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Gold production in lab: डायमंड की तरह लैब में बन सकता है असली सोना, लेकिन ये है बड़ी चुनौती

Gold production in lab: लैब में सोना बनाना मुमकिन है, जैसा डायमंड लैब में बनाया जाता है। वैज्ञानिक ट्रांसम्यूटेशन से पारा या सीसा को सोने में बदल सकते हैं। लेकिन, इस प्रक्रिया में कई चुनौतियां हैं। जानिए डिटेल।

Suneel Kumarअपडेटेड Oct 07, 2025 पर 4:08 PM
Gold production in lab: डायमंड की तरह लैब में बन सकता है असली सोना, लेकिन ये है बड़ी चुनौती
1900 के दशक की शुरुआत में जापानी भौतिक विज्ञानी हंतारो नागाओका (Hantaro Nagaoka) ने पारे (Mercury) पर न्यूट्रॉन बमबारी करके पहली बार सोना 'बनाया' था।

Gold production in lab: डायमंड अब सिर्फ धरती की गहराइयों से नहीं, बल्कि लैब से भी निकल रहे हैं। बिल्कुल असली जैसे, कार्बन से बने और वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित। लेकिन सवाल यह है कि क्या सोने (Gold) के साथ भी ऐसा ही किया जा सकता है? क्या इंसान लैब में असली सोना बना सकता है? वैज्ञानिकों ने इसकी कोशिश की है, लेकिन कहानी जितनी सुनने में रोचक है, उतनी ही जटिल भी है।

इंसानों ने जब पहली बार 'बनाया' सोना

1900 के दशक की शुरुआत में जापानी भौतिक विज्ञानी हंतारो नागाओका (Hantaro Nagaoka) ने पारे (Mercury) पर न्यूट्रॉन बमबारी करके पहली बार सोना 'बनाया' था। पारा इस प्रक्रिया के लिए सबसे आसान तत्व माना जाता है, क्योंकि इसके परमाणु सोने के परमाणुओं से काफी मिलते-जुलते हैं।

नागाओका के प्रयोग में पारे के कुछ परमाणु टूटकर सोने में बदल गए थे। यानी, उन्होंने सचमुच सोना 'बना' लिया था। लेकिन, बेहद सूक्ष्म मात्रा में, कुछ परमाणु स्तर पर। बाद में 1972 में सोवियत वैज्ञानिकों ने गलती से एक परमाणु रिएक्टर की सीसे (Lead) की ढाल को सोने में बदल दिया था।

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