अधिक पेंशन के लिए अप्लाई करने की प्रक्रिया पूरा करने को अब आपको और समय मिल गया है। पहले यह काम 3 मई यानी आज तक पूरा कर लेना था लेकिन एंप्लॉयीज प्रोविडेंट फंड ऑर्गेनाइजेशन (EPFO) ने इसकी डेडलाइन बढ़ाकर 26 जून 2023 कर दिया है। केंद्रीय श्रम मंत्रालय ने इसकी अधिसूचना 3 मई की डेडलाइन खत्म होने के एक दिन पहले जारी की है। इस अधिसूचना में मंत्रालय का कहना है कि 4 नवंबर 2022 के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक पेंशनर्स और सब्सक्राइबर्स से हायर पेंशन के एप्लीकेशन के लिए ईपीएफओ ने व्यवस्था की थी। इसके तहत 12 लाख एप्लीकेशन प्राप्त हो चुके हैं। पहले अप्लाई करने की यह ऑनलाइन सुविधा 3 मई तक ही उपलब्ध थी लेकिन अधिक से अधिक लोगों को इसका मौका देने के लिए यह डेडलाइन 26 मई 2023 तक बढ़ा दी गई है।
EPFO से सिफारिश पर बढ़ी डेडलाइन
रिटायरमेंट फंड बॉडी ईपीएफओ से कई प्रतिनिधियों ने इस डेडलाइन को बढ़ाने की मांग की थी। इसके बाद इसे बढ़ाने का फैसला किया गया। सरकारी अधिसूचना के मुताबिक एंप्लॉयीज, एंप्लॉयर्स और उनके एसोसिएशंस ने इसे बढ़ाने की सिफारिश की थी जिसके चलते इसे आगे खिसका दिया गया। यह इसलिए भी बढ़ाया गया है ताकि पेंशनर्स और सब्सक्राइबर्स को इसके लिए अप्लाई करने के लिए पर्याप्त मौके मिल सकें और किसी भी कठिनाई को कम किया जा सके।
ज्यादा पेंशन के इस विकल्प का क्या मतलब है?
अगर आपकी बेसिक सैलरी 50,000 रुपये है तो आपका एंप्लॉयर इसका 12 फीसदी हर महीने आपकी सैलरी से काट लेता है। यह अमाउंट 6,000 रुपये आता है। यह EPF में आपका कंट्रिब्यूशन है। आपका एंप्लॉयर भी इतना ही अमाउंट रिटायरमेंट बेनेफिट में कंट्रिब्यूट करता है। इसका 8.33 फीसदी ईपीएस में जाता है, बाकी प्रोविडेंट फंड में जाता है।हालांकि, ईपीएस के अमाउंट का कैलकुलेशन 15,000 रुपये की तय सीमा के आधार पर होता है। इसलिए आपके एंप्लॉयर के 6000 रुपये के कंट्रिब्यूशन में से 1,250 रुपये (15,000 का 8.33 फीसदी) EPS में जाता है। यह अमाउंट ईपीएस के उस फंड में जुड़ता रहता है, जिससे रिटायरमेंट के बाद एंप्लॉयी को पेंशन मिलती है।
अप्लाई करने का प्रोसेस क्या है?
एंप्लॉयी और एंप्लॉयर को ईपीएफओ को एक ज्वाइंट डेक्लेरेशन सब्मिट करना होगा। इसमें यह बताना होगा कि वे ज्यादा पेंशन ऑप्शन का इस्तेमाल करना चाहते है। एंप्लॉयर को इस डेक्लेरेशन को एप्रूव करना होगा। इसके लिए ईपीएफओ ने अपनी वेबसाइट पर एक लिंक एक्टिवेट किया है। इस लिंक, https://unifiedportal-em.epfindia.gov.in/memberInterfacePohw/ पर क्लिक करना होगा। ईपीएफओ के फील्ड अफसर आपके फॉर्म की जांच करेंगे। अगर फॉर्म में किसी तरह की कमी होगी तो इसके बारे में एंप्लॉयर और एंप्लॉयी को बताया जाएगा।
प्रोसेस पूरा करने में क्या किसी तरह की दिक्कत आ सकती है?
कुछ व्यावहारिक दिक्कतें आ सकती हैं। डेलॉयट इंडिया की पार्टनर सरस्तवी कस्तूरीरंगन ने कहा कि अगर किसी एंप्लॉयी ने कई कंपनियों में काम किया है तो यह सुनिश्चित करना होगा कि पेंशन फंड का पैसा ट्रांसफर हो गया है और यह करेंट UAN से लिंक्ड है। एंप्लॉयीज को उस फंड के कैलकुलेशन में दिक्कत आ सकती है, जिसे पीएफ अकाउंट से पेंशन स्कीम में पहले की तारीख से ट्रांसफर करना है।
ऑनलाइन एप्लिकेशन भरने में आपको किन बातों का ध्यान रखना होगा?
आपको सभी जानकारियां सही-सही भरनी होगी। ऐसा नहीं होने पर आपके एप्लिकेशन की प्रोसेसिंग में देर हो सकती है। अगर आपने पीएफ से पैसे निकाल लिए हैं तो आपको उसका दोबारा पेमेंट करने और इंटरेस्ट भी देना होगा। इसके अलावा आपको सभी जानकारियां जांच करने के बाद ही देनी चाहिए। हालांकि, ईपीएफओ ने कहा है कि अगर एप्लिकेशन में किसी तरह की गड़बड़ी पाई जाती है तो उसे ठीक करने के लिए एंप्लॉयी को एक मौका दिया जाएगा।