Gold Price: MCX पर ₹1181 लुढ़का सोना, वैश्विक बाजार में भी गिरावट; क्या हैं कारण

Gold Price: रेट कट की उम्मीदों में बदलाव और डॉलर के मजबूत होने से बुलियन में तेज उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। जियोपॉलिटिकल डेवलपमेंट्स ओवरऑल सेंटिमेंट पर असर डाल रहे हैं। सोने के साथ-साथ चांदी में भी गिरावट है

अपडेटेड Nov 21, 2025 पर 12:54 PM
Story continues below Advertisement
सुरक्षित निवेश के तौर पर सोने और चांदी की डिमांड में गिरावट आई है।

21 नवंबर को सोने के दाम में गिरावट है। घरेलू बाजार के साथ-साथ वैश्विक बाजार में भी कीमत नीचे आई है। रॉयटर्स के मुताबिक, अंतरराष्ट्रीय बाजार में स्पॉट गोल्ड की कीमत 0.9% गिरकर 4,039.86 डॉलर प्रति औंस रह गई है। दिसंबर में डिलीवरी वाला यूएस गोल्ड फ्यूचर्स 0.6% गिरकर 4,035.60 डॉलर प्रति औंस पर आ गया है। गिरावट के पीछे के कारणों की बात करें तो अमेरिका में रोजगार के मजबूत आंकड़ों के बाद अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व की ओर से ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद कम हो गई है। साथ ही डॉलर में मजबूती है। इससे सुरक्षित निवेश के तौर पर सोने और चांदी की डिमांड में गिरावट आई है।

अमेरिका में सितंबर में नॉन फार्म पेरोल में 119,000 का इजाफा हुआ है, जबकि अनुमान 50,000 नई नौकरियों का था। इसके चलते फेड की ओर से रेट कट किए जाने की उम्मीदें कम हो गई हैं। बेंचमार्क ब्याज दर में कटौती से बॉन्ड कम आकर्षक हो जाते हैं, जिससे निवेशक सोने जैसे सेफ एसेट में निवेश बढ़ाते हैं।

भारतीय वायदा बाजार में सोना और चांदी


21 नवंबर को मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) में दिसंबर में डिलीवरी वाले गोल्ड कॉन्ट्रैक्ट का वायदा भाव 1181 रुपये की गिरावट के साथ 121546 रुपये प्रति 10 ग्राम के लो तक गया। दिसंबर में डिलीवरी वाले सिल्वर कॉन्ट्रैक्ट का वायदा भाव 3534 रुपये गिरकर 150617 रुपये प्रति किलोग्राम के लो तक गया। वैश्विक स्तर पर स्पॉट सिल्वर का का भाव 2.2% गिरकर 49.48 डॉलर प्रति औंस रह गया।

Silver Price Today: चांदी आज फिर हुई सस्ती, जानिये शुक्रवार 21 नवंबर का सिल्वर रेट

एनालिस्ट्स की राय

मेहता इक्विटीज के राहुल कलंत्री का कहना है कि रेट कट की उम्मीदों में बदलाव और डॉलर के मजबूत होने से बुलियन में तेज उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। सोने को $4,032–4,000 के आसपास सपोर्ट और $4,110-4,140 के आसपास रेजिस्टेंस मिल रहा है। मोतीलाल ओसवाल के मानव मोदी के मुताबिक, मजबूत लेबर डेटा और मजबूत डॉलर ने रेट-कट की उम्मीदों को ठंडा कर दिया है, जबकि जियोपॉलिटिकल डेवलपमेंट्स ओवरऑल सेंटिमेंट पर असर डाल रहे हैं।

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।