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EPFO ने लगभग डबल की डेथ रिलीफ फंड की रकम, सेंट्रल बोर्ड कर्मचारियों के परिवार को मिलेगी बड़ी राहत

EPFO ने अपने सेंट्रल बोर्ड कर्मचारियों के लिए डेथ रिलीफ फंड को ₹8.8 लाख से बढ़ाकर ₹15 लाख कर दिया है। यह बदलाव 1 अप्रैल 2025 से लागू है। साथ ही, 1 अप्रैल 2026 से हर साल 5% बढ़ोतरी भी होगी। जानिए पूरी डिटेल।

अपडेटेड Aug 20, 2025 पर 4:41 PM
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यह रकम EPFO के स्टाफ वेलफेयर फंड से दी जाएगी।

EPFO death relief: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने अपने कर्मचारियों के परिवारों को बड़ी राहत दी है। संगठन ने डेथ रिलीफ फंड के तहत मिलने वाली एक्स-ग्रेशिया रकम को बढ़ाकर ₹15 लाख कर दिया है। पहले यह रकम ₹8.8 लाख थी। नई व्यवस्था को बैक डेट यानी 1 अप्रैल 2025 से लागू किया जा चुका है। इसका मतलब है कि अगर किसी कर्मचारी की मृत्यु 1 अप्रैल 2025 या उसके बाद हुई है, तो उसके परिवार को ₹8.8 लाख की जगह ₹15 लाख मिलेंगे।

किसे मिलेगा यह लाभ?

EPFO डेथ रिलीफ फंड के तहत मृत कर्मचारी के परिवार के सदस्य को यह एक्स-ग्रेशिया रकम देगा। इसका हकदार आमतौर नॉमिनी या कानूनी वारिस होगा। यह रकम EPFO के स्टाफ वेलफेयर फंड से दी जाएगी।


इस फैसले को केंद्रीय न्यासी मंडल (Central Board of Trustees) ने मंजूरी दी है। यह EPFO का सर्वोच्च निर्णय लेने वाला निकाय है। इसमें केंद्र और राज्य सरकारों, नियोक्ताओं और कर्मचारियों के प्रतिनिधि शामिल होते हैं।

हर साल 5% की बढ़ोतरी भी होगी

EPFO ने सिर्फ एक बार के लिए रकम नहीं बढ़ाई है, बल्कि इसमें लगातार बढ़ोतरी भी होगी। EPFO ने तय किया है कि 1 अप्रैल 2026 से हर साल एक्स-ग्रेशिया राशि में 5% की बढ़ोतरी होगी। यानी आने वाले समय में परिवारों को और ज्यादा आर्थिक मदद मिल पाएगी। पहली बढ़त

आधिकारिक सर्कुलर में क्या कहा गया?

EPFO ने 19 अगस्त 2025 को जारी अपने सर्कुलर में लिखा है, "केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त और केंद्रीय स्टाफ वेलफेयर समिति की मंजूरी से डेथ रिलीफ फंड के तहत एक्स-ग्रेशिया राशि ₹8.80 लाख से बढ़ाकर ₹15 लाख कर दी गई है। यह रकममृतक कर्मचारी के परिवार को स्टाफ वेलफेयर फंड से दी जाएगी।" सर्कुलर में आगे यह भी साफ किया गया कि यह राशि हर साल 5% बढ़ती रहेगी।

आम EPF मेंबर के लिए नहीं है सुविधा

EPFO ने हर EPF सदस्य के लिए ये सुविधा नहीं लागू की है। बल्कि यह EPFO के अपने सेंट्रल बोर्ड (CBT) से जुड़े कर्मचारियों/स्टाफ के लिए है। यानी EPFO ऑफिस में काम करने वाले लोग या CBT से सीधे जुड़े कर्मचारी।

आम पीएफधारक (जैसे कोई प्राइवेट कंपनी का कर्मचारी) को इस फैसले का फायदा नहीं मिलेगा। यह सिर्फ EPFO के सेंट्रल बोर्ड स्टाफ की मृत्यु पर मिलने वाले राहत फंड (death relief) में बढ़ोतरी है।

हाल ही में हुए EPFO के अन्य बदलाव

EPFO ने सिर्फ डेथ रिलीफ फंड ही नहीं, बल्कि और भी फैसले लिए हैं ताकि कर्मचारियों और उनके परिवारों को आसानी हो।

1. डेथ क्लेम की प्रक्रिया आसान हुई

पहले अगर किसी कर्मचारी की मृत्यु हो जाती थी और पैसा नाबालिग बच्चों के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर करना होता था, तो गार्जियनशिप सर्टिफिकेट की जरूरत पड़ती थी। अब यह नियम हटा दिया गया है। यानी बच्चों के अकाउंट में सीधे पैसा ट्रांसफर हो सकेगा।

2. आधार लिंकिंग की प्रक्रिया आसान

EPFO ने यह भी कहा है कि जिन सदस्यों ने अभी तक आधार को अपने UAN (यूनिवर्सल अकाउंट नंबर) से लिंक नहीं किया है, या जिनकी आधार डिटेल्स गलत हैं, उनके लिए जॉइंट डिक्लेरेशन प्रक्रिया और आसान कर दी गई है। इससे लाखों PF सब्सक्राइबर्स को राहत मिलेगी, क्योंकि पहले यह प्रक्रिया लंबी और जटिल मानी जाती थी।

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