यूनियन बजट 2025 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के ऐलान के बाद इलेक्ट्रिक व्हीकल्स इंडस्ट्री खुश है। वित्तमंत्री ने 1 फरवरी को बजट में जो ऐलान किए उससे इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की कीमतों में कमी आएगी। सरकार ने ईवी इंडस्ट्री की कई मांगें मान ली है। लिथियम-आयन बैटरीज से जुड़े ऐलान से ईवी की कीमतों में काफी कमी आएगी। इससे इलेक्ट्रिक व्हीकल्स खरीदने में लोगों की दिलचस्पी बढ़ेगी।
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने 1 फरवरी को ईवी (Electric Vehicles) में इस्तेमाल होने वाली कई चीजों को बेसिक कस्टम ड्यूटी (BCD) से पूरी छूट देने का ऐलान किया। इनमें कोबाल्ट पाउडर, लिथियम-आयन बैटरीज, लेड, जिंक आदि शामिल हैं। सरकार ने बैटरी बनाने में इस्तेमाल होने वाले मैटेरियल्स पर भी इंपोर्ट ड्यूटी घटाई है। इससे ईवी की बैटरी की कीमतों में बड़ी गिरावट आएगी। इससे इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की कीमतों में भी गिरावट आएगी।
बैटरी के लोकल उत्पादन को भी बढ़ावा
सरकार ने एग्जेम्प्टेड कैपिटल गुड्स की लिस्ट भी बढ़ाई है। इसमें अतिरिक्त 35 आइटम्स शामिल किए गए हैं, जिनका इस्तेमाल ईवी की बैटरी बनाने के लिए होता है। इससे लोकल सप्लाई चेन को भी मजबूती मिलेगी। एक्सपर्ट्स का कहना है कि ईवी में इस्तेमाल होने वाली कई चीजों पर बीसीडी खत्म करने से ईवी के उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा। सरकार ने 2030 तक व्हीकल्स की कुल बिक्री में ईवी की 30 फीसदी हिस्सेदारी का टारगेट तय किया है।
ईवी स्कीमों का भी आवंटन बढ़ाया गया
सरकार ने इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को बढ़ावा देने वाली स्कीमों का आवंटन भी बजट में बढ़ाया है। इसे 20 फीसदी बढ़ाकर 5,322 करोड़ रुपये किया गया है। पीएम ई-ड्राइव स्कीम का आवंटन 114 फीसदी बढ़ाकर 4,000 करोड़ रुपये कर दिया गया है। इस स्कीम के तहत पब्लिक चार्जिंग स्टेशंस के साथ ही इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को बढ़ावा दिया जाता है। हालांकि, सरकार ने ईवी के लिए बैंकों से रियायती इंटरेस्ट पर लोन की स्कीम का ऐलान नहीं किया।
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ईवी की कीमतों में आएगी कमी
ईवी इंडस्ट्री से जुड़े लोगों का कहना है कि सरकार ने इनकम टैक्स में राहत के लिए जो ऐलान किया है, उससे ईवी इंडस्ट्री को भी फायदा होगा। अब 12 लाख रुपये तक की इनकम वाले लोगों को टैक्स नहीं देना होगा। इसका मतलब है कि लोगों के हाथ में खर्च के लिए ज्यादा पैसे बचेंगे। इससे ईवी खरीदने में लोगों की दिलचस्पी बढ़ेगी। एक्सपर्ट्स का कहना है कि ईवी की कुल कीमत में बैटरी की हिस्सेदारी 50 फीसदी से ज्यादा है। इसलिए बैटरी की कीमते अगर 25-30 फीसदी तक कम होती है तो ईवी की कीमतों में इतनी कमी आएगी।