Red Radish: सब्जी के साथ-साथ सलाद की शोभा बढ़ाने वाली सफेद मूली (White Radish) का मीठा-कसैला स्वाद आमतौर पर सबको पसंद रहता है। सफेद रंग की मूली ना सिर्फ पोषण से भरपूर होती है। बल्कि सर्दियों में पानी की कमी को भी पूरा करती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि सफेद मूली से ज्यादा फायदा और मुनाफा लाल मूली की खेती (Red Radish Farming) में है। भारत में विदेशी सब्जियों की बढ़ती मांग के बीच लाल मूली भी काफी पॉपुलर हो गई है। सफेद मूली के मुकाबले लाल मूली में एंटीऑक्सीडेंट्स ज्यादा पाए जाते हैं। सफेद मूली के मुकाबले लाल मूली काफी महंगी बिकती है।
लाल मूली की खेती भारत में कहीं भी कर सकते हैं। बड़े-बड़े शहरों में फाइव स्टार होटल, मॉल, डिपार्मेंटल स्टोर, ऑनलाइन मार्केट और यहां तक मंडियों में लाल मूली की फसल (Red Radish Crop) हाथोंहाथ बिक सकती है।
ठंड के महीने में लाल मूली की खेती
लाल मूली की खेती ठंड के महीने में की जा सकती है। दिसंबर से लेकर फरवरी तक का महीना इसकी खेती के लिए बेहतर माना गया है। इसके लिए दोमट बेहतर मानी गई है। इसके अलावा इसकी खेती बलुई मिट्टी में भी की जा सकती है। इसके लिए भूमि का पीएच मान 5 से 7.5 के बीच होना चाहिए। लाल मूली की जड़ें (कंद) गहरे लाल रंग की होती हैं। इसके पत्ते गहरे हरे रंग के होते हैं। बुवाई के बाद फसल को तैयार होने में 20-40 दिन लगते हैं। प्रति एकड़ इसकी उपज 54 क्विंटल तक हासिल की जा सकती है। उन्नत किस्म के बीज और बेहतर तरीके से खेती करने पर लागत कम हो जाती है और मोटी कमाई कर सकते हैं।
सफेद मूली के मुकाबले लाल मूली ज्यादा महंगी बिकती है। अभी तक इसकी खपत सिर्फ बड़े शहरों तक ही सीमित थी। लेकिन सोशल मीडिया के दौर में अब छोटे शहरों और कस्बों में भी इसकी बागवानी की जा रही है। किसान चाहें तो लाल मूली के उन्नत बीज ऑनलाइन ऑर्डर करके मंगवा सकते हैं। भारत में लाल मूली की पूसा मृदुला (Pusa Mridula-Red Radish) किस्म भी ईजाद की गई है। गहरे लाल रंग की मूली 25 से 40 दिन के अंदर 135 क्विंटल तक पैदावार दे सकती है।