EPFO 3.0 Explained: इस 5 मिनट्स गाइड से विड्रॉल के नए नियम आसानी से समझ सकते हैं

नए नियमों से ईपीएफओ के 30 करोड़ मेंबर्स को फायदा होगा। सबसे बड़ा बदलाव यह है कि अब मेंबर्स अपने ईपीएफ अकाउंट में जमा 75 फीसदी पैसे निकाल सकते हैं। ईपीएफओ ने कहा है कि मेंबर्स को अपने ईपीएफ अकाउंट में सिर्फ 25 फीसदी बैलेंस मेंटेन करना होगा

अपडेटेड Oct 14, 2025 पर 5:56 PM
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एक्सपर्ट्स का कहना है कि पीएफ सेटलमेंट के नियमों में बदलाव का मकसद फाइनेंशियल सिक्योरिटी हो सकता है। लेकिन, इससे छंटनी के शिकार एंप्लॉयीज को दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है।

एंप्लॉयीज प्रोविडेंट फंड ऑर्गेनाइजेशन (ईपीएफओ) ने ईपीएफ अकाउंट में जमा पैसे को निकालने के नियमों में बदलाव किए हैं। पैसे निकालने की पुरानी 13 अलग-अलग शर्तों की जगह सिर्फ तीन शर्त तय की गई हैं। इससे सब्सक्राइबर्स को किसी तरह का कन्फ्यूजन नहीं रहेगा। विड्रॉल का प्रोसेस जल्द पूरा होगा, जिससे सेविंग्स बैंक अकाउंट में विड्रॉल का पैसा जल्द क्रेडिट होगा।

अब कितना पैसा निकाल सकते हैं?

एक्सपर्ट्स का कहना है कि नए नियमों से EPFO के 30 करोड़ मेंबर्स को फायदा होगा। सबसे बड़ा बदलाव यह है कि अब मेंबर्स अपने ईपीएफ अकाउंट में जमा 75 फीसदी पैसे निकाल सकते हैं। ईपीएफओ ने कहा है कि मेंबर्स को अपने ईपीएफ अकाउंट में सिर्फ 25 फीसदी बैलेंस मेंटेन करना होगा।


विड्रॉल के लिए कितना सर्विस पीरियड जरूरी?

विड्रॉल के लिए सर्विस पीरियड को घटा दिया गया है। पहले अलग-अलग मकसद से विड्रॉल के लिए अलग अलग सर्विस पीरियड था। अब सर्विस पीरियड घटाकर सिर्फ 12 महीने कर दिया गया है। इसका मतलब है कि अगर कोई एंप्लॉयी नौकरी में 12 महीने पूरी कर चुका है तो वह पैसा निकाल सकता है।

क्या विड्रॉल के लिए डॉक्युमेंट देना होगा?

ईपीएफओ सब्सक्राइबर्स को सबसे ज्यादा फायदा विड्रॉल की नई शर्तों से होगा। अब Essential Needs, Housing Needs के साथ तीसरी शर्त Special Circumstances शामिल कर दी गई है। इस तीसरी शर्त के तहत सब्सक्राइबर बगैर कारण बताए पैसे निकाल सकता है। उसे किसी तरह का डॉक्युमेंट्स भी सब्मिट नहीं करना होगा।

क्या पहले से ज्यादा पैसे निकाल सकते हैं?

अब सब्सक्राइबर्स एजुकेशन के लिए 10 गुना और शादी के लिए 5 गुना विड्रॉल कर सकते हैं। पहले सिर्फ कुल तीन विड्रॉल की इजाजत थी। एक्सपर्ट्स का कहना है कि ईपीएफओ ने एजुकेशन और शादी के बढ़ते खर्च के लिए नियम में यह बदलाव किया होगा। इस बदलाव से सब्सक्राइबर्स को काफी फायदा होगा।

पीएफ सेटलमेंट के लिए कब अप्लाई करना होगा?

अब नौकरी छोड़ने के 12 महीने बाद ही सब्सक्राइबर पीएफ सेटलमेंट के लिए अप्लाई कर सकेगा। पेंशन विड्रॉल के लिए 36 महीने बाद अप्लाई कर सकेगा। पहले नौकरी छोड़ने के 2 महीने बाद पीएफ सेटलमेंट के लिए अप्लाई किया जा सकता था। एक्सपर्ट्स का कहना है कि पीएफ सेटलमेंट के नियमों को सख्त किया गया है।

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छंटनी की स्थिति में क्या एंप्लॉयी को होगी दिक्कत?

एक्सपर्ट्स का कहना है कि पीएफ सेटलमेंट के नियमों में बदलाव का मकसद फाइनेंशियल सिक्योरिटी हो सकता है। लेकिन, इससे छंटनी के शिकार एंप्लॉयीज को दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है। उन्हें अपने पैसे के लिए 12 महीने से ज्यादा इंतजार करना पड़ेगा। आईटी सेक्टर सहित दूसरे सेक्टर में छंटनी को देखते हुए यह नियम एंप्लॉयीज की दिक्कत बढ़ाएगा।

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