Explainer: क्यों बढ़ रही Gold की कीमत, अभी कितनी आएगी तेजी; क्या करें निवेशक?
Gold Price: सोना क्यों लगातार महंगा हो रहा है? किस वजह से निवेशक गोल्ड को सुरक्षित विकल्प मान रहे हैं। क्या यह उछाल जारी रहेगा, और निवेशकों को क्या रणनीति अपनानी चाहिए? जानने के लिए पढ़ें यह पूरा एनालिसिस।
Gold Price में अभी 8% तेजी आने की उम्मीद जताई जा रही है।
Gold Price Explainer: मशहूर अमेरिकी कारोबारी जेपी मॉर्गन (JP Morgan) ने एक दफा कहा था, 'Gold is money. Everything else is credit.' मतलब कि असली पैसा सोना ही है, बाकी सब सिर्फ कर्ज है। और बात दब आर्थिक अनिश्चतता की हो, तो बेशक गोल्ड से बड़ी संपत्ति दूसरी कोई चीज नहीं होती। सोने की कीमत लगातार रिकॉर्ड पर रिकॉर्ड बना रही है।
अगर अंतरराष्ट्रीय स्तर की बात करें, तो इसने मंगलवार को $3,148.88 प्रति औंस का ऑल-टाइम हाई छुआ था। भारत में भी गोल्ड की चमक बरकरार है। दिल्ली में सोने का भाव ₹89,030 प्रति 10 ग्राम और MCX पर ₹88,850 प्रति 10 ग्राम चल रहा है। आइए जानते हैं कि सोने की कीमतों में तेजी की क्या वजह है और निवेशकों को क्या करना चाहिए।
आखिर सोने में इतनी तेजी क्यों?
कीमती धातुओं से जुड़ी रिसर्च कंसल्टेंट फर्म Metals Focus के मैनेजिंग डायरेक्टर फिलिप न्यूमैन के मुताबिक, 'अभी दुनिया में जो माहौल है, उसमें निवेशकों को भरोसेमंद विकल्प चाहिए। और जब भी अनिश्चितता बढ़ती है, सोना हमेशा उनका सबसे पसंदीदा सुरक्षित निवेश बन जाता है।' सोने के दाम फिलहाल 5 कारणों से बढ़ रहे हैं।
अमेरिकी टैरिफ विवाद: राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप आज नए टैरिफ लागू करने वाले हैं। इसे उन्होंने 'लिबरेशन डे' नाम दिया है। इससे महंगाई बढ़ सकती है, आर्थिक विकास धीमा हो सकता है। साथ ही व्यापार विवाद और ज्यादा गहरा सकते हैं।
अर्थव्यवस्था में सुस्ती का डर: अमेरिका में मंदी की आशंका और महंगाई बढ़ने के संकेतों के चलते फेडरल रिजर्व पर ब्याज दरें घटाने का दबाव बढ़ रहा है, जिससे सोने की कीमतों को सपोर्ट मिल रहा है।
भू-राजनीतिक तनाव: मध्य पूर्व, यूरोप और एशिया में लगातार बढ़ती अस्थिरता से निवेशकों का भरोसा हिल रहा है, जिससे वे सोने की तरफ भाग रहे हैं।
केंद्रीय बैंकों की भारी खरीदारी: भारत और चीन समेत कई देशों के सेंट्रल बैंक सोना खरीद रहे हैं। इससे गोल्ड की मांग और कीमत दोनों आसमान छू रही है।
ETF इनफ्लो बढ़ा: गोल्ड-बेस्ड एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड्स (ETF) में निवेश बढ़ा है। इससे पता चलता है कि निवेशक सोने में लंबी अवधि के लिए भी भरोसा जता रहे हैं।
अमेरिकी फाइनेंशियल सर्विसेज फर्म Morningstar में एनालिस्ट जॉन मिल्स (Jon Mills) ने पिछले दिनों की सोने के भाव में करीब 38% गिरावट आने का अनुमान जताया था। हालांकि, फिलहाल बाजार में कई एक्सपर्ट गोल्ड बुलिश नजर आ रहे हैं। हालांकि, फिलिप न्यूमैन के मुताबिक, 'आने वाले महीनों में गोल्ड का रेट करीब 5% तक बढ़ सकता है।'
वहीं, State Street Global Advisors के गोल्ड स्ट्रैटेजी हेड आकाश दोषी का मानना है कि अगर ट्रेड वॉर और बढ़ती है, तो सोना अगले नौ महीनों में मौजूदा स्तर से 8 फीसदी तक का भी उछाल देखा जा सकता है। अगर ऐसा होता है, तो भारत में सोने का भाव ₹96,152 प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकता है।
गोल्ड पर अब किन फैक्टर का दिखेगा असर?
अब बाजार और कारोबारियों नजर बुधवार को आने वाली ADP रोजगार रिपोर्ट और शुक्रवार (4 अप्रैल) को जारी होने वाले अमेरिकी नॉन-फार्म पेरोल डेटा पर है। इनसे संकेत मिलेगा कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था किस दिशा में जा रही है और सोने की कीमतों पर इसका क्या असर होगा।
अगर अमेरिका में आर्थिक संकट बढ़ने का अंदेशा मिलता है और ब्याज दर में जल्द कटौती की जरूरत महसूस होती है, तो गोल्ड की रॉकेट वाली उड़ान जारी रह सकती है।
गोल्ड के निवेशकों को क्या करना चाहिए?
एक्सपर्ट का मानना है कि सोने में निवेश जरूर करें, क्योंकि यह सबसे सुरक्षित निवेश संपत्ति है। लेकिन एकमुश्त रकम झोंकने के बजाय आप थोड़ा-थोड़ा गोल्ड खरीदें। अभी के हालात को देखते हुए, सोना पोर्टफोलियो को स्थिर रखने और संपत्ति को सुरक्षित करने का बेहतरीन जरिया बना हुआ है।
इतिहास यही बताता है कि जब दुनिया में अनिश्चितता बढ़ती है, तो सोना और भी ज्यादा दमकता है। हालांकि, निवेशकों को इस बात का भी ख्याल रखना चाहिए कि जब आर्थिक स्थिरता बहाल होगी, तो सोने के दाम में तेज गिरावट भी आ सकती है। कई एक्सपर्ट इस बात का अंदेशा जता चुके हैं। ऐसे में निवेशकों को उस हिसाब से भी तैयारी करके रखनी चाहिए। Mehta Equities के VP राहुल कलंत्री का कहना है, 'शॉर्ट-टर्म में थोड़ी गिरावट आ सकती है, लेकिन जब तक व्यापार युद्ध जारी रहेगा, सोना मजबूत रहेगा।'