अगर आप दिल्ली-एनसीआर में घर बनाने की योजना बना रहे हैं और आपके पास जमीन है, तो सबसे पहले सही ठेकेदार का चयन करना बहुत जरूरी है। इस प्रोसेस में कई ऐसे फैसले होते हैं, जिन पर ध्यान देना जरूरी है। 40 साल के अनुभव वाले ठेकेदार हरिराज सिंह ने कहा कि ठेकेदार चुनते समय आपको लेबर रेट और मैटीरियल के साथ ठेकेदार में से सही ऑप्शन का चुनाव करना जरूरी होता है।
लेबर रेट ठेकेदार क्यों नहीं लेना चाहिए?
लेबर रेट पर ठेकेदार लेने में कई समस्याएं हो सकती हैं। लेबर रेट ठेकेदार केवल लेब की लागत लेता है, जबकि घर बनाने के लिए जरूरी मैटैरियल जैसे स्टील, सीमेंट, कंक्रीट, रेडी मिक्स कंक्रीट, लकड़ी, पत्थर, और ईंट आपको अलग से खरीदनी पड़ती है।
अतिरिक्त लागत: सप्लायर से मैटीरियल मंगाने में ज्यादा पैसे खर्च होते हैं।
बार-बार भागदौड़: घर बनाने के लिए सामान कम पड़ने पर आपको बार-बार इसे लाने की व्यवस्था करनी पड़ती है।
समय और एनर्जी बेचगा: इससे आपका समय और ऊर्जा दोनों लगाने पड़ते हैं।
कम क्वालिटी का जोखिम: क्वालिटी की निगरानी कठिन हो सकती है।
मैटीरियल के साथ ठेकेदार का चयन क्यों जरूरी है?
मैटीरियल के साथ ठेकेदार लेना हमेशा बेहतर होता है। ठेकेदार मैटीरियल की सप्लाई से लेकर मजदूरों की व्यवस्था और निर्माण कार्य की निगरानी तक हर काम संभालता है। समय की बचत होती है और बार-बार दौड़ने की जरूरत नहीं होती। क्वालिटी की गारंटी होती है क्योंकि ठेकेदार अपनी जिम्मेदारी से काम करता है।
स्ट्रक्चर का खर्चा: ₹1400-₹1500 प्रति वर्ग फुट।
फिनिशिंग का खर्चा: ₹2000 प्रति वर्ग फुट।
निर्माण का समय: 8 से 12 महीने।
स्ट्रक्चर का खर्चा: ₹1200 प्रति वर्ग फुट।
फिनिशिंग का खर्चा: ₹1800 प्रति वर्ग फुट।
निर्माण का समय: 8 से 12 महीने।
घर बनवाते समय इन 5 बातों का रखें ध्यान
सही ठेकेदार का चयन करें। इसके लिए पहले अपने ठेकेदार के अनुभव और रिकॉर्ड की जांच करें। जरूरी बात की अपने ठेकेदार के साथ कॉन्ट्रेक्ट बनाएं। समय और बजट का ध्यान रखें। तय समय और बजट के अंदर काम पूरा करने की योजना बनाएं। दिल्ली-एनसीआर में घर बनवाने की काम आसान नहीं है, लेकिन सही ठेकेदार और रणनीति से आप अपने सपनों का घर समय पर और बिना किसी परेशानी के बनवा सकते हैं।