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Dabur का '100% फ्रूट जूस' का दावा कानून का शत-प्रतिशत उल्लंघन, FSSAI ने दिल्ली हाई कोर्ट से कहा

FSSAI vs Dabur: FSSAI ने दिल्ली हाई कोर्ट में Dabur के '100% फ्रूट जूस' दावे को भ्रामक और कानून का उल्लंघन बताया है। Dabur ने इसके खिलाफ कोर्ट में याचिका दायर की है, अगली सुनवाई 7 जुलाई को होगी।

Edited By: Suneel Kumarअपडेटेड Apr 30, 2025 पर 2:53 PM
Dabur का '100% फ्रूट जूस' का दावा कानून का शत-प्रतिशत उल्लंघन, FSSAI ने दिल्ली हाई कोर्ट से कहा
जून 2024 में FSSAI ने सभी फूड बिजनेस ऑपरेटर्स (FBOs) को निर्देश जारी कर कहा था कि वे '100% फ्रूट जूस' जैसे दावे लेबल और विज्ञापन से हटाएं।

FSSAI vs Dabur: दिग्गज FMCG कंपनी Dabur का ‘100% फ्रूट जूस’ दावा उसकी मुश्किलें बढ़ा रहा है। फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) ने दिल्ली हाई कोर्ट में दाखिल एक शपथपत्र में कहा है कि मौजूदा खाद्य मानकों के तहत Dabur को अपने जूस उत्पाद की पैकेजिंग पर ‘100% फ्रूट जूस’ लिखने की इजाजत नहीं है। यह दावा उपभोक्ताओं को गुमराह कर सकता है।

FSSAI ने Dabur के दावे पर क्या कहा?

फूड रेगुलेटर के अनुसार, Food Safety and Standards (Advertising and Claims) Regulations, 2018 के तहत ऐसे संख्यात्मक दावे (numerical descriptors) को मान्यता प्राप्त नहीं है। FSSAI ने यह भी स्पष्ट किया कि ‘100%’ जैसा शब्द उपभोक्ता को यह आभास दिला सकता है कि उत्पाद पूरी तरह से शुद्ध फलों से बना है, जबकि अधिकांश मामलों में यह reconstituted जूस होता है, जिसमें पानी या अन्य सामग्री मिलाई जाती है।

FSSAI ने यह शपथपत्र 23 अप्रैल को कोर्ट में दाखिल किया। इसमें कहा गया है कि Schedule V के अंतर्गत ‘100%’ जैसे दावों को स्वीकृत दावे की श्रेणी में नहीं रखा गया है। इससे पहले जून 2024 में FSSAI ने सभी फूड बिजनेस ऑपरेटर्स (FBOs) को निर्देश जारी कर कहा था कि वे '100% फ्रूट जूस' जैसे दावे लेबल और विज्ञापन से हटाएं।

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