चीन और ताइवान के बीच तनाव और यूक्रेन-रूस की लड़ाई के बावजूद इंडिया में माहौल अच्छा है। पिछले कुछ हफ्तों में शेयर बाजार में भी सेंटिमेंट काफी पॉजिटिव हुआ है। विदेशी फंडों (FII) ने फिर से इंडियन मार्केट में निवेश करना शुरू कर दिया है। पिछले साढ़े तीन महीनों में FII ने इंडियन स्टॉक मार्केट में शुद्ध रूप से 65,000 करोड़ रुपये की खरीदारी की है।
ऐसे में माहौल में अगर कोई रिटेल इनवेस्टर 10 लाख रुपये का निवेश करना चाहता है तो उसे क्या करना चाहिए? मनीकंट्रोल ने इस सवाल का जवाब जानने के लिए SBI Mutual Fund के डिप्टी एमडी और चीफ बिजनेस ऑफिसर डीपी सिंह से बातचीत की।
सिंह ने कहा कि इस साल निफ्टी 50 ने बड़ी गिरावट के बाद शानदार रिकवरी दिखाई है। रिटेल इनवेस्टर्स जो अब तक निवेश के सही मौके का इंतजार कर रहे थे, उन्हें धीरे-धीरे शेयरों में निवेश करना शुरू कर देना चाहिए। निवेश के लिए सही समय पर मार्केट में एंटर करने के बजाय उन्हें लॉन्ग टर्म इनवेस्टमेंट पर फोकस करना चाहिए। लंबी अवधि के निवेश पर बाजार के उतार-चढ़ाव का असर नहीं पड़ता है।
उन्होंने कहा कि इनवेस्टर्स को सबसे पहले यह जानने की जरूरत है कि वे शेयर बाजार में निवेश के लिए तैयार हैं या नहीं। इस सवाल का जवाब मिल जाने पर उन्हें एक्टिवली-मैनेज्ड फंड में निवेश शुरू करना चाहिए। इसकी वजह यह है कि इन फंडों का रिटर्न मार्केट के बेंचमार्क के मुकाबले ज्यादा रहता है। आपको किसी फंड के पिछले एक साल या अगले एक साल के रिटर्न को देखने की जरूरत नहीं है। शेयर या किसी सेक्टर का प्रदर्शन एक बिजनेस साइकिल में अच्छा हो सकता है। लेकिन यह जरूरी नहीं कि दूसरे मार्केट साइकिल में भी उनका प्रदर्शन अच्छा हो। इसलिए भरोसेमंद फंड हाउस के भरोसेमंद फंड मैनेजर की स्कीम में अपना निवेश जारी रखें।
SBI MF के डिप्टी एमडी ने कहा कि पहली बार शेयरों में पैसा लगाने वाले इनवेस्टर्स कंजरवेटिव हाइब्रिड फंड के साथ शुरुआत कर सकते हैं। ये फंड अपना 25 फीसदी शेयरों में इनवेस्ट करते हैं और बाकी 75 फीसदी डेट (बॉन्ड्स) में निवेश करते हैं। फिर, उन्हें शेयरों में धीरे-धीरे अपना निवेश बढ़ाना चाहिए। वैश्विक स्तर पर कुछ टेंशन रहा है। रूस-यूक्रेन की लड़ाई जारी है। चीन और ताइवान में टकराव बढ़ा है। यह चिंता की बात है। लेकिन, इस बीच क्रूड की कीमतों में नरमी आई है, जो इंडिया के लिए अच्छी बात है।
उन्होंने कहा कि अमेरिका और यूरोपीय देशों ने रूस पर जो प्रतिबंध लगाए हैं उससे इंडिया को फायदा होता दिख रहा है। हम रूस से बहुत कम दाम पर क्रूड आयल खरीद रहे हैं। चीन के साथ पश्चिमी देशों के रिश्ते खराब हुए हैं, जो इंडिया के लिए फायदेमंद है।
यह पूछने पर कि क्या इनवेस्टर्स को आईपीओ में पैसे लगाने चाहिए, सिंह ने कहा कि यह इनवेस्टर की क्षमता पर डिपेंड करता है। सबसे जरूरी है कंपनी के बारे में विश्लेषण करना। एक फंड हाउस जिस तरह से किसी कंपनी के मैनजेमेंट और उसकी बुनियदाी बातों को समझ सकता है, वह किसी रिटेल इनवेस्टर के लिए मुमकिन नहीं है। अगर आप कंपनी के बारे में पूरी तरह से जानते हैं तो फिर आप आईपीओ में इनवेस्ट कर सकते हैं।