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Gold Loan: आरबीआई के नए गोल्ड लोन नियमों के बारे में ये बातें जरूर जान लें

RBI ने गोल्ड लोन के लिए नई गाइडलाइंस 6 जून को पेश कर दी। केंद्रीय बैंक ने अप्रैल में गाइडलाइंस का ड्राफ्ट पेश किया था। इस पर व्यापक चर्चा के बाद आरबीआई ने फाइनल गाइडलाइंस पेश की है। इसमें बैंकों और एनबीएफसी के लिए रिस्क कम करने की कोशिश की गई है

MoneyControl Newsअपडेटेड Jun 11, 2025 पर 6:26 PM
Gold Loan: आरबीआई के नए गोल्ड लोन नियमों के बारे में ये बातें जरूर जान लें
केंद्रीय बैंक बैंक और एनबीएफसी को गोल्ड बार (बुलियन) और सोने या चांदी से जुड़े फाइनेंशियल एसेट्स के बदले लोन देने से मना कर दिया है।

आरबीआई ने 6 जून को गोल्ड लोन और सिल्वर लोन के लिए फाइनल गाइडलाइंस पेश कर दी। केंद्रीय बैंक बैंक और एनबीएफसी को गोल्ड बार (बुलियन) और सोने या चांदी से जुड़े फाइनेंशियल एसेट्स के बदले लोन देने से मना कर दिया है। बैंक और एनबीएफसी गोल्ड ईटीएफ, म्यूचुअल फंड्स की गोल्ड स्कीम और डिजिटल गोल्ड के बदले भी लोन नहीं दे सकेंगी। आरबीआई ने गोल्ड लोन देने वाली कंपनियों और बैंकों के लिए रिस्क कम करने के मकसद से यह नियम बनाया है।

बैंकों और एनबीएफसी के लिए रिस्क घटेगा

Muthoot FinCorp के सीईओ शाजी वर्गीज ने कहा कि गोल्ड बुलियन या ईटीएफ और गोल्ड ज्वैलरी में फर्क है। दोनों के मकसद भी अलग-अलग हैं। गोल्ड बुलियन और गोल्ड ईटीएफ की वैल्यू में तेजी से उतारचढ़ाव हो सकता है। इससे लोन देने वाले बैंक या एनबीएफसी के लिए रिस्क बढ़ जाता है। इसलिए आरबीआई ने ऐसे एसेट्स पर लोन देने से बैंकों और एनबीएफसी को रोक दिया है।

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