SIP vs lumpsum: SIP या लंपसम... किस तरीके से बनेगा बड़ा फंड? जानिए एक्सपर्ट से

SIP vs lumpsum: SIP और लंपसम निवेश दोनों तगड़ा रिटर्न देने के लिए जानते हैं। लेकिन, जब दोनों में से किसी एक को चुनने का सवाल आता है, तो निवेशक उलझन में पड़ जाते हैं। एक्सपर्ट से जानिए मोटा पैसा बनाने के लिए कौन-सा तरीका बेहतर है।

अपडेटेड Sep 18, 2025 पर 5:02 PM
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SIP vs lumpsum: लंबी अवधि के निवेशकों के लिए SIP और लंपसम दोनों का कॉम्बिनेशन सबसे अच्छा रहता है। S

SIP vs lumpsum: सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) और लंपसम इन्वेस्टमेंट, शेयर बाजार में निवेश करने के दो सबसे लोकप्रिय तरीके हैं। दोनों का मकसद वेल्थ क्रिएशन ही है, लेकिन इनकी रास्ते थोड़े अलग हैं। निवेशक मार्केट की स्थिति, अपनी जोखिम लेने की क्षमता और पैसों के आधार पर रिटर्न बेहतर कर सकते हैं। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि SIP और लंपसम कौन-सा तरीका बेहतर है।

SIP और लंपसम पर एक्सपर्ट की राय

एक्सपर्ट्स के मुताबिक, SIP और लंपसम एक-दूसरे के विकल्प नहीं हैं, बल्कि एक-दूसरे को पूरा करने वाली स्ट्रैटेजी हैं।


Ventura के डायरेक्टर जुजर गबाजीवाला ( Juzer Gabajiwala) का कहना है, 'SIP हर समय के लिए सही है। जब मार्केट ऊंचाई पर हो और करेक्शन की आशंका हो, तब भी SIP निवेशकों को धीरे-धीरे वेल्थ बनाने का मौका देता है। वहीं, लंपसम तब सबसे अच्छा काम करता है जब मार्केट लगातार ऊपर जाने वाला हो और निवेशक लंबी अवधि के नजरिए से निवेश कर रहा हो।'

SIP और लंपसम का प्रदर्शन

पिछले आंकड़े बताते हैं कि किस समय कौन-सी स्ट्रैटेजी बेहतर काम करेगी, यह काफी हद तक मार्केट साइकल पर निर्भर करता है। गबाजीवाला के अनुसार, 1 अगस्त 2024 से 31 जुलाई 2025 तक निफ्टी 50 TRI (Total Return Index) लगभग स्थिर रहा- 37,050 से सिर्फ 37,159 तक। इस दौरान मंथली SIP का XIRR (Extended Internal Rate of Return) 5.4% रहा। वहीं, लंपसम इन्वेस्टमेंट पर रिटर्न सिर्फ 0.3% रहा।

 5. लक्ष्य के हिसाब से SIP चुनना हर SIP हर लक्ष्य के लिए सही नहीं होता। अगर लंबी अवधि का लक्ष्य है, जैसे रिटायरमेंट या बच्चे की पढ़ाई, तो इक्विटी फंड सही विकल्प है। वहीं, मीडियम टर्म के लिए डेट या हाइब्रिड फंड बेहतर होते हैं। निवेशक को अपने जोखिम प्रोफाइल और समय सीमा के आधार पर चुनाव करना चाहिए। समय-समय पर रिव्यू भी जरूरी है ताकि SIP सही दिशा में चलता रहे।

लेकिन जब मार्केट तेजी से ऊपर जाता है तो लंपसम ज्यादा अच्छा रिटर्न देता है। उदाहरण के लिए, अगर 1 अप्रैल 2024 को लंपसम निवेश किया गया होता और 31 अगस्त 2025 तक रखा गया होता, जब निफ्टी 50 TRI 33,066 से बढ़कर 36,709 हो गया, तो CAGR 7.7% मिला।

