Zero ITR: बड़े काम का है जीरो ITR, लोन से लेकर वीजा अप्लाई तक में मिलेगी मदद; जानें 7 फायदे
Zero ITR: जीरो ITR फाइल करना सिर्फ टैक्स से जुड़ा कदम नहीं, बल्कि एक स्मार्ट फाइनेंशियल मूव है। इससे लोन, वीजा, रिफंड, क्रेडिट स्कोर और सरकारी स्कीम्स में मदद मिलती है। जानें 7 फायदे और फाइलिंग का आसान तरीका।
TDS कटने पर आप जीरो ITR के जरिए रिफंड क्लेम कर सकते हैं।
Zero ITR: कई लोग सोचते हैं कि अगर उनकी आमदनी टैक्सेबल लिमिट से कम है, तो उन्हें ITR (Income Tax Return) फाइल करने की जरूरत नहीं। ये बात बेशक तकनीकी तौर पर सही हो सकती है, लेकिन 'जीरो ITR' या निल रिटर्न फाइल करने के कई फायदे हैं। आइए समझते हैं कि जीरो ITR फाइल करना कैसे आपको लंबे समय में फायदा पहुंचा सकता है।
क्या होता है जीरो ITR?
जीरो ITR का मतलब है ऐसा इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना जिसमें आपकी कुल इनकम टैक्सेबल लिमिट (अभी ₹2.5 लाख सालाना) से कम हो, इसलिए आप पर कोई टैक्स देनदारी नहीं बनती। बावजूद इसके, आप फॉर्म भरकर ITR फाइल करते हैं और उसे वेरिफाई करते हैं।
1. वित्तीय ट्रैक रिकॉर्ड बनता है
जीरो ITR फाइल करने से आपके पास एक दस्तावेजी रिकॉर्ड बनता है कि आप नियमित रूप से इनकम टैक्स रिटर्न फाइल कर रहे हैं, भले ही आपकी आमदनी टैक्स के दायरे में न हो। यह रिकॉर्ड आगे चलकर कई जगहों पर काम आता है। जैसे वीजा अप्लिकेशन, लोन प्रोसेसिंग, क्रेडिट कार्ड अप्रूवल आदि।
2. भविष्य में लोन लेने में आसानी
बैंक या फाइनेंशियल संस्थाएं लोन देते वक्त आपसे पिछले कुछ सालों के ITR की मांग करती हैं। अगर आपने जीरो ITR भी फाइल किया है, तो यह दिखाता है कि आप फाइनेंशियल तौर पर डिसिप्लिन में हैं। इससे पर्सनल लोन, होम लोन या एजुकेशन लोन जैसी स्कीम्स में एप्लिकेशन मजबूत बनती है। क्रेडिट कार्ड भी आसानी से मिल सकता है।
3. TDS Refund क्लेम कर सकते हैं
कई बार नौकरी या बैंक FD पर थोड़ी बहुत आमदनी होने पर TDS (Tax Deducted at Source) काट लिया जाता है, भले ही आपकी सालाना आमदनी टैक्स स्लैब से कम हो। ऐसे में आप तभी रिफंड क्लेम कर पाएंगे जब आपने ITR फाइल किया हो। जीरो ITR के जरिए आप वो पैसा वापस पा सकते हैं।
4. वीजा एप्लिकेशन में अहम दस्तावेज
कई देशों के वीजा प्रोसेस में पिछले 2–3 साल के ITR मांगे जाते हैं। अगर आपकी इनकम टैक्स के दायरे में नहीं भी आती, तब भी जीरो ITR वीजा अफसर को यह भरोसा देता है कि आपकी फाइनेंशियल एक्टिविटी पारदर्शी और ट्रैक में है।
5. भविष्य में इनकम बढ़ने पर बनती है हिस्ट्री
आज आपकी आमदनी ₹2 लाख हो सकती है, लेकिन कल आप ₹10 लाख सालाना कमा सकते हैं। उस समय जीरो ITR फाइल करने की पुरानी आदत यह दिखाएगी कि आप हमेशा नियमों के अनुसार चलने वाले टैक्सपेयर्स में से हैं। यह आपकी क्रेडिट प्रोफाइल को मजबूत करता है।
6. स्टार्टअप या बिजनेस के लिए दस्तावेजी समर्थन
अगर आप भविष्य में कोई बिजनेस शुरू करना चाहते हैं या स्टार्टअप के लिए इनवेस्टमेंट या रजिस्ट्रेशन कराना चाहते हैं, तो वहां पर भी ITR डॉक्युमेंट्स की ज़रूरत पड़ती है। जीरो ITR वहां आपके लिए एक रेपुटेशनल और दस्तावेजी सहारा बनता है।
7. सरकारी स्कीम्स और सब्सिडी में मदद
कुछ सरकारी स्कीम्स- जैसे छात्रवृत्ति, MSME लोन, या प्रधानमंत्री आवास योजना जैसी योजनाओं में आवेदन के दौरान ITR की कॉपी मांगी जाती है। जीरो ITR वहां भी काम आता है, खासकर अगर आपकी आमदनी कम है और आप स्कीम की पात्रता में आते हैं।
तो क्या सबको फाइल करना चाहिए?
अगर आपकी आय टैक्स योग्य नहीं है, तो ITR फाइल करना कानूनी तौर पर जरूरी नहीं है। लेकिन फाइनेंशियल रूप से सजग लोग इसे फाइल करते हैं, ताकि भविष्य में किसी जरूरी फॉर्मेलिटी के लिए भागदौड़ न करनी पड़े।
कैसे करें जीरो ITR फाइल?
इनकम टैक्स की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।
ITR-1 या ITR-4 फॉर्म चुनें, जो सैलरी या छोटे व्यापारी वर्ग के लिए होती। है।
अपनी बेसिक डिटेल भरें, इनकम सेक्शन में ₹0 या जो भी आपकी नॉन-टैक्सेबल इनकम है, वो भरें।