27 नवंबर को दिन में सोने की कीमत घरेलू वायदा बाजार में फिसल गई। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर दिसंबर में डिलीवरी वाले गोल्ड कॉन्ट्रैक्ट्स का भाव, पिछले क्लोजिंग प्राइस से 645 रुपये गिर गया। यह 125286 रुपये प्रति 10 ग्राम के लो तक गया। अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी दाम गिरा है। रॉयटर्स के मुताबिक, वैश्विक स्तर पर सोने का हाजिर भाव 0.5% गिरकर 4,145.08 डॉलर प्रति औंस पर आ गया। दिसंबर में डिलीवरी वाला यूएस गोल्ड फ्यूचर्स 0.6% फिसकलर 4,140.80 डॉलर प्रति औंस के स्तर पर है।
सोने के भाव में गिरावट की अहम वजह प्रॉफिट बुकिंग बताई जा रही है। वैश्विक स्तर पर सोने का भाव एक दिन पहले 2 सप्ताह के हाई पर पहुंच गया था। इसके बाद निवेशक मुनाफे को भुनाने लगे। तेज बिकवाली से कीमत लुढ़क गई।
फेड की ओर से रेट कट की उम्मीद बरकरार
इस बीच यह उम्मीद बनी हुई है कि अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व दिसंबर की मीटिंग में ब्याज दरों में और कटौती कर सकता है। इस उम्मीद के पीछे एक वजह फेड अधिकारियों के बयान हैं। फेड गवर्नर क्रिस्टोफर वालर और न्यूयॉर्क फेड के प्रेसिडेंट जॉन विलियम्स की लीडरशिप में कुछ फेड अधिकारियों ने कहा है कि लेबर मार्केट में कमजोरी है। इसके चलते दिसंबर में प्रमुख ब्याज दर में कमी करना सही रहेगा। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि इकोनॉमी से जुड़े दूसरे डेटा के आने के बाद ही इस बारे में अंतिम फैसला लेना ठीक रहेगा। अमेरिकी सरकार के शटडाउन की वजह से इकोनॉमी से जुड़े डेटा के आने में देर हुई है।
अगर फेड की ओर से ब्याज दर में और कमी की जाती है तो सोने की कीमत में तेजी आ सकती है। रेट कट से बॉन्ड कम आकर्षक हो जाते हैं और निवेशक सोने-चांदी जैसे सेफ एसेट्स में निवेश बढ़ाते हैं।
चांदी के वायदा भाव में तेजी है। MCX पर 27 नवंबर को दिसंबर में डिलीवरी वाले सिल्वर कॉन्ट्रैक्ट्स का वायदा भाव पिछले क्लोजिंग प्राइस से 2663 रुपये बढ़कर 163935 रुपये प्रति किलोग्राम के हाई तक गया। वैश्विक स्तर पर चांदी का हाजिर भाव 0.9% की गिरावट के साथ 52.89 डॉलर प्रति औंस के स्तर पर आ गया है।
सोने को लेकर एनालिस्ट्स की राय
मेहता इक्विटीज के वाइस प्रेसिडेंट कमोडिटीज, राहुल कलंत्री का कहना है कि शॉर्ट-टर्म ट्रेडर्स सोने के लिए 4,130 डॉलर प्रति औंस के लेवल को मुख्य सपोर्ट के तौर पर देख रहे हैं। वहीं चांदी के लिए यह सपोर्ट 52.65 डॉलर प्रति औंस के आसपास देखा जा रहा है। सोने के लिए 4,200 डॉलर प्रति औंस और चांदी के लिए 53.90 डॉलर प्रति औंस के आस-पास के रेजिस्टेंस जोन को तोड़ना मुश्किल बना हुआ है।
निवेश की स्ट्रैटेजी की बात करें तो एक्सपर्ट बड़े डायरेक्शनल दांव लगाने के बजाय धीरे-धीरे निवेश बढ़ाने की सलाह दे रहे हैं। हाल ही में आनंद राठी वेल्थ के जॉइंट CEO फिरोज अजीज ने सीएनबीसी आवाज के एक शो में सलाह दी कि सोने में अब थोड़ा-थोड़ा करके निवेश करना ठीक रहेगा। एकमुश्त निवेश सही नहीं रहेगा। फिरोज अजीज का कहना है कि अगर निवेशक सोने को होल्ड करना चाह रहे हैं तो 5 साल, 7 साल के अंदर 9-11 प्रतिशत के कंपाउंड रिटर्न से ज्यादा की उम्मीद न करें। 1-2 साल के शॉर्ट टर्म के लिहाज से सोने का रिटर्न भले ही बेहद अच्छा रहा हो लेकिन पिछले 10 सालों में सोने ने 14 प्रतिशत का कंपाउंड रिटर्न दिया है।
किस रेंज में ट्रेड कर सकता है सोना
रिद्धिसिद्धि बुलियंस के मैनेजिंग डायरेक्टर और IBJA के प्रेसिडेंट पृथ्वीराज कोठारी के मुताबिक, सोना और चांदी फेड के रेट-कट के दांव पर नाच रहे हैं। पॉलिसीमेकर्स की नरमी वाली बातों से ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें और मजबूत हो रही हैं। ऐसे में अनुमान है कि सोना 4,000 और 4,200 डॉलर प्रति औंस (₹1.21–1.27 लाख प्रति 10 ग्राम) के बीच ट्रेड करेगा। चांदी 49 और 53 डॉलर प्रति औंस (₹1.50–1.60 लाख प्रति किलोग्राम) की रेंज के बीच ट्रेड करेगी।
लॉन्ग टर्म इनवेस्टर्स के लिए मौजूदा गिरावट फिजिकल गोल्ड में धीरे-धीरे दांव लगाने या सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड और डिजिटल गोल्ड जैसे स्ट्रक्चर्ड प्रोडक्ट्स के जरिए निवेश का मौका देती है। सोने में गिरावट को एंट्री पॉइंट के तौर पर देखा जा सकता है।