विदेश में हायर स्टडी पर काफी खर्च आता है। इस खर्च के लिए ज्यादातर लोगों को एजुकेशन लोन की मदद लेनी पड़ती है। पढ़ाई पूरी होने के बाद नौकरी लगने पर इस एजुकेशन लोन को किस्तों में चुकाना आसान होता है। अगर आप खुद के लिए या परिवार के किसी सदस्य के फॉरेन एजुकेशन के लिए एजुकेशन लोन चाहते हैं तो आपको इससे जुड़े और प्रोसेस और दूसरी जरूरी बातों को जान लेना जरूरी है। मनीकंट्रोल आपको ऐसे कुछ टिप्स बता रहा है, जिससे आपको काफी मदद मिल सकती है।
1. सेक्योर्ड और अनसेक्योर्ड लोन का फर्क समझें
एजुकेशन लोन (Education Loan) दो तरह के होते हैं-सेक्योर्ड और अनसेक्योर्ड। सेक्योर्ड लोन में बैंक के पास किसी तरह का एसेट गिरवी रखना पड़ता है। ऐसे लोन में इंटरेस्ट रेट कम होता है। अनसेक्योर्ड लोन में कोई एसेट गिरवी रखने की जरूरत नहीं पड़ती है। लेकिन, इसमें इंटरेस्ट रेट ज्यादा होता है। साथ ही लोन लेने की शर्तें भी सख्त होती हैं।
लोन के लिए अप्लाई करने से पहले आपको एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया चेक करना जरूरी है। इसमें स्टूडेंट का एकैडमिक बैकग्राउंड, एडमिशन टेस्ट का स्कोर, स्टडी के कोर्स आदि शामिल हैं। कई बार बैंक एजुकेशन लोन देने में को-अप्लिकेंट पर जोर देते हैं। स्टूडेंट के मातापिता को को-अप्लिकेंट बनना पड़ सकता है।
3. अलग-अलग बैंकों के इंटरेस्ट रेट चेक कर लें
लोन लेने से पहले आपको अलग-अलग बैंकों के इंटरेस्ट रेट को चेक कर लेना चाहिए। इसके अलावा रिपेमेंट की शर्तों को भी समझ लेना जरूरी है। फिर जिस बैंक की शर्तें आपको आसान लगें और जिस बैंक का इंटरेस्ट रेट कम लगे, उस बैंक से आप लोन लेने का फैसला कर सकते हैं।
यह भी ध्यान में रखना जरूरी है कि बैंक कितना लोन देने को तैयार है। अगर लोन का अमाउंट पर्याप्त नहीं है तो फिर लोन लेने का कोई फायदा नहीं है। उसी बैंक से लोन लेने का फायदा है, जिससे पूरी ट्यूशन फीस कवर हो जाती है। कई बैंक विदेश में पढ़ाई का कुल खर्च लोन के रूप में देते हैं।
5. पहले से जरूरी डॉक्युमेंट्स तैयार रखें
लोन के लिए अप्लाई करते वक्त कई डॉक्युमेंट्स की जरूरत पड़ेगी। इनमें यूनिवर्सिटी का एडमिशन लेटर, एडमिशन टेस्ट में स्कोर का सर्टिफिकेट, आधार या कोई दूसरा आईडी प्रूफ, रेजिडेंस का प्रूफ आदि शामिल हैं।
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6. मॉरेटोरियम पीरियड को समझ लें
मॉरेटोरियम पीरियड का मतलब उस अवधि से है, जिसमें आपको लोन चुकाने की जरूरत नहीं पड़ती है। आम तौर पर पढ़ाई पूरी होने के 6-12 महीनों बाद लोन चुकाने की जरूरत पड़ती है। इस बीच स्टूडेंट नौकरी की तलाश करता है।