इस हफ्ते इंडिया में फिजिकल गोल्ड की डिमांड में इजाफा हुआ। इसकी वजह गोल्ड की कीमतों में नरमी है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमतें एक महीने के निचले स्तर पर पहुंच गईं हैं। यह लगातार तीसरा हफ्ता था, जब गोल्ड की कीमतों में गिरावट देखने को मिली। एक्सपर्ट्स का कहना है कि गोल्ड पर अमेरिकी डॉलर में मजबूती का असर पड़ा है। डॉलर के मजबूत होने पर गोल्ड की चमक घटती है।
पिछले हफ्ते 1 लाख के पार चली गई थी कीमतें
इंडिया में 1 अगस्त को 24 कैरेट के गोल्ड की कीमत करीब 97,700 रुपये प्रति 10 ग्राम थी। पिछले हफ्ते यह 1,00,555 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गई थी। हालांकि, 2 अगस्त को अमेरिका में जॉब्स के कमजोर डेटा की वजह से गोल्ड में मजबूती देखने को मिली। न्यूज एजेंसी रायटर्स ने पुणे के एक ज्वैलर के हवाले से बताया है कि इस हफ्ते पिछले हफ्ते के मुकाबले अच्छी खरीदारी देखने को मिली।
प्राइस गिरने से खरीदारी में बढ़ी दिलचस्पी
ज्वैलर ने बताया कि ग्राहक सोने की कीमतों के ट्रेंड के बारे में पूछ रहे हैं। वे छोटे अमाउंट की खरीदारी भी कर रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमतें घटने से डीलर्स भी अपने इनवेंट्री में आई कमी को भरने के लिए खरीदारी कर रहे हैं। लेकिन, डॉलर के मुकाबले रुपये में आई गिरावट से अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमतों में आई गिरावट का ज्यादा फायदा नहीं मिल रहा। इस साल अप्रैल में गोल्ड की कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई थी। इसका असर गोल्ड की डिमांड पर पड़ा।
इस साल गोल्ड की मांग 5 साल के निचले स्तर पर रह सकती है
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (WGC) ने इस साल इंडिया में गोल्ड का कंजम्प्शन गिरकर 5 साल के निचले स्तर पर पहुंच जाने का अनुमान जताया है। इसकी वजह गोल्ड की ऊंची कीमतें हैं। गोल्ड महंगा होने का असर ज्वैलरी की खरीदारी पर पड़ा है। चीन में भी ग्राहक गोल्ड में गिरावट के मौके का फायदा उठा रहे हैं। हर गिरावट पर डिमांड देखने को मिल रही है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर गोल्ड में नरमी जारी रहती है तो इनवेस्टर्स गोल्ड खरीद सकते हैं।
क्या आपको गोल्ड खरीदना चाहिए?
गोल्ड का कुछ हिस्सा इनवेस्टमेंट पोर्टफोलियो में होना जरूरी है। यह अचानक शेयरों में तेज गिरावट की स्थिति में पोर्टफोलियो को नुकसान से बचाता है। इस साल गोल्ड ने निवेशकों को अच्छा रिटर्न दिया है। 2025 की पहली छमाही में गोल्ड का रिटर्न 26 फीसदी रहा है, जो शेयर मार्केट्स के रिटर्न से काफी ज्यादा है। हालांकि, गोल्ड की कीमतों पर फिलहाल दबाव जारी रहने की उम्मीद है।