Gold Rate: सोना एक बार फिर चमक बिखेर रहा है। गोल्ड अपने अब तक के पीक लेवल पर पहुंच चुका है। देश में 24 कैरेट सोना 1.08 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया है। साल 2025 में अभी तक गोल्ड 37 फीसदी का रिटर्न दे चुका है। दिवाली से पहले गोल्ड कहां पहुंचता है, ये देखना होगा। अमेरिका की कमजोर नौकरियों की रिपोर्ट, फेडरल रिजर्व की दर कटौती की उम्मीदें और सेंट्रल बैंकों की लगातार खरीदारी, इन सबने सोने को ऑल-टाइम हाई के करीब पहुंचा दिया है।
सोमवार 8 सितंबर को भारत में सोने की कीमतें मजबूती के साथ बनी रहीं। ग्लोबल मार्केट में तेजी का सीधा असर भारतीय बाजार पर भी देखने को मिला। 24 कैरेट सोना 1.08 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया। वहीं, 22 कैरेट का भाव 99,350 रुपये और 18 कैरेट का 81,290 रुपये प्रति 10 ग्राम दर्ज किया गया।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सोना अपने ऑल-टाइम हाई के करीब कारोबार कर रहा है। स्पॉट गोल्ड 3,586.81 डॉलर प्रति औंस पर टिका रहा, जो कि 5 सितंबर को बने 3,599.89 डॉलर के रिकॉर्ड स्तर से थोड़ा नीचे है। हालांकि, अमेरिकी दिसंबर गोल्ड फ्यूचर्स 0.7% गिरकर 3,626.10 डॉलर प्रति औंस पर आ गए।
इस मजबूती की सबसे बड़ी वजह अमेरिका से आई कमजोर रोजगार रिपोर्ट है। अगस्त महीने में सिर्फ 22,000 नई नौकरियां जुड़ीं, जबकि अनुमान 75,000 का था। इसके साथ ही अमेरिका की बेरोजगारी दर बढ़कर 4.3% हो गई, जो पिछले चार साल में सबसे ज्यादा है। इन आंकड़ों ने फेडरल रिजर्व से ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदों को और मजबूत कर दिया है। ट्रेडर्स अब पूरी तरह मानकर चल रहे हैं कि इस महीने 25 बेसिस प्वॉइंट की कटौती होगी, जबकि 50 बेसिस प्वॉइंट की भी कटौती की संभावना एक्सपर्ट लगा रहे हैं।
भारतीय बाजार में सपोर्ट और रेजिस्टेंस
कमजोर रुपये और ग्लोबल संकेतों के चलते सोने में पिछले हफ्ते भी अच्छी तेजी दर्ज की गई थी। एक्सपर्ट्स के मुताबिक सोने को 1.07 लाख 1.06 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम पर मजबूत सपोर्ट मिल रहा है। वहीं, ऊपर की ओर 1.084 लाख–1.089 लाख रुपये का स्तर रेजिस्टेंस के रूप में काम कर सकता है।
सोने ने साल 2024 में 27% की तेजी आई थी और 2025 में अब तक 37% की बढ़त हासिल कर चुका है। इस रैली को कमजोर डॉलर, सेंट्रल बैंकों की लगातार खरीद और बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव ने ताकत दी है। खासकर चीन का सेंट्रल बैंक लगातार दसवें महीने सोना खरीद रहा है, जिससे बाजार में अतिरिक्त मजबूती आई है।
फिलहाल बाजार की नजरें इस हफ्ते आने वाले अमेरिकी महंगाई के आंकड़ों पर टिकी हैं। इन्हें सोने की अगली दिशा तय करने वाला सबसे बड़ा ट्रिगर माना जा रहा है। अगर महंगाई के आंकड़े उम्मीद से कमजोर रहते हैं, तो फेड से और दर कटौती की उम्मीद बढ़ेगी और सोना 3,600 डॉलर का स्तर भी तोड़ सकता है। वहीं, अगर कोई झटका आया तो थोड़ी मुनाफावसूली भी देखने को मिल सकती है।