पैसों को खा जाती हैं ये तीन गलतियां, कहीं आप भी तो नहीं कर रहे अपना नुकसान?

Financial Mistakes: निवेश करके बड़ी रकम बनाई जा सकती है। लेकिन, कई लोग 3 बड़ी गलतियां करते हैं, जो उनके वित्तीय भविष्य को बर्बाद कर सकती हैं। जानिए क्या हैं ये 3 तीन गलतियां और कैसे इनसे बचकर बनाएं बड़ा फंड।

अपडेटेड Jun 07, 2025 पर 5:12 PM
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सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) से लंबे समय में मजबूत संपत्ति बनाई जा सकती है।

Financial Mistakes: हम में से हर कोई वित्तीय तौर पर आत्मनिर्भर होना चाहता है। इसके लिए निवेश सबसे बेहतर रास्ता होता है। लेकिन, कई बार हम जाने-अनजाने में ऐसी गलतियां कर बैठते हैं कि निवेश में फायदा के बजाय नुकसान हो जाता है।

आइए जानते हैं कि निवेश करते किन बातों का ध्यान रखना चाहिए और किन चीजों से बचना चाहिए, ताकि बड़ा फंड बनाया जा सके।

मैसेजिंग ग्रुप के झांसे में न आएं


सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर तेजी से बढ़ते 'स्टॉक टिप्स' ग्रुप्स कई निवेशकों को पेनी स्टॉक्स की ओर लुभाते हैं। ये ऐसे शेयर होते हैं, जिनकी कीमत बेहद कम होती है। जैसे कुछ पैसों से लेकर 15-20 रुपये तक। टेलीग्राम और वॉट्सऐप जैसे ग्रुप पर फ्रॉड किस्म के लोग बताएंगे कि ये स्टॉक कुछ ही दिन में कई गुना रिटर्न दे देंगे।

अब जैसे कि किसी निवेशक ने ₹2 के भाव पर ₹50,000 के शेयर खरीदे। हो सकता है कि अगले दो-चार दिन तक शेयर का भाव बढ़े। लेकिन, यह सिर्फ 'कागजी' मुनाफा रहेगा, जब तक आप उसे बेचकर नहीं निकलेंगे। लेकिन, दूसर सूरत में वह ₹2 का शेयर गिरकर ₹0.50 रह जाता है, आपको सीधे 75% का नुकसान होगा। आपके निवेश की वैल्यू घटकर ₹12,500 तक आएगी। इस पर भी गारंटी नहीं है कि इस भाव पर भी आपको कोई खरीदार मिलेगा या नहीं।

दरअसल, पेनी स्टॉक्स में पारदर्शिता नहीं होती और इनमें लिक्विडिटी (liquidity) भी बेहद कम होती है। इसीलिए इन स्टॉक्स में बिना रिसर्च निवेश करना सीधे नुकसान की ओर ले जाता है।

हर चीज EMI पर लेने की आदत न बनाएं 

बाजार में आसान फाइनेंसिंग विकल्पों ने EMI को सामान्य बना दिया है। मोबाइल फोन, टीवी, फर्नीचर, यात्रा - हर चीज अब EMI या नो-कॉस्ट EMI पर मिल रही है। यही वजह है कि कई लोग ज्यादा सोच-विचार किए बगैर हर चीज EMI पर खरीद लेते हैं। यह सुविधा जब आदत बन जाती है, तो फिक्स्ड इनकम का बड़ा हिस्सा कर्ज चुकाने में खर्च होने लगता है।

जैसे कि किसी शख्स की आय ₹60,000 महीना है। उसने अलग-अलग चीजों की खरीद पर ₹30,000 की कुल EMI ले रखी है, तो उसकी निवेश या इमरजेंसी सेविंग की क्षमता घटकर आधी रह जाती है। अगर बीच में नौकरी छूटने या परिवार में मेडिकल इमरजेसीं जैसी कोई दिक्कत आई, तो भारी कर्ज के जाल में फंसने का खतरा रहता है। इससे निकलना काफी ज्यादा मुश्किल हो सकता है।

इसलिए EMI तभी लें, जब वह बेहद जरूरी हो और चुकाने लायक हो। फिजूल की चीजों को EMI पर लेने से क्रेडिट स्कोर और मानसिक शांति दोनों पर असर पड़ सकता है।

SIP शुरू करने का काम न टालें

सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) से लंबे समय में मजबूत संपत्ति बनाई जा सकती है। लेकिन, कई लोग बहाने बनाकर इसे टालते रहते हैं। जैसे कि अभी SIP करने लायक बचत नहीं हो रही है, बाजार गिरा हुआ है या फिर थोड़ा समय रुक कर देख लेते हैं। लेकिन, SIP जल्दी शुरू न करने में काफी नुकसान है क्योंकि इस फायदा कंपाउंडिंग के साथ मिलता है।

अब जैसे कि कोई शख्स 25 साल की उम्र में ₹5,000 प्रति महीना SIP शुरू करता है। अगर औसतन 12% वार्षिक रिटर्न मानें, तो 60 की उम्र तक वह लगभग ₹2.75 करोड़ का कॉर्पस बना सकता है। वहीं, अगर यही SIP 35 की उम्र में शुरू की जाए, तो कुल कॉर्पस घटकर लगभग ₹88 लाख ही रह जाएगा।

इसका सीधा मतलब है कि वक्त का असर निवेश पर बहुत गहरा होता है। SIP जितनी जल्दी शुरू की जाए, उतना बेहतर। देर से शुरुआत का मतलब है बड़ा मौका चूक जाना।

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Suneel Kumar

Suneel Kumar

First Published: Jun 07, 2025 5:12 PM

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