PM Kisan Yojana: देश के किसानों के चेहरे में फिर से मुस्कान आ सकती है। केंद्र सरकार पीएम किसान योजना के बारे में चुनाव से पहले बड़ा तोहफा दे सकती है। किसानों की आमदनी बढ़ाने के मकसद से केंद्र सरकार की ओर से पीएम किसान सम्मान निधि योजना चलाई जा रही है। इस योजना के तहत केंद्र सरकार को पिछले एक साल में 10,000 करोड़ रुपये की बचत हुई है। यह बचत अयोग्य लाभार्थी किसानों को योजना से बाहर का रास्ता दिखाने पर हुई है। सूत्रों के हवाले से CNBC-TV18 ने इस बात की जानकारी दी है।
सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट में बताया गया है कि पीएम- किसान डेटा बेस में गहन जांच पड़ताल की गई है। इसके चलते 1.72 करोड़ अयोग्य लाभार्थी किसानों को हटाया गया है। लिहाजा केंद्र सरकार को इस योजना में हजारों करोड़ रुपये की बचत हुई है।
पीएम किसान योजना में किसानों को मिल सकता है तोहफा
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, संभावना जताई जा रही है कि केंद्र सरकार इसमें किसानों का दायरा बढ़ाने पर विचार कर सकती है। इस योजना के दायरे में बटाईदारों (sharecroppers), किराएदार किसानों (tenant farmers- सालाना ठेका) और भूमिहीन किसानों को शामिल किया जा सकता है। सूत्रों ने यह भी कहा कि इस भारी भरकम बचत से सरकार किश्तों में भी इजाफा कर सकती है। हालांकि अभी तक सरकार की ओर से इस बारे में कोई प्रस्ताव नहीं तैयार किया गया है। कृषि मंत्रालय की ओर से भी अभी तक इस तरह का कोई प्रस्ताव नहीं आया है। पीएम किसान योजना में किसानों के अकाउंट में सीधे पैसे ट्रांसफर किए जाते हैं। किसानों की पहचान करने की जिम्मेदारी राज्य सरकारों को दी गई है।
किसानों को सालाना मिलते हैं 6000 रुपये
बता दें कि पीएम किसान सम्मान निधि योजना की शुरुआत 1 दिसंबर 20218 को हुई। पीएम किसान सम्मान निधि के तहत किसानों को सालाना 6,000 रुपये मुहैया कराए जाते हैं। ये पैसे किसानों को किश्तों में दिए जाते हैं। साल भर में तीन किश्त जारी की जाती हैं। हर एक किश्त में 2,000 रुपये दिए जाते हैं। हर 4 महीने में एक किश्त जारी की जाती है।
पीएम किसान योजना में इन लोगों को नहीं मिलता फायदा
अगर कोई किसान किसी दूसरे किसान से जमीन लेकर किराए पर खेती करते हैं। तब ऐसी स्थिति में उसे भी योजना का लाभ नहीं मिलता है। पीएम किसान में लैंड की ओनरशिप जरूरी है। वहीं अगर कोई किसान या परिवार में कोई संवैधानिक पद पर है तो उसे लाभ नहीं मिलता है। इतना ही नहीं डॉक्टर, इंजीनियर, सीए, आर्किटेक्ट्स और वकील जैसे प्रोफेशनल्स को भी योजना का लाभ नहीं उठा सकते हैं। भले ही वो किसानी भी करते हों। इसके साथ ही 10,000 रुपये से अधिक की मासिक पेंशन पाने वाले रिटायर्ट कर्मचारियों को भी इसका फायदा नहीं मिलता है।