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गोल्ड और सिल्वर में जारी तूफानी तेजी का ऐसे उठा सकते हैं फायदा

दुनियाभर में इनवेस्टर्स इनफ्लेशन, करेंसी में उतारचढ़ाव और जियोपॉलिटिकल टेंशन को देखते हुए सोने और चांदी में निवेश कर रहे हैं। इधर, इंडिया में त्योहारी खरीदारी से भी सोने और चांदी की चमक बढ़ी है। दिवाली पर जो लोग सोना नहीं खरीदते वे चांदी खरीदते हैं

अपडेटेड Oct 11, 2025 पर 9:54 PM
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इनवेस्टमेंट एडवाइजर्स पोर्टफोलियो में सोने और चांदी की हिस्सेदारी 10-15 फीसदी तक रखने की सलाह देते हैं।

सोने और चांदी में शायद ही पहले कभी ऐसी तेजी आई होगी। गोल्ड और सिल्वर ने तेजी के पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। दोनों कीमतीं धातुओं ने एक साल में निवेशकों का पैसा डेढ़ गुना से ज्यादा कर दिए हैं। दिवाली और धनतेरस से ठीक पहले दोनों की कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई पर हैं। भारत में दिवाली के मौके पर सोना-चांदी खरीदना शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इस मौके पर गोल्ड और सिल्वर में निवेश से घर में सुख, शांति और समृद्धि आती है। सवाल है कि आपको सोने और चांदी में जारी इस तेजी का फायदा किस तरह उठाना चाहिए?

दुनियाभर में इनवेस्टर्स सोने में कर रहे निवेश

दुनियाभर में इनवेस्टर्स इनफ्लेशन, करेंसी में उतारचढ़ाव और जियोपॉलिटिकल टेंशन को देखते हुए Gold और Silver में निवेश कर रहे हैं। इधर, इंडिया में त्योहारी खरीदारी से भी सोने और चांदी की चमक बढ़ी है। जो लोग सोना नहीं खरीदते वे चांदी खरीदते हैं। धनतेरस और दिवाली पर सोने और चांदी में से किसी में खरीदारी की जा सकती है। हालांकि, सोने और चांदी के फंडामेंटल्स अलग-अलग हैं। सोना जहां सुरक्षित निवेश का सबसे बड़ा जरिया है वही चांदी का इस्तेमाल कई तरह की इंडस्ट्री में होता है। इंस्ट्रियल यूज की वजह से इसकी डिमांड बढ़ने पर कीमतों में उछाल आता है।


गोल्ड ज्वेलरी पर टैक्स और मेकिंग चार्ज भी लगता है

अगर आप धनतेरस या दिवाली पर गोल्ड ज्वेलरी खरीदने जा रहे हैं तो आपको यह ध्यान रखना होगा कि आपको जीएसटी और मेकिंग चार्ज भी चुकाना होगा। अगर आपके लिए गोल्ड ज्वेलरी खरीदना जरूरी नहीं है तो आप पेपर गोल्ड में इनवेस्ट कर सकते हैं। गोल्ड ईटीएफ, म्यूचुअल फंड्स की गोल्ड स्कीम और एसजीबी पेपर गोल्ड के उदाहरण हैं। पेपर गोल्ड में निवेश करने में आपको गोल्ड ज्वेलरी सुरक्षित रखने जैसी कोई चिंता भी नहीं रहती है।

चांदी का इस्तेमाल सोलर पैनल और ईवी के उत्पादन में

एक्सपर्ट्स का कहना है कि सिल्वर का इस्तेमाल सोलर पैनल्स और इलेक्ट्रिक व्हीकल्स में होता है। दोनों उभरते सेक्टर हैं। इसका मतलब है कि आने वाले सालों में जैसे-जैसे सोलर एनर्जी और इलेक्ट्रिकल व्हीकल्स का इस्तेमाल बढ़ेगा वैसे-वैसे चांदी की कीमतें भी बढ़ेगी। अभी इंडस्ट्रियल डिमांड की वजह से चांदी की डिमांड ज्यादा है और सप्लाई कम है। अगर आप चांदी में निवेश करना चाहते हैं तो आप सिल्वर बार या कॉइन खरीद सकते हैं। आप चाहें तो सिल्वर ईटीएफ में भी निवेश कर सकते हैं।

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पोर्टफोलियो में सोने और चांदी की 10-15 फीसदी तक हिस्सेदारी

एक्सपर्ट्स का कहना है कि सोने और चांदी में तेजी की वजह से इनमें निवेश में लोगों की दिलचस्पी बढ़ी है। लेकिन, किसी एसेट्स में सिर्फ तेजी की वजह से निवेश करना समझदारी नहीं है। इनवेस्टमेंट एडवाइजर्स पोर्टफोलियो में सोने और चांदी की हिस्सेदारी 10-15 फीसदी तक रखने की सलाह देते हैं। अगर आप अपने पोर्टफोलियो में इस लेवल से ज्यादा बुलियन रखते हैं तो आप इक्विटी में निवेश से लंबी अवधि में ज्यादा रिटर्न कमाने का मौका गंवा सकते हैं।

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