डीडीए सरकारी नौकरी करने वाले कर्मचारियों को फ्लैट्स ऑफर कर रहा है। फ्लैट खरीदने पर कर्मचारियों को 25 फीसदी का डिस्काउंट भी मिलेगा। दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) ने नरेला में सरकारी कर्मचारियों के लिए खास हाउसिंग क्लस्टर बनाने का फैसला किया है। इसके लिए नई योजना कर्मयोगी आवास योजना लाई जा रही है, जिसके तहत नरेला के सेक्टर A1 से A4 में पॉकेट 6, 9 और 13 में कुल 3,656 फ्लैट सरकारी कर्मचारियों को मिलेंगे। इन फ्लैट्स में HIG, MIG और EWS केटेगरी के घर शामिल हैं।
दिसंबर में शुरू होगा रजिस्ट्रेशन
DDA के अधिकारियों के मुताबिक इन नए बने फ्लैट्स के लिए रजिस्ट्रेशन दिसंबर के मध्य में शुरू होगा। इस योजना की सबसे बड़ी खासियत यह है कि ये फ्लैट सिर्फ सरकारी कर्मचारियों, PSUs, निगमों, सरकारी अस्पतालों, और केंद्र और राज्य सरकार से जुड़े अन्य विभागों के कर्मचारियों को मिलेंगे। इसके अलावा रिटायर कर्मचारियों को भी इन्हीं में से फ्लैट्स मिलेंगे। योग्य आवेदकों को फ्लैट की कीमत पर 25% की छूट भी मिलेगी, हालांकि अंतिम कीमतें अभी तय नहीं हुई हैं।
पहली बार सिर्फ सरकारी कर्मचारियों के लिए पॉकेट होगा रिजर्व
DDA का कहना है कि पहले भी सरकारी कर्मचारियों को छूट दी जाती रही है, लेकिन पहली बार कुछ पॉकेट सिर्फ सरकारी कर्मचारियों के लिए आरक्षित होगा। इन फ्लैट्स में पार्किंग, पार्क, और GT करनाल रोड एवं अर्बन एक्सटेंशन रोड-II जैसी महत्वपूर्ण सड़कों से आसान कनेक्टिविटी भी होगी।
नरेला में 35,000 से ज्यादा फ्लैट अभी भी बिकने बाकी
DDA के पास नरेला में अभी करीब 35,000 अनसोल्ड फ्लैट्स हैं, जिनमें से 80% EWS और LIG कैटेगरी के हैं। अगले दो साल में इन फ्लैट्स को बेचने का टारगेट रखते हुए DDA ने कई कदम उठाए हैं। जैसे डायनेमिक प्राइसिंग, DTC रूट बढ़ाना, UER-II का निर्माण, फ्लैट्स को जोड़ने की सुविधा, पहले आओ पहले पाओ आधार पर अलॉटमेंट, और खरीदारों को विभिन्न रियायतें देना।
नरेला को रहने लायक बनाने के लिए कई सुधार
अधिकारियों ने बताया कि नरेला में पुलिस इन्फ्रास्ट्रक्चर, अस्पताल, शिक्षा हब, DTC टर्मिनल और सफल और मदर डेयरी जैसी सर्विस के लिए जमीन दी गई है। साथ ही एक वर्ल्ड-क्लास मल्टी-स्पोर्ट्स स्टेडियम भी तैयार किया जा रहा है। DDA को उम्मीद है कि दिल्ली मेट्रो का फेज-IV कॉरिडोर शुरू होने के बाद नरेला हाउसिंग की मांग और बढ़ेगी क्योंकि मेट्रो सभी रिहायशी पॉकेट्स को जोड़ देगी।