Gold price today: सोने की कीमतों में फिर तूफानी तेजी, ₹1.27 लाख तक पहुंच भाव; अब आगे क्या?

Gold price today: सोने की कीमतें गुरुवार को फिर से ₹1.27 लाख प्रति 10 ग्राम के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गईं। एक्सपर्ट्स का मानना है कि साल के अंत तक सोना $4,300 से $4,600 प्रति औंस तक जा सकता है। जानिए किन 5 वजहों से दोबारा बढ़ रहे सोने के दाम।

अपडेटेड Nov 13, 2025 पर 3:14 PM
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अमेरिका में ब्याज दर घटने की उम्मीदों ने सोने में निवेश बढ़ा दिया है।

Gold price today: सोने की कीमतों में गुरुवार (13 नवंबर) को तेजी का सिलसिला जारी रहा। घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में निवेशकों की मजबूत खरीदारी देखने को मिली। यह बढ़त अमेरिका में ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदों और भू-राजनीतिक तनाव के कारण आई है। भारत में 10 ग्राम सोने की कीमत ₹1.27 लाख पहुंच गई, जो पिछले दिन के मुकाबले ₹2,290 ज्यादा है। गुरुवार दोपहर 2.26 बजे तक MCX पर सोना 0.95% की बढ़त के साथ ₹1,27,666 पर कारोबार कर रहा था।

ग्लोबल मार्केट में तेजी

वैश्विक बाजारों में स्पॉट गोल्ड 0.4% बढ़कर $4,214.52 प्रति औंस पर पहुंच गया। अमेरिकी गोल्ड फ्यूचर्स (दिसंबर डिलीवरी) 0.1% बढ़कर $4,218.20 प्रति औंस पर बंद हुए। यह 21 अक्टूबर के बाद का सबसे ऊंचा स्तर है।


गोल्ड में तेजी की वजह

एनालिस्टों के मुताबिक, सोने में यह तेजी अमेरिकी फेडरल रिजर्व (Federal Reserve) की संभावित रेट कट और कमजोर डॉलर की वजह से है। Reliance Securities के सीनियर रिसर्च एनालिस्ट जिगर त्रिवेदी ने कहा, 'कमजोर डॉलर, रेट कट की उम्मीदें और सेंट्रल बैंकों की लगातार खरीदारी सोने की रैली को सपोर्ट दे रही हैं।'

उन्होंने यह भी कहा कि हाल की रैली के बाद थोड़ी बहुत कंसॉलिडेशन आ सकती है, लेकिन साल के अंत तक सोने के $4,300 प्रति औंस से ऊपर जाने की संभावना है, अगर रियल यील्ड्स नीचे बनी रहती हैं।

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सोने के दाम बढ़ने के 5 कारण

  • अमेरिका में ब्याज दर घटने की उम्मीदों ने सोने में निवेश बढ़ा दिया है। फेडरल रिजर्व के रेट कट की संभावना से निवेशक सुरक्षित संपत्ति के रूप में गोल्ड खरीद रहे हैं।
  • डॉलर कमजोर होने से अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना सस्ता हो गया है। इससे दूसरे देशों के निवेशकों की मांग बढ़ी है और कीमतों में तेजी आई है।
  • भू-राजनीतिक तनाव और आर्थिक अनिश्चितता के माहौल में निवेशक सतर्क हैं। ऐसे समय में सोना एक सुरक्षित निवेश (Safe Haven) बनकर उभरा है।
  • सेंट्रल बैंकों और संस्थागत निवेशकों की लगातार खरीदारी जारी है। गोल्ड ETF में भी रिकॉर्ड पैसा आ रहा, जिससे कीमतें ऊपर जा रही हैं।
  • रुपये की कमजोरी से भारत में सोने का आयात महंगा पड़ रहा है। आयात लागत बढ़ने के कारण घरेलू बाजार में गोल्ड के दाम बढ़ गए हैं।

अमेरिकी शटडाउन खत्म

सोने की मौजूदा तेजी के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने देश के इतिहास के सबसे लंबे सरकारी शटडाउन को खत्म करने वाले कानून पर हस्ताक्षर किए हैं। इससे अब अमेरिका में रोजगार और महंगाई के आंकड़े दोबारा जारी हो सकेंगे, जो दिसंबर में होने वाली फेडरल रिजर्व की नीति बैठक के लिए अहम रहेंगे।

समाचार एजेंसी रॉयटर्स के सर्वे के मुताबिक, 80% अर्थशास्त्रियों का मानना है कि फेड दिसंबर में ब्याज दरों में 0.25% (25 बेसिस पॉइंट) की कटौती करेगा, ताकि कमजोर होते लेबर मार्केट को सपोर्ट मिल सके।

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सोना बना सुरक्षित ठिकाना

कम ब्याज दरें आम तौर पर सोने के लिए फायदेमंद होती हैं, क्योंकि यह ब्याज नहीं देता। अनिश्चित आर्थिक माहौल में निवेशक इसे सुरक्षित निवेश (Safe Haven) के रूप में चुनते हैं। कई महीनों तक गोल्ड में जोरदार तेजी के पीछे यह भी एक बड़ी वजह थी कि फेडरल रिजर्व ने लगातार ब्याज दरों में नरमी बनाए रखी।

सालभर में 60% की बढ़त

इस साल यानी 2025 अब तक सोने की कीमतें लगभग 60% बढ़ चुकी हैं। 20 अक्टूबर को सोना $4,381.21 प्रति औंस के अपने ऑल-टाइम हाई तक पहुंच गया था। इस रैली को भू-राजनीतिक तनाव, व्यापारिक रुकावटें और रेट कट की उम्मीदों ने मजबूत किया है।

गोल्ड पर एक्सपर्ट की राय

Mehta Equities में कमोडिटीज के वाइस प्रेसिडेंट Rahul Kalantri का कहना है कि सोना अब तकनीकी रूप से मजबूत स्थिति में है। उनके मुताबिक, सोने को $4,140-$4,100 प्रति औंस पर सपोर्ट और $4,240-$4,265 पर रेजिस्टेंस मिल सकता है।

वहीं, Emkay Wealth Management ने सोने के अपसाइड टारगेट $4,368 और $4,600 प्रति औंस बताए हैं। वहीं, सपोर्ट लेवल $3,890 और $3,510 के आसपास हैं। रिपोर्ट में कहा गया कि पिछले एक साल में डॉलर 8% कमजोर हुआ है। इससे कमोडिटी प्राइस को सपोर्ट मिला है। साथ ही, $65 अरब के ETF इनफ्लो और सेंट्रल बैंकों की खरीदारी ने भी मांग को बढ़ाया है।

Emkay Wealth ने कहा, 'डॉलर की कमजोरी, भू-राजनीतिक तनाव और संस्थागत निवेशकों की खरीदारी ने सोने को निवेश के लिए आकर्षक बनाया है।' ब्रोकरेज ने निवेशकों को सलाह दी कि वे अपनी होल्डिंग बनाए रखें और गिरावट आने पर खरीदारी बढ़ाएं।

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