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EPS में ज्यादा पेंशन के लिए अप्लाई करने के बाद एंप्लॉयी एग्जिट नहीं कर सकता

EPS के तहत एंप्लॉयी और एंप्लॉयर दोनों ही सैलरी का एक निश्चित हिस्सा पेंशन फंड में कंट्रिब्यूट करते हैं। एंप्लॉयर एंप्लॉयी की सैलरी का निश्चित हिस्सा इस फंड में कंट्रिब्यूट करता है। यह मैक्सिमम 1,250 रुपये हर महीने होता है। एंप्लॉयल का बाकी कंट्रिब्यूशन ईपीएफ में जाता है

अपडेटेड May 30, 2023 पर 5:26 PM
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EPS पेंशन एक लाइफलॉन्ग बेनेफिट है। इसलिए एक बार पेंशन शुरू होने के बाद यह एंप्लॉयी के निधन तक जारी रहती है। निधन के बाद उसकी पत्नी को पेंशन मिलती है।

एंप्लॉयीज पेंशन स्कीम (EPS) एक रिटायरमेंट बेनेफिट प्लान है। यह EPF के तहत आता है। कम से कम 10 साल तक EPF में एंप्लॉयी के कंट्रिब्यूशन के बाद उसे EPS से पेंशन मिलती है। इससे रिटायरमेंट के बाद भी एंप्लॉयीज को आर्थिक सुरक्षा मिलती है। EPS का प्रबंधन Employees' Provident Fund Organisation (EPFO) करता है। कुछ महीने पहले ईपीएफओ ने ऐलान किया था कि शर्तें पूरी करने वाले जो एंप्लॉयीज या पेंशनर्स ज्यादा पेंशन चाहते हैं, उन्हें तीन महीने के अंदर अपने ईपीएफ अकाउंट से ईपीएस अकाउंट में पैसे के ट्रांसफर करने के लिए लिखित सहमति देनी होगी।

EPS में कंट्रिब्यूशन

EPS के तहत एंप्लॉयी और एंप्लॉयर दोनों ही सैलरी का एक निश्चित हिस्सा पेंशन फंड में कंट्रिब्यूट करते हैं। एंप्लॉयर एंप्लॉयी की सैलरी का निश्चित हिस्सा इस फंड में कंट्रिब्यूट करता है। यह मैक्सिमम 1,250 रुपये हर महीने होता है। एंप्लॉयल का बाकी कंट्रिब्यूशन ईपीएफ में जाता है। एंप्लॉयी की सैलरी का 12 फीसदी हिस्सा ईपीएफ में जमा होता है। EPS के तहत एंप्लॉयी की पेंशन उसकी सर्विस के साल और पिछले 12 महीनों की औसत सैलरी पर निर्भर करती है।


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अप्लाई करने के बाद बाहर नहीं निकल सकते

जो एंप्लॉयी ज्यादा पेंशन के लिए अप्लाई करना चाहते हैं, उन्हें यह ध्यान में रखना होगा कि एक बार एंप्लॉयी के ज्यादा पेंशन के लिए अप्लाई करने के बाद वे इस स्कीम से बाहर नहीं निकल सकते। एक्सपर्ट्स का कहना है कि इसके लिए एंप्लॉयी के ईपीएफ से ईपीएफ में पैसे ट्रांसफर के लिए एंप्लॉयी की लिखित सहमति जरूरी है। लेकिन, ईपीएफओ की तरफ से अभी इस स्कीम से बाहर निकलने के ऑप्शन के बारे में कुछ नहीं बताया गया है।

EPS लाइफलॉन्ग बेनेफिट

EPS पेंशन एक लाइफलॉन्ग बेनेफिट है। इसलिए एक बार पेंशन शुरू होने के बाद यह एंप्लॉयी के निधन तक जारी रहती है। निधन के बाद उसकी पत्नी को पेंशन मिलती है। इसलिए एक बार हायर पेंशन के लिए अप्लाई करने के बाद इसे वापस लेना मुमकिन नहीं है।

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