर अटल पेंशन योजना में एक अकाउंट खोल सकता है। सब्सक्राइबर की उम्र 18 से 40 साल के बीच हो सकती है। इस स्कीम में बैंक या पोस्ट ऑफिस के जरिए निवेश किया जा सकता है। इस स्कीम में हर महीने, हर तिमाही या छमाही आधार पर कंट्रिब्यूशन किया जा सकता है। सरकार सब्सक्राइबर के टोटल कंट्रिब्यूशन का 50 फीसदी तक कंट्रिब्यूशन करती है जो प्रति माह 1,000 रुयये तक हो सकता है।

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।