मनीरा मनी के हेड ऑफ इन्वेस्टमेंट रिसर्च मोहित बागड़ी कहते हैं, 'तेजी वाले दौर में लंपसम फायदेमंद है, जबकि मंदी या फ्लैट मार्केट में SIP बेहतर होता है। इक्विटी रिटर्न ज्यादातर कंपनियों की कमाई की ग्रोथ और खरीदते समय दिए गए प्राइस पर निर्भर करता है। अगर आप सही टाइमिंग कर लें तो लंपसम बेहतर है, लेकिन अगर टाइमिंग बिगड़ जाए तो SIP रिस्क कम कर देता है और कॉस्ट एवरेजिंग का फायदा देता है।'

कब कौन-सा तरीका बेहतर है?

लंपसम निवेश: जब आपके पास बड़ी रकम हो और लगे कि मार्केट में तेजी आने वाली है, तो लंपसम सही है। पूरा पैसा तुरंत अपसाइड में हिस्सा ले लेता है।

SIP निवेश: जब मार्केट में उतार-चढ़ाव ज्यादा हो या करेक्शन का दौर चल रहा हो, तब SIP अच्छा है। इसमें धीरे-धीरे निवेश करने से कॉस्ट औसतन कम हो जाती है। यह तरीका उन लोगों के लिए भी सही है जिनके पास एक बार में बड़ा फंड उपलब्ध नहीं है।

गबाजीवाला का कहना है, 'SIP हर मार्केट सिचुएशन में काम आता है। अगर मार्केट गिरता है तो ज्यादा यूनिट्स मिलते हैं, और अगर बढ़ता है तो प्रॉफिट्स छोटे-छोटे लेकिन लगातार मिलते हैं। लंपसम में यह लचीलापन नहीं होता क्योंकि वह एक बार का निवेश है।'

सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान यानी SIP आज सबसे भरोसेमंद निवेश तरीकों में गिना जाता है। यह छोटी-छोटी रकम से बड़ा धन बनाने का अनुशासित तरीका है। जानिए कैसे SIP आपकी बचत को लगातार और सुरक्षित तरीके से संपत्ति में बदल सकता है।

सही बैलेंस कैसे बनाएं?

लंबी अवधि के निवेशकों के लिए SIP और लंपसम दोनों का कॉम्बिनेशन सबसे अच्छा रहता है। SIP को पोर्टफोलियो की नींव बनाना चाहिए। खासकर 10-15 साल की अवधि के लिए, जिसमें लार्ज, मिड और स्मॉल-कैप फंड्स शामिल हों। लंपसम का इस्तेमाल तब किया जा सकता है जब आपके पास अतिरिक्त फंड हो, खासकर जब मार्केट नीचे जा रहा हो।

बागड़ी के मुताबिक, 'नए निवेशकों को SIP से शुरुआत करनी चाहिए ताकि अनुशासन बने और टाइमिंग का रिस्क कम रहे। अनुभवी निवेशकों के लिए सबसे अच्छा तरीका है, हाइब्रिड। मतलब कि कुछ हिस्सा लंपसम में और बाकी SIP में। इससे मार्केट में लगातार बने रहने का फायदा मिलता है और रिस्क भी बैलेंस में रहता है।'

इसे उदाहरण से समझें

अब मान लीजिए किसी निवेशक ने मार्च 2020 से अगस्त 2025 तक हर महीने ₹1,000 का SIP किया। कुल निवेश ₹66,000 हुआ और उस पर XIRR 14.7% मिला। वहीं, अगर इसी अवधि में ₹1 लाख लंपसम लगाया गया होता तो CAGR 16.6% मिलता। (सोर्स: ACE MF, गबाजीवाला के हवाले से)।

यह दिखाता है कि लंबे बुल रन में लंपसम ज्यादा रिटर्न देता है, जबकि SIP मार्केट के उतार-चढ़ाव से बचाता है और निवेश की आदत डालता है।

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