अगर आपका भी किसी बैंक में सेविंग अकाउंट है और आपने लगभग 10 सालों से उसका इस्तेमाल नहीं किया तो यह खबर आपके लिए जरूरी है। अगर आपने अपने सेविंग अकाउंट का इस्तेमाल पिछले 10 सालों के दौरान नहीं किया है तो 1 जून 2023 से इसमें कुछ बदलाव होने जा रहा है। दरअसल रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने 100 डेज 100 पे के नाम से एक खास अभियान चलाया है। इस अवधि के दौरान बैंकों में पड़े अनक्लेम्ड डिपॉजिट का सेटलमेंट किया जाएगा।
इस तरह की रकम मानी जाएगी अनक्लेम्ड
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की गाइडलाइन के मुताबिक ऐसे सेविंग और करंट अकाउंट जो 10 सालों से इस्तेमाल में नहीं है या फिर मेच्योरिटी की तारीख से 10 सालों के अंदर उसमें जमा रकम के लिए क्लेम नहीं किया गया है उनको अनक्लेम्ड डिपॉजिट माना जाता है। खास तौर पर इस तरह के डिपॉजिट को बैंकों की तरफ से आरबीआई के डिपॉजिटर एजुकेशन एंड अवेयरनेस फंड (DEA) में ट्रांसफर कर दिया जाता है।
अप्रैल 2023 में मॉनिट्री पॉलिसी का ऐलान करते हुए रिजर्व बैंक ने कहा था कि जमाकर्ताओं की सेफ्टी हमारा लक्ष्य है। इसे सुनिश्चित करने के लिए रिजर्व बैंक कई तरह के उपाय भी कर रहा है। RBI की कोशिश है कि नए डिपॉजिट अनक्लेम्ड न रहें और मौजूदा अनक्लेम्ड डिपॉजिट को उनके मालिकों तक पहुंचाया जाए।
बनाया गया है एक वेब पोर्टल
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने 6 अप्रैल 2023 को अनक्लेम्ड डिपॉजिट का पता लगाने के लिए एक सेंट्रलाइज्ड वेब पोर्टल को शुरू किया था। फिलहाल 10 साल से ज्यादा समय वाले अनक्लेम्ड डिपॉजिट का पता लगाने के लिए कई सारे बैंकों की वेबसाइट से होकर गुजरना पड़ता है। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने फाइनेंशियल ईयर 2023-24 की पहली मॉनिट्री पॉलिसी कमेटी की बैठक के नतीजों को जारी करते हुए कहा था कि हमारी इस पहल से जमाकर्ताओं को बैंक में जमा उनका पैसा वापस पाने में सहायता मिलेगी। बाद में 12 मई को, RBI ने बैंकों के लिए इन लावारिस जमाओं का पता लगाने और निपटाने के लिए '100 दिन 100 भुगतान' अभियान की घोषणा की।