केंद्र सरकार के लाखों कर्मचारियों और पेंशनधारकों के लिए राहत भरी खबर आई है। संसद में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने स्पष्ट किया कि 8वां वेतन आयोग (8th Pay Commission) औपचारिक रूप से गठित हो चुका है और इसका काम शुरू हो गया है। हालांकि, सरकार ने अभी तक 1 जनवरी 2026 से लागू होने की तारीख पर अंतिम मुहर नहीं लगाई है।
संसद में दिए गए लिखित जवाब में मंत्री ने बताया कि आयोग को अपनी रिपोर्ट सौंपने के लिए 18 महीने का समय दिया गया है। यानी आयोग को वेतन, भत्तों और पेंशन संरचना में बदलाव के लिए ठोस सिफारिशें तैयार करनी होंगी। इसके बाद सरकार इन सिफारिशों पर विचार करेगी और 2026-27 के बजट में इसके लिए आवश्यक प्रावधान करेगी।
इस आयोग की सिफारिशों से लगभग 50 लाख केंद्रीय कर्मचारी और करीब 69 लाख पेंशनधारक प्रभावित होंगे। इनमें रक्षा कर्मी भी शामिल हैं। हर बार की तरह इस बार भी कर्मचारियों को उम्मीद है कि उनकी बेसिक सैलरी, फिटमेंट फैक्टर और भत्तों में बड़ा इजाफा होगा।
पिछला यानी 7वां वेतन आयोग 2016 में लागू हुआ था। सरकार ने परंपरा के मुताबिक 10 साल बाद नया आयोग गठित किया है। कर्मचारियों का कहना है कि महंगाई और बढ़ते खर्चों को देखते हुए वेतन संरचना में बदलाव बेहद ज़रूरी है। वहीं सरकार का कहना है कि आयोग की सिफारिशों को लागू करने से पहले वित्तीय भार और बजट संतुलन पर भी ध्यान देना होगा।
कर्मचारी संगठनों का मानना है कि इस बार फिटमेंट फैक्टर को 2.57 से बढ़ाकर कम से कम 3.0 किया जाना चाहिए। इससे बेसिक सैलरी में सीधा इजाफा होगा। साथ ही, पेंशनधारक भी चाहते हैं कि उनकी मासिक पेंशन महंगाई के हिसाब से बढ़ाई जाए।
8वें वेतन आयोग की रिपोर्ट और उसके लागू होने की तारीख को लेकर अभी स्थिति साफ नहीं है, लेकिन सरकार ने संकेत दिया है कि जनवरी 2026 से इसे लागू करने की तैयारी है। अगर ऐसा होता है तो यह करोड़ों कर्मचारियों और पेंशनधारकों के लिए बड़ी राहत साबित होगी।