धनतेरस (Dhanteras) और दिवाली (Diwali) पर गोल्ड खरीदना शुभ माना जाता है। कुछ लोग इस मौके का इस्तेमाल गोल्ड में इनवेस्टमेंट के लिए करते हैं। कुछ लोग गोल्ड ज्वैलरी खरीदना पसंद करते हैं। अगर आप इस बार धनतेरस या दिवाली पर गोल्ड खरीदने का सोच रहे हैं तो आपके लिए एक बार गोल्ड के पिछले रिटर्न को देख लेना ठीक रहेगा।
स्टॉकएज में डेटा और रिसर्च के हेड विनीत पागरी के मुताबिक, अगर किसी निवेशक ने पिछले पांच साल से हर साल धनतेरस या दिवाली पर एक लाख रुपये का निवेश गोल्ड में किया है तो उसके पांच लाख रुपये के निवेश की वैल्यू 6.62 लाख रुपये होगी। यह कुल 9.5 फीसदी का रिटर्न (IRR) है। इसकी वजह यह है कि पिछले पांच साल में सोने ने चार साल में पॉजिटिव रिटर्न दिया है।
उन्होंने कहा, "सोने का प्रदर्शन रिटर्न के लिहाज से कोरोना की महामारी के दौरान अच्छा रहा। पेंट-अप डिमांड और रुकी हुई शादियां फिर से होने से सोने की डिमांड बढ़ गई। हालांकि, पिछले कुछ समय से गोल्ड प्राइसेज में नरमी बनी हुई है, लेकिन अगर आपने पिछले धनतेरस पर सोने में निवेश किया होता तो आपको 6 फीसदी रिटर्न मिला होता।"
पागड़ी ने कहा कि अगर आपने पिछले धनतेरस पर सोने की जगह निफ्टी में निवेश किया होता तो आपका रिटर्न 12 फीसदी होता। निफ्टी में पिछले पांच साल में 5 लाख रुपये का निवेश 7.1 लाख रुपये हुआ होता। इस तरह सोने में निवेश करने पर आपके निवेश की वैल्यू पांच साल में जहा 6.62 लाख रुपये होती वहीं शेयरों में यह 7.1 लाख रुपये होती। यह 50,000 रुपये ज्यादा रिटर्न है।
उन्होंने कहा, "हालांकि, यह जानना मजेदार है कि अक्टूबर 2020 तक गोल्ड में निवेश पर मिलने वाला रिटर्न शेयरों के मुकाबले ज्यादा होता। गोल्ड का रिटर्न 22.5 फीसदी होता, जबकि शेयरों का 4 फीसदी। साल दर साल आधार पर पिछले पांच साल में पिछले पांच साल में चार साल में गोल्ड का प्रदर्शन शेयरों के मुकाबले अच्छा रहा।" अगर 10 साल की लंबी अवधि में देखें तो निफ्टी का रिटर्न 12 फीसदी रहा है, जबकि गोल्ड का 7 फीसदी।
गोल्ड की कीमतें बढ़ेंगी या घटेंगी?
पिछले छह महीने से गोल्ड फ्यूचर्स 49,000-52,600 के दायरे में बना हुआ है। डॉलर इंडेक्स थकने का शुरुआती संकेत दे रहा है। यह सोने की तेजी पर दांव लगाने वाले ट्रेडर्स के लिए अच्छा है। हालांकि, नवंबर में अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व की बैठक के नतीजें काफी अहम होंगे। यह बैठक 2 नवंबर को होने वाले हैं।
जेएम फाइनेंशियल सर्विसेज के हेड (टेक्निकल एंड डेरिवेटिव रिसर्च) राहुल शर्मा का कहना है कि गोल्ड में अगला सपोर्ट करीब 49,700 रुपये पर मौजूद है। गिरावट में खरीदारी के मौके होंगे। इसके बाद गोल्ड पहले 52,600 और फिर 53,500 रुपये की तरफ बढ़ेगा।
आम तौर पर फेस्टिव सीजन के दौरान गोल्ड और सिल्वर में तेजी दिखती है। इस बार डॉलर के मुकाबले रुपये में कमजोरी और सोने के आयात पर बेसिक कस्टम ड्यूटी पांच फीसदी बढ़ने से इसकी कीमतों में गिरावट पर लगाम लगी है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि अभी वैश्विक आर्थिक माहौल अनिश्चित नज आ रहा है। ऐसे में आप अपने पोर्टफोलियो के छोटे हिस्से का निवेश गोल्ड में कर सकते हैं।