Gold Price: सोना हुआ सस्ता, दो हफ्ते के निचले स्तर पर रेट; क्या ये है खरीदारी का सही मौका?

गोल्ड की कीमतें दो हफ्ते के निचले स्तर पर पहुंच गई हैं, जिससे निवेशकों के लिए खरीदारी का मौका बन सकता है। डॉलर की मजबूती, वैश्विक तनाव में राहत और भारत में डिमांड के बावजूद गिरावट देखने को मिली है।

अपडेटेड May 01, 2025 पर 3:25 PM
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सोने का भाव गुरुवार (1 मई) को एक दिन पहले की तुलना में करीब 2300 रुपये तक कम हुआ है।

Gold Price:  पिछले कुछ महीनों से सोने की भाव में लगातार उछाल देखने को मिल रहा था। लेकिन, अब कीमतों में धीरे-धीरे नरमी आ रही है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में गुरुवार (1 मई 2025) को गोल्ड का रेट दो हफ्ते के निचले स्तर पर पहुंच गया। डॉलर की मजबूती और वैश्विक व्यापार तनावों में नरमी के संकेतों ने गोल्ड की चमक फीकी कर दी। आइए जानते हैं कि भारत में गोल्ड की डिमांड का क्या हाल है और क्या ये सोना खरीदने का अच्छा मौका है?

भारतीय बाजार में सोने के भाव

सोने का भाव गुरुवार (1 मई) को एक दिन पहले की तुलना में करीब 2300 रुपये तक कम हुआ है। 22 कैरेट सोने का दाम 87,700 रुपये और 24 कैरेट 10 ग्राम सोने का भाव 95,700 रुपये के आसपास कारोबार कर रहा है। चांदी का दाम भी 1 लाख रुपये प्रति किलोग्राम के नीचे आ गई है। चांदी का दाम 99,900 रुपये पर कारोबार कर रहा है।


सोने की कीमतों में गिरावट की वजह

  1. अमेरिकी डॉलर प्रमुख मुद्राओं की तुलना में 0.4% मजबूत हुआ है। इससे अन्य देशों के खरीदारों के लिए सोना महंगा हो गया। डॉलर में मजबूती की वजह से निवेशकों ने सुरक्षित विकल्पों से दूरी बनाई है।
  2. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत, दक्षिण कोरिया और जापान के साथ संभावित व्यापार समझौतों का संकेत दिया है। इससे वैश्विक बाजार में तनाव कुछ कम हुआ।
  3. अमेरिकी अर्थव्यवस्था में पिछली तिमाही में तीन साल में पहली बार गिरावट देखने को मिली है। एनालिस्टों का मानना है कि फेडरल रिजर्व 2025 के अंत तक ब्याज दरों में कुल एक प्रतिशत की कटौती कर सकता है।
  4. चीन में लेबर डे की छुट्टियों के चलते 1 से 5 मई तक बाजार बंद हैं। इससे इस सप्ताह वैश्विक ट्रेडिंग वॉल्यूम में गिरावट देखी जा रही है।

भारत में गोल्ड की डिमांड का क्या हाल है?

भारत में सोने की ऊंची कीमतों के बावजूद अक्षय तृतीया पर अच्छी डिमांड देखने को मिली। हालांकि, यह बीते कुछ साल के मुकाबले कम रही। देश के प्रतिष्ठित ज्वेलरी समूह मालाबार ग्रुप के चेयरमैन एमपी अहमद ( MP Ahammed) का कहना है कि सोने की ऊंची कीमतों के बावजूद इस साल अक्षय तृतीया पर हमारे देशभर के स्टोर्स में गोल्ड ज्वेलरी की मजबूत मांग देखने को मिली।

उन्होंने कहा, 'इससे सोने के प्रति गहरी सांस्कृतिक जुड़ाव और इस दिन के पारंपरिक महत्व का पता चलता है। ग्राहक निवेश और खास मौकों- दोनों के लिए हमारे शोरूम में आए। साथ ही, चल रहे शादी के सीजन ने भी मांग को और बढ़ावा दिया। हमें उम्मीद है कि यह सकारात्मक रुझान आने वाले दिनों में भी जारी रहेगा।'

गोल्ड में निवेश के लिए क्या रणनीति अपनाएं?

पिछले पांच वर्षों में गोल्ड ने औसतन 14% का सालाना रिटर्न दिया है। पिछले महीने यानी अप्रैल में गोल्ड ने वैश्विक तनाव बढ़ने की वजह से कई नए रिकॉर्ड हाई बनाए। Angel One के चीफ टेक्निकल रिसर्च एनालिस्ट तेजस अनिल शिग्रेकर के अनुसार, निकट भविष्य में रणनीति "गिरावट पर खरीदारी" की होनी चाहिए।

हालांकि, Tastylive के ग्लोबल मैक्रो रिसर्च हेड इल्या स्पिवक का कहना है, “ट्रेड वॉर को लेकर चिंता कम हुई है, लेकिन निवेशकों का भरोसा अब भी पूरी तरह बहाल नहीं हुआ है।” इससे जाहिर होता है कि निकट भविष्य में अभी गोल्ड की कीमतों में उतार-चढ़ाव जारी रह सकता है।

तकनीकी स्तर: निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण संकेत

Angel One के चीफ टेक्निकल रिसर्च एनालिस्ट तेजस अनिल शिग्रेकर के अनुसार, गोल्ड के कुछ प्रमुख लेवल है, जिन पर निवेशक नजर रख सकते हैं।

  • खरीदारी का स्तर: ₹91,900 से ₹92,200 प्रति 10 ग्राम
  • स्टॉप-लॉस: ₹89,400
  • टारगेट प्राइस: ₹97,900 से ₹1,00,200 प्रति 10 ग्राम

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Suneel Kumar

Suneel Kumar

First Published: May 01, 2025 3:25 PM

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