अब भी भर सकते हैं ITR, सुधार सकते हैं गलतियां; जानिए रिवाइज्ड और बिलेटेड रिटर्न का पूरा प्रोसेस
Income Tax Return: अगर आपने ITR में गलती की है या समय पर रिटर्न नहीं भरा, तो अब भी मौका है। 31 दिसंबर 2025 तक Revised या Belated Return फाइल किया जा सकता है। जानिए पूरा प्रोसेस, डेडलाइन और पेनल्टी का नियम।
अगर रिवाइज्ड रिटर्न में कोई अतिरिक्त टैक्स देनदारी निकलती है, तो उस पर आपको ब्याज देना पड़ सकता है।
Income Tax Return: वित्त वर्ष 2024-25 (FY25) के लिए बिना ऑडिट वाले इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) दाखिल करने की आखिरी तारीख 16 सितंबर 2025 थी। आयकर विभाग ने यह डेडलाइन दो बार बढ़ाई थी। पहले यह 31 जुलाई 2025 तय की गई थी। लेकिन इस साल ITR फॉर्म में हुए बदलावों के कारण इसे 15 सितंबर तक बढ़ाया गया। फिर 15 सितंबर की रात हजारों लोगों ने IT पोर्टल की दिक्कतों की शिकायत की, जिसके बाद विभाग ने एक दिन का अतिरिक्त समय दिया।
अगर आपने समय पर ITR फाइल किया है, लेकिन उसमें कोई गलती या छूट रह गई है, तो घबराने की जरूरत नहीं है। आप अपने रिटर्न को सुधार सकते हैं।
किन गलतियों को सुधार सकते हैं
अक्सर टैक्सपेयर से गलती से गलत पर्सनल डिटेल भर जाती है, कोई इनकम का सोर्स छूट जाता है, या कोई टैक्स डिडक्शन क्लेम करना भूल जाते हैं। ऐसी सभी गलतियों को आप Revised ITR के जरिए ठीक कर सकते हैं। यह सुविधा आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 139(5) के तहत दी गई है। टैक्सपेयर 31 दिसंबर 2025 तक अपना Revised ITR फाइल कर सकते हैं।
e-File सेक्शन में जाएं और 'Income Tax Return' पर क्लिक करें।
'File Income Tax Return' चुनें और संबंधित असेसमेंट ईयर सेलेक्ट करें।
सेक्शन 139(5) के तहत 'Revised Return' ऑप्शन चुनें।
अपनी गलती सुधारें और मूल ITR का एक्नॉलेजमेंट नंबर भरें।
रिवाइज्ड रिटर्न सबमिट करें और e-verify करना न भूलें।
Revised Return से जुड़ी अहम बातें
अगर रिवाइज्ड रिटर्न में कोई अतिरिक्त टैक्स देनदारी निकलती है, तो उस पर आपको ब्याज देना पड़ सकता है। यह ब्याज उसी दिन से लगेगा, जब टैक्स चुकाना था, और तब तक लगेगा जब तक आप रिवाइज्ड रिटर्न दाखिल नहीं करते।
रिवाइज्ड ITR 31 दिसंबर तक या असेसमेंट पूरा होने से पहले, जो भी पहले हो, तब तक फाइल किया जा सकता है। खास बात यह है कि आप रिफंड मिलने के बाद भी रिवाइज्ड ITR फाइल कर सकते हैं।
अगर ITR ही फाइल नहीं किया तो?
अगर आपने FY25 का ITR अभी तक फाइल नहीं किया, तो आपके पास अब भी मौका है। आप 31 दिसंबर से पहले Belated Return फाइल कर सकते हैं। हालांकि, इसके साथ लेट फीस लगेगी।
Belated Return फाइल करने पर ये पेनल्टी लागू होती है। सालाना इनकम ₹5 लाख से ज्यादा होने पर ₹5,000 की पेनल्टी और ₹5 लाख से कम आय पर ₹1,000 की पेनल्टी
इसके अलावा, बकाया टैक्स पर हर महीने 1% का ब्याज भी देना होगा। आयकर विभाग के मुताबिक, धारा 234F के तहत लेट फाइलिंग फीस ₹5,000 तय की गई है, जो ₹1,000 हो जाती है अगर आपकी आय ₹5 लाख से कम है।
Belated Return में हैं ये सीमाएं
Belated Return से आप रिफंड क्लेम कर सकते हैं, लेकिन टैक्स रीजीम नहीं बदल सकते। यानी आप पुराने से नए रीजीम या नए से पुराने में स्विच नहीं कर पाएंगे। इससे टैक्स लायबिलिटी बढ़ सकती है और रिफंड घट सकता है।
साथ ही, समय पर रिटर्न न भरने से भविष्य के लिए लॉसेस कैरी फॉरवर्ड करने या कुछ डिडक्शन का लाभ लेने का मौका भी चला जाता है। Belated Return को भी आप 31 दिसंबर तक रिवाइज्ड कर सकते हैं।
Belated Return भी चूक गए तो?
अगर आप 31 दिसंबर तक Belated Return भी नहीं भर पाए, तो आपके पास एक और विकल्प है- Updated Return (ITR-U)। यह धारा 139(8A) के तहत फाइल किया जा सकता है।
हालांकि, ITR-U के जरिए आप कोई नई डिडक्शन क्लेम नहीं कर सकते या टैक्स लायबिलिटी घटा नहीं सकते। इसमें पेनल्टी भी लगती है। आप इसे संबंधित असेसमेंट ईयर के खत्म होने के चार साल के भीतर फाइल कर सकते हैं।
ITR-U की पेनल्टी फाइलिंग टाइमलाइन के हिसाब से बढ़ती जाती है।
12 महीने के भीतर फाइल करने पर: कुल टैक्स और ब्याज पर 25% अतिरिक्त टैक्स
12 से 24 महीने के बीच: 50% अतिरिक्त टैक्स
24 से 36 महीने के बीच: 60% अतिरिक्त टैक्स
36 से 48 महीने के बीच: 70% अतिरिक्त टैक्स
इन बातों का भी जरूर रखें ध्यान
ITR फाइल करने से पहले सभी जानकारी दोबारा जांच लें। गलतियां मिलने पर विभाग नोटिस भेज सकता है, और आपका रिफंड भी अटक सकता है। साथ ही, टैक्स न चुकाने पर ब्याज, पेनल्टी और सजा तीनों हो सकती हैं।
आयकर विभाग के मुताबिक, 'टैक्स न देने पर सजा तीन महीने से दो साल तक की हो सकती है। अगर टैक्स की रकम ₹25 लाख से ज्यादा है, तो सजा छह महीने से सात साल तक हो सकती है।'
इसलिए, अगर आपने अभी तक ITR नहीं भरा है, तो 31 दिसंबर से पहले जरूर फाइल करें। और अगर कोई गलती रह गई है, तो Revised Return के जरिए सही करें, ताकि आगे कोई परेशानी न हो।