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SBI पॉजिटिव पे सिस्टम से रुकेगा चेक से जुड़ा फ्रॉड, जानें क्या है इसका पूरा प्रोसेस

देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने अपने ग्राहकों को चेक के जरिए होने वाले फ्रॉड से बचाने के लिए पॉजिटिव पे सिस्टम को शुरू किया है। SBI पॉजिटिव पे सिस्टम चेक से जुड़े फ्रॉड को रोकने के लिए स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की तरफ से लागू किया गया एक सेफ्टी सिस्टम है। यह सिस्टम चेक में छेड़-छाड़ या बदलाव के जरिए फ्रॉड को रोकने का एक तरीका है। पॉजिटिव पे सिस्टम में चेक जारी करने वाले व्यक्ति द्वारा बैंक में चेक के सारे डिटेल की दोबारा से वेरिफिकेशन करना शामिल है

अपडेटेड Aug 03, 2023 पर 5:59 PM
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ग्राहकों को चेक के जरिए होने वाले फ्रॉड से बचाने के लिए SBI ने पॉजिटिव पे सिस्टम को शुरू किया है

SBI Positive Pay System: अपने ग्राहकों के पैसों को सुरक्षित रखने के लिए बैंक समय समय पर अलग अलग तरह के उपाय अपनाते रहते हैं। इन्हीं में से एक है चेक के जरिए होने वाले फ्रॉड को रोकना। मजबूत सेफ्टी सिस्टम, जालासजों तकनीकों को समझ कर और अपने ग्राहकों को अलर्ट करके बैंक होने वाले फ्रॉड को रोकने की कोशिश करते हैं। अब अपने ग्राहकों को चेक के जरिए होने वाले फ्रॉड से बचाने के लिए देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने पॉजिटिव पे सिस्टम को शुरू किया है।

SBI ने शुरू किया पॉजिटिव पे सिस्टम

SBI पॉजिटिव पे सिस्टम चेक से जुड़े फ्रॉड को रोकने के लिए स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की तरफ से लागू किया गया एक सेफ्टी सिस्टम है। यह सिस्टम चेक में छेड़-छाड़ या बदलाव के जरिए फ्रॉड को रोकने का एक तरीका है। पॉजिटिव पे सिस्टम में चेक जारी करने वाले व्यक्ति द्वारा बैंक में चेक के सारे डिटेल की दोबारा से वेरिफिकेशन करना शामिल है। इसे पेमेंट प्रॉसेस के दौरान क्रॉस चेक भी किया जाएगा।


RBI ने दिए हैं निर्देश

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की गाइडलाइन के मुताबिक बैंक ने 1 जनवरी 2021 से चेक पेमेंट के सभी तरीकों के लिए पॉजिटव पे सिस्टम को लागू कर दिया है। पॉजिटिव पेमेंट सिस्टम को एक वैल्यु एड सेफ्टी उपाय माना जाता है जो कि ग्राहकों को धोखाधड़ी से बचाने में हेल्प करता है। यह प्रॉसेस इस्तेमाल करने में भी काफी सरल और आसान है। साथ ही इससे ग्राहकों को यह भरोसा भी मिलता है कि इससे उनका चेक सेफ है।

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क्या है इसका प्रोसेस

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) में लागू पॉजिटिव पे सिस्टम में दो प्रोसेस शामिल हैं। इसमें पहला है अकाउंट रजिस्ट्रेशन और दूसरा है चेक सबमिट करना। अकाउंट रजिस्ट्रेशन में जिन कस्टमर्स को इस सुविधा में शामिल होने की जरूरत है उनको तय प्रारूप में एक अप्लीकेशन फॉर्म जमा करके किसी भी ब्रांच के जरिए से पॉजिटिव पे सिस्टम के लिए अपने चेक वाले अकाउंट का एक बार रजिस्ट्रेशन कराना होगा। यह रजिस्ट्रेशन आप ऑप्शनल चैनल के जरिए से भी कर सकते हैं। आप रिटेल इंटरनेट बैंकिंग (RINB), कॉरपोरेट इंटरनेट बैंकिंग (CINB), मोबाइल बैंकिंग (YONO Lite), और योनो मोबाइल ऐप के जरिए इसे कर सकते हैं। इसके अलावा ग्राहकों को रजिस्ट्रेशन के लिए अकाउंट लेवल की लिमिट का भी चयन करना होगा। ग्राहकों की जोखिम धारणा के आधार पर यह कोई भी रकम हो सकती है।

इससे ऊपर की रकम में लागू होगा यह सिस्टम

बैंक की ऑफीशियल वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के मुताबिक 5 लाख रुपये या फिर उससे ज्यादा के बैंक अकाउंट के चेक और दूसरे सभी टाइप के अकाउंट करेंट अकाउंट, नकद क्रेडिट और ओवरड्राफ्ट के लिए 10 लाख रुपये और उससे ज्यादा के चेक के लिए पॉजिटिव पे सिस्टम को अनिवार्य करने का नियम बना रहा है। इस तरह एक बार कंपलसरी सेक्शन के प्रभावी हो जाने के बाद अधिकतम अकाउंट लेवल की जो सीमाएं चुनी जा सकती हैं वो ऊपर लिखी हुई रकम होगी।

चेक जमा करना

एक बार पीसीएस के लिए रजिस्ट्रेशन करने के बाद ग्राहकों को पॉजिटिव पे सिस्टम के लिए सेलेक्टेड अकाउंट लेवल की सीमा के लिए और उससे ऊपर जारी किए गए चेक का अकाउंट नंबर, चेक नंबर, डेट, रकम, चेक काटने वाले का नाम और MICR बैंड पर दाईं ओर नीचे दो अंकों की संख्या को उपलब्ध कराना होगा। चेक जमा करना किसी भी शाखा के माध्यम से या वैकल्पिक चैनलों के माध्यम से किया जा सकता है। साथ ही पॉजिटिव पे सिस्टम में जहां पर रेजिडेंस डिटेल नहीं दी गई है वहां पर बिन पेमेंट के ही चेक को वापस कर दिया जाएगा। हालांकि ऐसे रिटर्न पर चेक रिटर्न फीस नहीं लगाई जाएगी।

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