क्रेडिट स्कोर बेहतर करने के लिए छह महीने का समय पर्याप्त है। इस दौरान आपको कई जरूरी कदम उठाने होंगे। अच्छा क्रेडिट स्कोर यानी 750 से ज्यादा के क्रेडिट स्कोर से न सिर्फ आपके लोन अप्लिकेशन के एप्रूव होने की संभावना बढ़ जाती है बल्कि आपकी क्रेडिट लिमिट भी बढ़ जाती है। कई बैंक अच्छा क्रेडिट स्कोर होने पर लोन के इंटरेस्ट रेट में भी रियायत देते हैं। आइए क्रेडिट स्कोर बढ़ाने के तरीकों के बारे में बात करते हैं।
आपके क्रेडिट स्कोर में कोई गलत डेटा तो नहीं
सबसे पहले आपको अपनी क्रेडिट रिपोर्ट को ध्यान से देखने की जरूरत है। अगर इसमें कोई गलत जानकारी या गलत डेटा है तो उसे ठीक करना सबसे जरूरी है। इसकी वजह यह है कि गलत जानकारी या गलत डेटा आपके खराब क्रेडिट स्कोर की वजह हो सकता है।
आपकी रीपेमेंट हिस्ट्री का आपके क्रेडिट स्कोर पर असर पड़ता है। एक भी बिल के पेमेंट में देरी आपके क्रेडिट स्कोर को खराब कर सकता है। अगर आप अक्सर तय समय पर बिल का पेमेंट करना भूल जाते हैं तो आप ऑटो-पे की सुविधा का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसमें आपके बैंक अकाउंट से तय तारीख को अपने आप बिल का पेमेंट हो जाता है।
क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेशियो को घटाए
क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेशियो को एक सीमा के ऊपर नहीं जाने दें। क्रेडिट यूटिलाइजेशन लिमिट के 40 फीसदी से ज्यादा हो जाने पर आपके क्रेडिट स्कोर में इम्प्रूवमेंट की रफ्तार सुस्त हो जाती है। इसलिए आपको इस लिमिट का ध्यान हर महीने रखना होगा। कम स्पेंडिग और हायर लिमिट इस बात का संकेत होता है कि आप फाइनेंशियल मामलों में काफी रिस्पॉन्सिबल हैं।
एक समय में सिर्फ एक लोन के लिए अप्लाई करें
कई लोग एक साथ लोन की कई इनक्वायरी करते हैं। कुछ लोग क्रेडिट कार्ड पर एक साथ एक से ज्यादा लोन लेते हैं। इसका खराब असर आपके क्रेडिट स्कोर पर पड़ता है। खासकर छह महीने के क्रेडिट इम्प्रूवमेंट पीरियड में आपको नए लोन के लिए अप्लाई करने से बचना चाहिए। इसका अच्छा असर आपके क्रेडिट स्कोर पर पड़ेगा।
जरूरत नहीं होने पर अकाउंट्स बंद करा दें
लंबी रीपेमेंट हिस्ट्री वाले अकाउंट का आपके क्रेडिट स्कोर पर अच्छा असर पड़ता है। इसलिए आपको पुराने अकाउंट को बंद नहीं कराना चाहिए। अगर आपके पास ज्यादा अकाउंट्स हैं तो उस अकाउंट को आप बंद करा सकते हैं, जो ज्यादा पुराना नहीं है।