FASTag News: करीब साढ़े तीन साल पहले देश में सभी चार पहिया गाडियों के लिए फास्टैग (FASTag) अनिवार्य किया जा चुका है। इसे इसलिए लाया गया था ताकि हाईवेज पर मौजूद टोलबूथ पर गाड़ियों की आवाजाही पर ब्रेक न लगे और गाड़ियां फटाफट टोल बूथ पार कर जाएं। हालांकि अब नेशनल हाईवेज अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ऐसी चुनौती से जूझ रही है जिसके बारे में उम्मीद ही नहीं की गई थी। कई यूजर्स फास्टैग अपनी गाड़ी की विंडशील्ड पर इसे लगाना नहीं चाहते हैं और इनमें से अधिकतर लोग गलत जानकारियों के चलते ऐसा रुख अपना रहे हैं। गुरुवार को NHAI ने सख्त रुख अपनाया और कहा जो जान-बूझकर फास्टैग अपनी विंडस्क्रीन पर नहीं लगा रहे हैं, उन्हें टोल लेन पर दोगुना टोल देना होगा।
आखिर क्यों नहीं लगा रहे हैं विंडशील्ड पर फास्टैग?
कई लोग फास्टैग को विंडस्क्रीन पर अफवाहों के चलते नहीं लगा रहे हैं। एक शख्स ने न्यूज 18 से बातचीत में कहा कि सोशल मीडिया में एक वीडियो वायरल हुआ था। इसमें कहा गया था कि अगर कोई शख्स फास्टैग स्कैन कर लेगा तो आपके बैंक खाते से पैसे कट जाएंगे। यह वीडियो देखने के बाद शख्स ने अपनी गाड़ी से फास्टैग हटा दिया। इस प्रकार समझ सकते हैं कि अफवाहों ने कितना असर डाला है। हालांकि ध्यान दें कि इस प्रकार का स्कैम संभव ही नहीं है क्योंकि फास्टैग के जरिए पर्सन-टू-पर्सन ट्रांजैक्शन हो ही नहीं सकता है और यह सिर्फ पर्सन-टू-मर्चेंट के लिए डिजाइन किया गया है। एक और बड़ा डर है जिसके चलते कुछ लोग विंडशील्ड पर फास्टैग नहीं लगा रहे हैं। एक शख्स ने बताया कि अगर गाड़ी चोरी हो गई तो चुराने वाला बैंक खाते से पूरा पैसा उड़ा लेगा क्योंकि उनके पास फास्टैग और बैंक खाते का एक्सेस हो जाएगा।
हालांकि सिर्फ अफवाहें या डर ही नहीं हैं फास्टैग न लगाने की वजह। एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि वह अपनी गाड़ी पर फास्टैग नहीं लगाते हैं क्योंकि टोल से राहत के लिए अपना ऑफिशियल कार्ड इस्तेमाल कर सकते हैं। उनका कहना है कि अगर विंडशील्ड पर फास्टैग लगा रहेगा तो यह पैसे काट लेगा। यहां ध्यान दें कि सभी सरकारी अधिकारियों को टोल से छूट नहीं है।
एक शख्स ने तो बताया कि उसके घर में दो कार है तो वह दोनों कारों के लिए एक ही फास्टैग इस्तेमाल करता है। फास्टैग एक बार विंडशील्ड पर लग गया तो इसे निकालने पर यह खराब हो जाएगा तो ऐसे में अलग-अलग कारों में इस्तेमाल करने के लिए वह इसे विंडशील्ड पर नहीं लगाते हैं। ध्यान दें कि एक बार फास्टैग लगाने के बाद इसे हटाया नहीं जा सकता है। हटाने पर यह खराब हो जाएगा। इसके अलावा एक कार का सिर्फ एक फास्टैग हो सकता है। अगर यह खो गया, खराब हो गया या चोरी हो गया तो इसे जहां से बनवाया है, वहां से दूसरा ले सकते हैं। अगर एक ही गाड़ी के लिए अलग-अलग बैंकों से फास्टैग लिया है तो जो लेटेस्ट होगा, बस वह चालू रहेगा, बाकी सब निष्क्रिय हो जाएंगे। कुछ कार मालिकों ने बताया कि वे इसलिए फास्टैग नहीं लगा रहे क्योंकि इससे विंडशील्ड खराब हो सकता है।
टोल बूथ पर कितना समय बचाया FASTag ने?
सेंट्रल मोटर वीईकल्स रूल्स (CMVR), 1989 के मुताबिक 1 दिसंबर 2017 से सभी नई चार पहिया गाड़ियों के लिए फास्टैग अनिवार्य कर दिया है और इसे कार बनाने वाली कंपनियां या डीलर्स दे रहे हैं। इसके अलावा ट्रांसपोर्ट गाड़ियों की बात करें तो उनका फिटनेस सर्टिफिकेट फास्टेग के फिटमेंट के बाद ही रिन्यू होगा। नेशनल पर्मिट वाली गाड़ियों के लिए फास्टैग के फिटमेंट को अक्टूर 2019 से अनिवार्य किया गया है। 1 जनवरी 2021 से पुरानी गाड़ियों पर भी फास्टैग अनिवार्य कर दिया गया। मिनिस्ट्री ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाईवेज के मुताबिक फास्टैग लागू होने के बाद से टोल प्लाजा पर वेटिंग टाइम अब 734 सेकंड से गिरकर 47 सेकंड रह गया है।