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New Labour Codes: ग्रैच्युटी और PF नियमों को कैसे बदलेंगे नए लेबर कोड, किन कर्मचारियों को होगा फायदा?

New Labour Codes: नए लेबर कोड्स लागू होने के बाद ग्रैच्युटी और PF के नियम जिस तरह बदल गए हैं, उससे लाखों कर्मचारियों की सोशल सिक्योरिटी तस्वीर बदल सकती है। पहली बार गिग और प्लेटफॉर्म वर्कर्स भी औपचारिक दायरे में आएंगे। कौन-कौन होगा इसका सबसे बड़ा लाभार्थी?

Edited By: Suneel Kumarअपडेटेड Nov 22, 2025 पर 11:10 PM
New Labour Codes: ग्रैच्युटी और PF नियमों को कैसे बदलेंगे नए लेबर कोड, किन कर्मचारियों को होगा फायदा?
नए लेबर कोड्स लागू होने के बाद PF (Provident Fund) का दायरा पहले से ज्यादा बड़ा हो गया है।

New Labour Codes: केंद्र सरकार के चार नए लेबर कोड 21 नवंबर से लागू हो गए। इन कोड्स ने अब तक मौजूद 29 अलग-अलग श्रम कानूनों की जगह ले ली है। इन बदलावों का मकसद भारत के लेबर फ्रेमवर्क को आधुनिक बनाना है। इससे कंपनियों के लिए नियम सरल होंगे। ज्यादा से ज्यादा कर्मचारियों को सुरक्षा और फायदे उपलब्ध कराने की राह खुलेगी। इसमें फिक्स्ड-टर्म, कॉन्ट्रैक्ट, गिग और प्लेटफॉर्म वर्कर्स भी शामिल हैं।

ज्यादा कर्मचारियों को जल्दी ग्रैच्युटी का फायदा

पहले ग्रैच्युटी सिर्फ स्थायी कर्मचारियों को मिलती थी। इसके लिए लगातार पांच साल की सेवा जरूरी थी। नए लेबर कोड्स में एक बड़ा बदलाव यह है कि अब फिक्स्ड-टर्म एंप्लॉयीज (FTEs) और कुछ कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स को सिर्फ एक साल की सेवा के बाद ही ग्रैच्युटी मिल सकेगी। स्थायी कर्मचारियों के लिए अभी भी पांच साल का नियम जारी रहेगा।

ग्रैच्युटी की कैलकुलेशन का तरीका वही रहेगा। आखिरी सैलरी के आधार पर हर पूरे साल की सेवा के लिए 15 दिन के वेतन के बराबर रकम। लेकिन दायरा बढ़ जाने से पहले से कहीं ज्यादा कर्मचारियों को एग्जिट बेनिफिट, वित्तीय सुरक्षा और औपचारिक मान्यता मिलेगी।

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