Gratuity Calculation: ग्रेच्युटी CTC में होती है शामिल, जानिये पूरा कैलकुलेशन सैलरी स्ट्रक्चर पर कैसे पड़ता है असर

Gratuity Calculation: जब किसी कर्मचारी को नौकरी का ऑफर मिलता है, तो उसमें CTC (Cost to Company) में सभी डिटेल शामिल होती है। कॉस्ट टू कंपनी में ग्रेच्युटी और कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) का योगदान भी होता है

अपडेटेड Feb 28, 2025 पर 8:23 PM
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Gratuity Calculation: जब किसी कर्मचारी को नौकरी का ऑफर मिलता है, तो उसमें CTC (Cost to Company) में सभी डिटेल शामिल होती है।

Gratuity Calculation: जब किसी कर्मचारी को नौकरी का ऑफर मिलता है, तो उसमें CTC (Cost to Company) में सभी डिटेल शामिल होती है। कॉस्ट टू कंपनी में ग्रेच्युटी और कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) का योगदान भी होता है। EPF की कैलकुलेशन तो आसान होती है, लेकिन ग्रेच्युटी की कैलकुलेशन को समझना थोड़ा जटिल हो सकता है।

क्या होती है ग्रेच्युटी?

ग्रेच्युटी वह अमाउंट होती है, जो किसी कर्मचारी को कंपनी छोड़ते समय दी जाती है। बशर्ते उसने पांच साल या उससे अधिक की सर्विस पूरी की हो। भारत में यह पेमेंट ग्रेच्युटी अधिनियम 1972 के तहत आता है।


ग्रेच्युटी की कैलकुलेशन कैसे होती है?

ग्रेच्युटी की कैलकुलेशन कर्मचारी के अंतिम मिले बेसिक सैलरी के आधार पर होती है। इसका फॉर्मूला है:

अंतिम मंथली सैलरी × 15/26 × सर्विस के सालों की संख्या

सर्विस के सालों के आधार पर 15 दिनों के सैलरी के बराबर अमाउंट मिलती है।

उदाहरण:

मान लीजिए किसी कर्मचारी की सालाना बेसिक सैलरी 6,00,000 रुपये है।

मंथली बेसिक सैलरी = ₹6,00,000 ÷ 12 = ₹50,000

सर्विस के साल = 10

अब फॉर्मूले के अनुसार:

ग्रेच्युटी = (₹50,000 × 15/26) × 10

= (₹28,846) × 10

= ₹2,88,460

इस तरह 10 साल की सर्विस पर कर्मचारी को 2,88,460 रुपये की ग्रेच्युटी मिलेगी।

ऑफर लेटर में ग्रेच्युटी को कैसे लिखा जाता है?

आमतौर पर ऑफर लेटर में ग्रेच्युटी को सालाना बेसिक सैलरी का 4.81% मानकर लिखा जाता है।

उदाहरण के लिए:

ग्रेच्युटी = 4.81% × ₹6,00,000 = 28,860 रुपये सालाना।

सैलरी बढ़ने पर क्या होता है?

चूंकि ग्रेच्युटी अंतिम बेसिक सैलरी पर आधारित होती है, इसलिए जब भी सैलरी में बढ़ोतरी होती है, ग्रेच्युटी की कैलकुलेशन भी उसी के अनुसार बढ़ जाती है। आमतौर पर सालाना सैलरी अप्रेजल के समय इसका असर पड़ता है।

ग्रेच्युटी, नौकरी छोड़ने पर मिलने वाला एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। हालांकि यह CTC का हिस्सा होता है, लेकिन यह सीधे तौर पर मंथली सैलरी में नहीं मिलता, बल्कि नौकरी खत्म होने के बाद मिलती है। इसकी भी कुछ शर्तें होती है, जिनके पूरे होने के बाद ग्रेच्युटी मिलती है।

 

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First Published: Feb 28, 2025 8:23 PM

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