EPF सब्सक्राइबर्स को अब पासबुक एक्सेस, अकाउंट ट्रांसफर, विड्रॉल जैसे कामों में होगी आसानी

अभी एंप्लॉयीज को अपने पीएफ कंट्रिब्यूशन को चेक करने, विड्रॉल और ट्रांजेक्शन के लिए अलग-अलग लॉग-इन करना पड़ता है। इसे आसान बनाने के लिए EPFO ने अपने मेंबर पोर्टल पर 'पासबुक लाइट' फीचर शुरू किया है

अपडेटेड Sep 19, 2025 पर 7:04 PM
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EPFO ने ऐसी फैसिलिटी शुरू की है, जिससे एंप्लॉयीज सीधे मेंबर पोर्टल से एनेक्जर के को पीडीएफ फॉरमैट में डाउनलोड कर सकते हैं।

एंप्लॉयीज प्रोविडेंट फंड (ईपीएफ) के सब्सक्राइबर्स को अब अपने पासबुक को एक्सेस करने और नौकरी बदलने पर एक एंप्लॉयर से दूसरे एंप्लॉयर के पास पीएफ अकाउंट ट्रांसफर कराने में काफी आसानी होगी। जब एंप्लॉयी एक नौकरी छोड़ नई नौकरी शुरू करता है तो उसे अपना पीएफ अकाउंट नए एंप्लॉयर के पास ट्रांसफर कराना पड़ता है।

पीएफ अकाउंट ट्रांसफर कराने में आसानी

PF Account ट्रांसफर कराने के लिए फॉर्म 13 का इस्तेमाल होता है। इसके बाद पुराना एंप्लॉयर ट्रांसफर सर्टिफिकेट जिसे 'एनेक्सतर K' कहा जाता है, जेनरेट करता है। फिर से इसे नए एंप्लॉयर के पीएफ ऑफिस को भेजा जाता है। अब तक इस डॉक्युमेंट को सिर्फ पीएफ ऑफिसेज के बीच शेयर किया जाता था। एंप्लॉयीज ऑफिशियल रिक्वेस्ट भेजने के बाद इसकी कॉपी पीएफ ऑफिस से ले सकता था।


मेंबर पोर्टल से एनेक्सचर K डाउनलोड होगा

EPFO ने ऐसी फैसिलिटी शुरू की है, जिससे एंप्लॉयीज सीधे मेंबर पोर्टल से एनेक्सचर के को पीडीएफ फॉरमैट में डाउनलोड कर सकते हैं। इससे वे अपने ट्रांसफर रिक्वेस्ट का स्टेटस ऑनलाइन देश सकेंगे। वे यह चेक कर सकेंगे कि नए अकाउंट में पीएफ बैलेंस और सर्विस पीरियड की जानकारी सही है या नहीं। एंपलॉयी की पेंशन (ईपीएस के तहत) के कैलकुलेशन के लिए यह जरूरी है। एंप्लॉयी के रिटायर करने पर ईपीएस के तहत पेंशन मिलती है।

पीएफ ऑफिस का चक्कर नहीं काटना पड़ेगा

फिनराइट डॉट इन के मैनेजर (स्ट्रेटेजी और ऑपरेशंस) केतन दास ने कहा, "यह एंप्लॉयीज के लिए काफी सुविधाजनक है क्योंकि वे एनेक्सचर के डाउनलोड करने के बाद यह देख सकेंगे कि उनका पीएफ बैलेंस और सर्विस हिस्ट्री सही ट्रांसफर हुई है या नहीं। इससे उनका समय भी बचेगा, क्योंकि उन्हें Anexure K के लिए ईपीएफओ ऑफिस का चक्कर नहीं लगाना होगा।"

अभी भी कुछ मामलों में आएगी दिक्कत

हालांकि, यह देखना होगा कि यह सिस्टम वास्तव में कितनी अच्छी तरह से काम करता है। मेनस्टे टैक्स एडवाइजर्स के पार्टनर कुलदीप कुमार ने कहा, "कुछ एंप्लॉयर्स प्राइवेट पीएफ ट्रस्ट रखते है। ऐसे में अगर कोई एंप्लॉयी अनएग्जेम्पटेड एस्टेब्लिशमेंट (जहां एंप्लॉयर्स पीएफ कंट्रिब्यूशन को ईपीएफओ के पास जमा करते हैं) से एग्जेम्प्ट एस्टेब्लिशमेंट (जहां एंप्लॉयर्स प्राइवेट टस्ट रखते हैं) में अपना पीएफ अकाउंट ट्रांसफर कराता है तो इसमें मानवीय हस्तक्षेप की जरूरत पड़ेगी। यह तब और भी जटिल हो जाता है जब एंप्लॉयी एक राज्य से दूसरे राज्य में अकाउंट ट्रांसफर कराता है।"

पासबुक लाइट फीचर्स से होगी आसानी

EPFO ने अपने मेंबर पोर्टल पर 'पासबुक लाइट' फीचर्स शुरू किए हैं। अभी एंप्लॉयीज को अपने पीएफ कंट्रिब्यूशन को चेक करने, विड्रॉल और ट्रांजेक्शन के लिए अलग-अलग लॉग-इन करना पड़ता है। ईपीएफओ ने कहा कि इससे काफी देर होती है। पासवर्ड सिंक्रॉनाइजेशन में दिक्कत आती है। मेंबर पोर्टल पर पासबुक लाइट के जरिए सब्सक्राइबर अपना समराइज्ड पासबुक देख सकता है। इसमें उसके विड्रॉल, कंट्रिब्यूशन और करेंस बैलेंस की जानकारी शामिल होगी।

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हायर लेवल पर एप्रवूल की जरूरत नहीं पड़ेगी

ईपीएफओ से जुड़ी कई सर्विसेज के लिए रीजनल प्रोविडेंट फंड कमिश्नर्स (आरपीएफसी) या अफसर-इन-चार्ज जैसे हायर लेवल के एप्रूवल की जरूरत होती है। इस वजह से मेंबर्स के क्लेम का निपटारा होने में काफी देर होती है। इस दिक्कत को दूर करने के लिए अब असिस्टेंट पीएफ कमिश्नर्स और इससे जूनियर लेवल को अधिकार दे दिए गए हैं। वे अब पीएफ ट्रांसफर, रिफंड्स, एडवान्समेंट और सेटलमेंट से जुड़े मसलों पर फैसले ले सकते है। एप्रूवल जल्द होने से क्लेम का निपटारा जल्द हो सकेगा।

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First Published: Sep 19, 2025 6:53 PM

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