कभी-कभी ऐसा होता है कि हम महीने के दौरान बिना सोचे समझे बहुत अधिक खर्च कर देते हैं। जब कैश देने की जगह क्रेडिट कार्ड से पेमेंट करते तो अमाउंट पर बहुत अधिक ध्यान नहीं जाता और जब हमें अपना क्रेडिट कार्ड का बिल मिलता है, तो परेशान हो जाते हैं। कभी-कभी ऐसा होता है कि बिल इतना ज्यादा होता है कि आप पूरा पैसा चुका नहीं पाते हैं। आप अपना मिनिमम बिल चुका देते हैं। जब हम पूरा पैसा एक साथ नहीं दे पाते तो हमें न्यूनतम पेमेंट ही बचाता है। क्या आपको पता है कि मिनिमम पेमेंट क्या है? ये कैसे काम करता है?
क्या होता है मिनिमम अमाउंट ड्यू (MAD)?
मिनिमम अमाउंट ड्यू (MAD) वह अमाउंट होता है जो आपको अपने कार्ड के ऑपरेशन को बनाए रखने के लिए चुकाना होता है। ये पेमेंट आपक ड्यू डेट यानी पेमेंट डेट तक करनी होती है। मिनिमम पेमेंट के जरिये ग्राहक ये बताता है कि वह समय आने पर क्रेडिट कार्ड और उसके अमाउंट पर लगने वाले इंटरेस्ट को पे करेगा। वह इंटरेस्ट की जिम्मेदारी उठाएगा। आपको देर से पेमेंट करने पर जुर्माना या चार्ज भी चुकाना होगा।
यदि आप समय पर मिनिमम अमाउंट ड्यू का पेमेंट करते हैं, तो आपकी क्रेडिट कार्ड कंपनी या बैंक खराब स्कोर वाले क्रेडिट ब्यूरो को आपकी रिपोर्ट नहीं करेंगे। यदि आप समय पर क्रेडिट कार्ड का पेमेंट नहीं करते हैं तो आपका क्रेडिट स्कोर खराब हो जाएगा। आप अपने क्रेडिट स्कोर को बिल की न्यूनतम पेमेंट करके बचा सकते हैं।
अपने क्रेडिट कार्ड का मिनिमम बिल पे करने पर सबसे बड़ा फायदा ये होता है कि आपको 2 महीने का इंटरेस्ट फ्री पीरियड मिल जाता है। साथ ही स्टेटमेंट भेजे जाने का 20 दिन विंडो अलग मिलता है। यानी, मिनिमम पेमेंट कर आप कुछ महीने इंटरेस्ट से बच सकते हैं। यदि आप मिनिमम बिल पे नहीं करते तो ग्राहक को इंटरेस्ट फ्री पीरियड नहीं मिलता। इसके अलावा आपने जिस भी तारीख से सामान खरीदा था, उस तारीख से बिल नहीं भरने तक के समय तक का ब्याज आपके बिल में जोड़ दिया जाता है। जब तक आप लोन यानी पैसा नहीं चुकाते, तब तक ब्याज लगता रहता है।