इस गोल्ड बॉन्ड ने निवेशकों का पैसा सिर्फ 5 साल में दोगुना किया, सोने की कीमतों में उछाल का असर

एसजीबी की 2020-21 सीरीज VI में निवेश करने वाले लोग मैच्योरिटी से पहले अपने पैसे निकाल सकते थे। 6 सितंबर को इसके लिए रिडेम्प्शन विंडो खुला था। इस सीरीज के निवेशकों का पैसा पांच साल में दोगुना हो गया है। इतना ही नहीं, कैपिटल गेंस के अलावा इनवेस्टर्स को निवेश की अवधि के दौरान सालाना 2.5 फीसदी का इंटरेस्ट भी मिलता है

अपडेटेड Sep 08, 2025 पर 6:33 PM
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सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड 8 साल में मैच्योर हो जाता है।

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (एसजीबी) की 2020-21 सीरीज VI ने निवेशकों को मालामाल किया है। यह सीरीज 8 सितंबर, 2020 को आई थी। इसमें सोने की कीमत 5,117 रुपये प्रति ग्राम तय थी। रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने इसके लिए तय समय से पहले रिडेम्प्शन के वास्ते 10,610 रुपये प्रति ग्राम की कीमत तय की है। यह 3-5 सितंबर के बीच 999 प्योरिटी के गोल्ड के एवरेज प्राइस पर आधारित है। इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (आईबीजेए) इसे पब्लिश करता है।

तय समय से पहले रिडेम्प्श विंडो 6 सितंबर को खुला था

SGB की 2020-21 सीरीज VI में निवेश करने वाले लोग मैच्योरिटी से पहले अपने पैसे निकाल सकते थे। 6 सितंबर को इसके लिए रिडेम्प्शन विंडो खुला था। इस सीरीज के निवेशकों का पैसा पांच साल में दोगुना हो गया है। इतना ही नहीं, कैपिटल गेंस के अलावा इनवेस्टर्स को निवेश की अवधि के दौरान सालाना 2.5 फीसदी का इंटरेस्ट भी मिलेगा। जिन निवेशकों ने 6 सितंबर को रिडेम्प्श विंडो का इस्तेमाल नहीं किया उन्हें अगले रिडेम्प्शन विंडो का इंतजार करना होगा।


8 साल में मैच्योर हो जाता है सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड 8 साल में मैच्योर हो जाता है। इसका मतलब है कि यह सीरीज 2028 के सितंबर में मैच्योर होगी। रिडेम्प्शन विंडो में अपने बॉन्ड्स भुनाने पर पैसा सीधे इनवेस्टर्स के रजिस्टर्ड बैंक अकाउंट में आता है। इसके लिए डिपॉजिटरी और एंजेट के पास इनवेस्टर्स के बैंक अकाउंट और दूसरी जानकारियों का अपडेट होना जरूरी है। सरकार ने साल 2015 में सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (एसजीबी) की शुरुआत की थी। इस स्कीम में निवेशकों ने अच्छी दिलचस्पी दिखाई है।

एसजीबी की अब तक 67 किस्तें आई हैं

वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी के मुताबिक, 31 मार्च, 2025 तक इस स्कीम की कुल 67 किस्तें जारी की गई थीं। निवेशकों ने करीब 72,275 करोड़ रुपये के गोल्ड बॉन्ड में निवेश किए। यह करीब 146.96 टन सोने के बराबर है। इसमें से 18.81 टन सोने का रिडेम्प्श 15 जून, 2025 तक हो गया था। उन्होंने बताया था कि जियोपॉलिटिकल टेंशन बढ़ने से सोने की कीमतों में उछाल है। सोने की कीमतों में उछाल के बाद सरकार ने पिछले साल फरवरी से इस स्कीम की नई किस्त जारी नहीं की है।

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सोने ने 2025 में 40 फीसदी रिटर्न दिया है

चौधरी ने कहा है कि सरकार एसजीबी की कॉस्ट पर विचार करने के बाद ही इसकी नई किस्त लाने के बारे में सोचेगी। सोने में तेजी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि सिर्फ 2025 में सोने ने 40 फीसदी से ज्यादा रिटर्न दिया है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि जियोपॉलिटिकल टेंशन अगर जारी रहता है तो सोने की कीमतों में तेजी जारी रहेगी। इससे अगले साल के मध्य तक सोने का भाव 1.27 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकता है।

Rakesh Ranjan

Rakesh Ranjan

First Published: Sep 08, 2025 6:29 PM

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