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बैंक में रखे 8 लाख डिपॉजिट पर आया इनकम टैक्स का नोटिस, 6 साल के बाद मिली कानूनी जीत

दिल्ली के एक व्यक्ति के अकाउंट में 8 लाख रुपये डिपॉजिट होने पर उसे इनकम टैक्स का नोटिस मिल गया। इसे उसकी बिजनेस इनकम मानकर केस चलाया गया। उनकी कई दलीलों के बाद भी इनकम टैक्स विभाग नहीं माना। ये मामला पूरे छह साल चला

Edited By: Sheetalअपडेटेड Nov 04, 2025 पर 6:07 PM
बैंक में रखे 8 लाख डिपॉजिट पर आया इनकम टैक्स का नोटिस, 6 साल के बाद मिली कानूनी जीत
दिल्ली के एक व्यक्ति के अकाउंट में 8 लाख रुपये डिपॉजिट होने पर उसे इनकम टैक्स का नोटिस मिल गया।

दिल्ली के एक व्यक्ति के अकाउंट में 8 लाख रुपये डिपॉजिट होने पर उसे इनकम टैक्स का नोटिस मिल गया। इसे उसकी बिजनेस इनकम मानकर केस चलाया गया। उनकी कई दलीलों के बाद भी इनकम टैक्स विभाग नहीं माना। ये मामला पूरे छह साल चला। दिल्ली की इनकम टैक्स अपीलीय न्यायाधिकरण (ITAT) ने एक अहम फैसले में 6 साल पुराने टैक्स केस को कैंसिल कर दिया। यह मामला दिल्ली के निवासी कुमार से जुड़ा था, जिन पर 8.68 लाख रुपये के बैंक जमा को लेकर इनकम टैक्स विभाग ने कार्रवाई शुरू की थी।

यह विवाद तब शुरू हुआ जब कुमार ने अपने बैंक खाते में करीब 8 लाख रुपये कैश जमा किए थे। इसके बाद इनकम टैक्स विभाग ने उन्हें नोटिस भेजा और इस अमाउंट को उनके कारोबार से जुड़ी हुई इनकम मानते हुए इनकम टैक्स अधिनियम की धारा 44AD के तहत कार्यवाही शुरू की। यह धारा छोटे कारोबारियों के लिए अनुमानित टैक्स से संबंधित है।

कुमार ने दलील दी कि विभाग ने बिना किसी ठोस सबूत के केवल अनुमान के आधार पर यह मान लिया कि जमा की गया अमाउंट कारोबार से हुई इनकम है। उनकी अपील इनकम टैक्स आयुक्त ने खारिज कर दी, जिसके बाद उन्होंने मामला ITAT में उठाया। आखिरकार, 22 सितंबर 2025 को न्यायाधिकरण ने कुमार के पक्ष में फैसला सुनाया।

ITAT ने कहा कि विभाग की शुरुआती जांच केवल बैंक खाते में नकद जमा की जांच तक सीमित थी, जिसे धारा 143(2) के तहत किया गया था। लेकिन जांच अधिकारी ने अपनी सीमा से बाहर जाकर पूरी अमाउंट को अघोषित कारोबारी फायदा मान लिया और इसके लिए इनकम टैक्स आयुक्त (CIT) से कोई पहले अनुमति नहीं ली।

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