पंजाब के संगरूर जिले के पनवां गांव की प्रभजोत कौर ने केंद्र सरकार की "ड्रोन दीदी" योजना के तहत ड्रोन पायलट बनकर अपनी जिंदगी पूरी तरह बदल ली है। उम्मीद फाउंडेशन के सहयोग से उन्होंने गुरुग्राम में ड्रोन उड़ाने की ट्रेनिंग ली और लाइसेंस हासिल किया। इसके बाद उन्हें ड्रोन उपकरण मिला और वह अब गांवों में जाकर कृषि कार्यों में किसानों की मदद कर रही हैं।
प्रभजोत ने कहां से ली ट्रेनिंग
प्रभजोत कौर रोजाना 10 से 15 एकड़ खेत में ड्रोन से कीटनाशक और खाद का स्प्रे करती हैं, जिसके बदले उन्हें प्रति एकड़ 300 रुपये मिलते हैं। फसल के सीजन में उनकी कमाई एक लाख रुपये तक पहुंच जाती है। उनका यह सफर सिर्फ आर्थिक आत्मनिर्भरता तक सीमित नहीं है, बल्कि यह हजारों महिलाओं के लिए प्रेरणा बन चुका है।
उम्मीद फाउंडेशन के संस्थापक अरविंद खन्ना के अनुसार, इस योजना द्वारा महिलाओं को ड्रोन तकनीक में प्रशिक्षित कर उन्हें कृषि क्षेत्र में रोजगार देना प्रमुख उद्देश्य है। इससे ग्रामीण महिलाएं न केवल अपने परिवार का खर्च चला रही हैं बल्कि कृषि में तकनीकी नवाचार को भी बढ़ावा दे रही हैं।
ड्रोन की मदद से खेतों में स्प्रे करने में समय और मेहनत दोनों बचती हैं। प्रभजोत कौर ने अब तक हजारों एकड़ भूमि में विभिन्न फसलों में ड्रोन का उपयोग किया है। उनकी सफलता ने स्थानीय समुदाय में महिलाओं की स्थिति को मजबूत किया है और उन्हें आधुनिक तकनीक अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया है।
ड्रोन दीदी योजना क्या है ?
ड्रोन दीदी योजना ग्रामीण महिलाओं को ड्रोन तकनीक में प्रशिक्षित कर उन्हें कृषि कार्यों में आत्मनिर्भर बनाने की केंद्र सरकार की पहल है। इस योजना के तहत महिलाओं को ड्रोन उड़ाने, कृषि में उसका उपयोग करने और इससे आय अर्जित करने की ट्रेनिंग दी जाती है, साथ ही ड्रोन की खरीद पर सब्सिडी और ऋण की सुविधा भी मिलती है। इससे महिलाएं उर्वरक, कीटनाशक का छिड़काव कर प्रति माह अच्छी आय कमा सकती हैं, जो उनकी आर्थिक मजबूती और सामाजिक स्थिति दोनों में सुधार लाता है।