त्योहारी सीजन में फ्रिज, वॉशिंग मशीन से नई गाड़ी तक खरीदने का प्लान? जानिए कैसे मिलेगा आसान लोन
Festive Season loan: फेस्टिव सीजन में अचानक बढ़े खर्चों से निपटने के लिए पर्सनल लोन लेने से बेहतर विकल्प है FD, सोना, प्रॉपर्टी या शेयर पर लोन लेना। जानिए इस तरह के लोन लेने में क्या फायदा है और आपको कितनी रकम मिल सकती है।
अगर शादी या बड़ी खरीदारी जैसे बड़े खर्च त्योहारों में आ जाएं, तो प्रॉपर्टी पर लोन लिया जा सकता है।
Festive Season loan: फेस्टिव सीजन आते ही जेब पर दबाव बढ़ जाता है। इस दौरान फ्रीज, एसी से लेकर वॉशिंग मशीन जैसे घरेलू उपकरणों पर काफी छूट मिलती है। कई लोग गाड़ी या नया घर खरीदने का भी प्लान बनाते हैं। इसके चलते त्योहारों में खर्च अचानक बढ़ जाते हैं और कैश की जरूरत पड़ती है।
ऐसे में सेविंग्स तोड़ना या पर्सनल लोन लेना सही नहीं होता। बेहतर विकल्प है कि आप अपनी मौजूदा एसेट्स- जैसे FD, सोना, प्रॉपर्टी या शेयर को गिरवी रखकर बैंक से लोन लें। इससे आपको कैश भी मिल जाएगा और आपकी निवेश सुरक्षित भी रहेगी।
FD पर कितना लोन मिल सकता है?
बैंक आमतौर पर FD की रकम का 70–90% तक लोन देते हैं। मान लीजिए आपके पास ₹5 लाख का FD है, तो आपको ₹4.5 लाख तक का लोन मिल सकता है। इस पर ब्याज दर FD के ब्याज से करीब 1–2% ज्यादा होती है, जो क्रेडिट कार्ड या पर्सनल लोन से काफी कम है। खास बात यह है कि FD गिरवी रहने के बावजूद उस पर ब्याज मिलता रहता है और लोन चुकाना भी आसान होता है।
गोल्ड लोन पर कितना मिलेगा पैसा?
भारत में त्योहारों के दौरान गोल्ड लोन काफी आम है। बैंक आमतौर पर सोने की मौजूदा कीमत का 75% तक लोन देते हैं। जैसे अगर आपके गहनों की कीमत ₹2 लाख है, तो आपको ₹1.5 लाख तक का लोन मिल सकता है। लोन जल्दी प्रोसेस हो जाता है, कई बार कुछ घंटों में ही। इसे EMI, बुलेट पेमेंट या ओवरड्राफ्ट से चुकाया जा सकता है। लेकिन ध्यान रहे, डिफॉल्ट करने पर बैंक सोना नीलाम कर सकता है।
लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी कितना सही?
अगर शादी या बड़ी खरीदारी जैसे बड़े खर्च त्योहारों में आ जाएं, तो प्रॉपर्टी पर लोन लिया जा सकता है। बैंक आमतौर पर घर की कीमत का 50–70% तक लोन देते हैं। उदाहरण के लिए, अगर आपके घर की कीमत ₹80 लाख है, तो आपको ₹40–56 लाख तक का लोन मिल सकता है। इस पर ब्याज दर पर्सनल लोन से कम होती है, लेकिन अप्रूवल और प्रोसेसिंग में ज्यादा समय लगता है और लोन चुकाने की अवधि भी लंबी होती है।
शेयर और म्यूचुअल फंड पर लोन
शेयर, बॉन्ड या म्यूचुअल फंड जैसी इन्वेस्टमेंट्स पर भी 50–70% तक का लोन मिल सकता है। इसका फायदा यह है कि आपको अपने निवेश बेचने की जरूरत नहीं होती और वे आगे भी ग्रो कर सकते हैं। हालांकि, अगर मार्केट नीचे गया तो गिरवी रखे गए एसेट्स की वैल्यू घट सकती है और बैंक आपसे अतिरिक्त सिक्योरिटी मांग सकता है।
कब लें एसेट्स के खिलाफ लोन?
अगर आपको शॉर्ट-टर्म कैश चाहिए और आप अपनी लॉन्ग-टर्म सेविंग्स को नहीं छेड़ना चाहते, तो यह एक अच्छा विकल्प है। यह पर्सनल लोन या क्रेडिट कार्ड से सस्ता और सुरक्षित है। लेकिन लोन लेने से पहले आपके पास क्लियर रीपेमेंट प्लान होना जरूरी है। वरना डिफॉल्ट करने पर आपकी संपत्ति खोने का खतरा है। यह लोन सिर्फ जरूरी खर्च के लिए ही लें, त्योहारों में फिजूलखर्ची के लिए नहीं।
FAQs
1. क्या FD या गोल्ड पर लोन पर्सनल लोन से सस्ता होता है?
हां, इन पर ब्याज दर पर्सनल लोन से कम होती है।
2. क्या एसेट गिरवी रखने पर उसकी ओनरशिप चली जाती है?
नहीं, ओनरशिप आपके पास ही रहती है। लेकिन लोन पूरा चुकाने तक बैंक के पास सिक्योरिटी के तौर पर रहती है।
3. क्या ऐसे लोन को समय से पहले चुका सकते हैं?
कई बैंक प्रीपेमेंट बिना चार्ज या मामूली चार्ज पर स्वीकार करते हैं। शर्तें बैंक और एसेट के हिसाब से बदलती हैं।