20 साल बाद 1 करोड़ रुपये होंगे 50 लाख, लॉन्ग टर्म में क्या सिर्फ FD में निवेश करना होगा सही?

क्या 20 साल बाद भी पैसे की वैल्यू एक जैसी होगी? नहीं, आज के 1 करोड़ रुपये की वैल्यू 20 साल बाद 50 लाख के बराबर होगी। यानी, आपके पैसे की वैल्यू आधी रह जाएगी। हमें अक्सर लगता है कि एफडी में 1 करोड़ रुपये निवेश कर देने से हमारा भविष्य सेफ हो गया लेकिन ऐसा नहीं है

अपडेटेड Nov 27, 2025 पर 12:38 PM
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क्या 20 साल बाद भी पैसे की वैल्यू एक जैसी होगी?

क्या 20 साल बाद भी पैसे की वैल्यू एक जैसी होगी? नहीं, आज के 1 करोड़ रुपये की वैल्यू 20 साल बाद 50 लाख के बराबर होगी। यानी, आपके पैसे की वैल्यू आधी रह जाएगी। हमें अक्सर लगता है कि एफडी में 1 करोड़ रुपये निवेश कर देने से हमारा भविष्य सेफ हो गया लेकिन ऐसा नहीं है। एक 67 साल के रिटायर्ड व्यक्ति को लगा कि उन्होंने अपने पूरे 1.20 करोड़ रुपये फिक्स्ड डिपॉजिट में डालकर अपना भविष्य पूरी तरह सुरक्षित कर लिया है। उन्हें भरोसा था कि इन पैसों से उनका बाकी जीवन आराम से गुजर जाएगा। लेकिन जब चार्टर्ड अकाउंटेंट नितिन कौशिक ने उनकी निवेश योजना देखी, तो उन्होंने पाया कि इस सेफ्टी के पीछे बड़ा खतरा भी है क्योंकि अपनी इन्वेस्टमेंट प्लानिंग में महंगाई को ध्यान में नहीं रखा।

कौशिक ने बताया कि बैंक में पैसा बिल्कुल सुरक्षित रहता है, लेकिन उसकी खरीदने की क्षमता धीरे-धीरे कम होती रहती है, जैसे टायर से धीरे-धीरे हवा निकलती है। उन्होंने समझाया कि अगर औसत महंगाई दर 5% मानी जाए, तो 20 साल में पैसे की वैल्यू आधी हो जाती है। यानी आज का 1 करोड़ रुपये 20 साल बाद सिर्फ 50 लाख रुपये जैसा महसूस होगा।

अधिकतर रिटायर्ड लोग जोखिम से बचने के लिए अपना पूरा पैसा एफडी में रख देते हैं। लेकिन कौशिक का कहना है कि आजकल लोग लंबा जीवन जी रहे हैं। 65 साल की उम्र का व्यक्ति आगे 20–25 साल और जी सकता है। ऐसे में सिर्फ एफडी पर निर्भर रहना भविष्य की जरूरतों को पूरा नहीं कर पाता।


एफडी आपकी कैपिटल को सुरक्षित रखती है, लेकिन आपकी लाइफस्टाइल और बढ़ते खर्चों को महंगाई से बचा नहीं पाती।

क्या है सुरक्षित और समझदारी भरी निवेश योजना?

कौशिक ने रिटायर्ड व्यक्ति को एक संतुलित पोर्टफोलियो बनाने की सलाह दी।

70% पैसा बॉन्ड्स में ताकि नियमित और स्थिर रिटर्न मिलता रहे।

20% पैसा अच्छे डिविडेंड देने वाले स्टॉक्स में ताकि लंबे समय में पैसा बढ़ सके।

10% पैसा लिक्विड फंड्स में ताकि किसी भी इमरजेंसी में तुरंत इस्तेमाल हो सके।

उनका कहना है कि यह रणनीति हाई-रिस्क नहीं है, बल्कि महंगाई से बचाव करते हुए पैसों को लगातार काम पर लगाए रखती है। क्योंकि सच यह है कि कोई भी निवेश 100% जोखिम-मुक्त नहीं होता। कैश पैसा भी समय के साथ अपनी कीमत खो देता है।

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