PM Kisan Yojana: देश में ज्यादातर किसानों की आर्थिक स्थिति बेहतर नहीं है। बहुत से ऐसे किसान हैं जिन्हें फसल का नुकसान झेलना पड़ता है। ऐसे में केंद्र सरकार ने किसानों की आर्थिक मदद के लिए कई योजनाएं चलाती है। इसी तरह की एक योजना का नाम प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM Kisan Yojana) है। इस योजना का फायदा देश के करोड़ों किसानों को मिल रहा है। अब इस योजना में सरकार राशि बढ़ाने की तैयारी कर रही है। अगर इसमें इजाफा होता है तो किसानों को लिए बहुत बड़ी राहत होगी।
बता दें कि पीएम किसान सम्मान निधि के तहत किसानों को सालाना 6,000 रुपये मुहैया कराए जाते हैं। इसमें किसानों को हर किश्त में 2,000 रुपये मिलते हैं। केंद्र सरकार की ओर से साल भर में 3 किश्तों में पैसे जारी किए जाते हैं।
सम्मान निधि में 50 फीसदी हो सकती है बढ़ोतरी
पीएम किसान सम्मान निधि की राशि में बढ़ोतरी का प्रस्ताव प्रधानमंत्री कार्यालय के सामने रखा जा चुका है। अगर सरकार यह प्रस्ताव मान लेती है तो उस पर सालाना आधार पर 20,000-30,000 करोड़ रुपये का बोझ बढ़ेगा। हालांकि, अभी यह तय नहीं हुआ है कि बढ़ी हुई राशि कब से किसानों के खाते में जमा किया जाएगा। माना जा रहा है कि चार राज्यों में इस साल होने वाले चुनाव से पहले इस पर फैसला हो सकता है। आपको बता दें कि राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना में इस साल के आखिर तक विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। सम्मान निधि में करीब 50 फीसदी की बढ़ोतरी हो सकती है। यानी 2000 रुपये से लेकर 3,000 रुपये तक बढ़ाए जा सकते हैं।
MSP पर खरीदारी बढ़ाने की तैयारी
देशभर के किसानों की मांग है कि फसलों के MSP लागू होने के बाद कुछ ही राज्यों के किसानों को इसका फायदा मिलता है। इस मांग पर विचार करते हुए सरकार MSP यानी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर अधिक आनाज खरीदने की तैयारी कर रही है। इससे किसानों की आय बढ़ाने में मदद मिलेगी।
इन लोगों को नहीं मिलता पीएम किसान का फायदा
पीएम किसान सम्मान निधि योजना के मुताबिक, पति-पत्नि दोनों पीएम किसान सम्मान निधि योजना का लाभ (PM Kisan Benefits) नहीं उठा सकते हैं। अगर कोई ऐसा करता है तो उसे फर्जी करार देते हुए सरकार उससे रिकवरी करेगी। इसके अलावा किसान परिवार में कोई टैक्स देता है तो इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा। यानी पति या पत्नी में से कोई पिछले साल इनकम टैक्स भरा है तो उन्हें इस योजाना का लाभ नहीं मिलेगा। वहीं अगर कोई किसान किसी दूसरे किसान से जमीन लेकर किराए पर खेती करते हैं। तब ऐसी स्थिति में उसे भी योजना का लाभ नहीं मिल सकेगा। पीएम किसान में लैंड की ओनरशिप जरूरी है। वहीं अगर कोई किसान या परिवार में कोई संवैधानिक पद पर है तो उसे लाभ नहीं मिलेगा।