कई लोग अपने पैसे की सुरक्षा को रिटर्न से ज्यादा महत्व देते हैं। इस वजह से वे शेयरों और म्यूचुअल फंड्स की स्कीमों की जगह बैंक या पोस्ट-ऑफिस की फिक्स्ड डिपॉजिट स्कीम में पैसा रखना पसंद करते हैं। रिस्क नहीं लेने वाले लोगों के लिए यह पैसा रखने का अच्छा ऑप्शन है। लेकिन, बैंक एफडी में भी आंख मूंदकर पैसे रखने से आपको नुकसान हो सकता है। आपको इंटरेस्ट रेट की स्थिति को देखते हुए अपने बैंक एफडी के बारे में फैसले लेने चाहिए। अगर आपने अपने बैंक एफडी में ऑटो रिन्यूएल का ऑप्शन सेलेक्ट कर रखा है तो मौजूदा स्थिति में आपको लॉस हो सकता है। आइए पूरी तस्वीर समझने की कोशिश करते हैं।
ऑटो रिन्यूएल का मतलब क्या है?
सबसे पहले यह जान लेना जरूरी है कि ऑटो रिन्यूएल का मतलब क्या है। ऑटो रिन्यूएल बैंक एफडी की ऐसी सुविधा है, जिसमें ग्राहक को एफडी मैच्योर होने पर अपना पैसा निकालने की जरूरत नहीं पड़ती है। या बैंक आपके एफडी में जमा पैसा आपके सेविंग अकाउंट में ट्रांसफर नहीं करता है। वह मैच्योरिटी पर आपके पैसे को दोबारा एफडी में डाल देता है। दरअसल, जब आप पहली बार एफडी करते हैं तो बैंक आपसे ऑप्शन के बारे में पूछता है। कई लोग सोचत हैं कि मैच्योरिटी की तारीख भूल जाने पर उन्हें इंटरेस्ट रेट के रूप में नुकसान उठाना पड़ सकता है। इसलिए वे ऑटो रिन्यूएल का ऑप्शन सेलेक्ट कर लेते हैं।
पिछले साल मई से लगातार बढ़ रहा इंटरेस्ट रेट
इस ऑप्शन में एफडी मैच्योर होने पर बैंक उस पैसे को फिर से उतने ही समय के लिए फिक्स कर देता है। उस समय बैंक का जो इंटरेस्ट रेट होता है, वह आपके एफडी पर लागू होता है। जब इंटरेस्ट रेट बढ़ रहा हो तो इससे आपको नुकसान हो सकता है। अभी ऐसी ही स्थिति है। पिछले साल मई से RBI लगातार रेपो रेट बढ़ा रहा है। इससे लोन का इंटरेस्ट रेट बढ़ रहा है। साथ ही बैंक एफडी पर भी इंटरेस्ट रेट बढ़ा रहे हैं।
सोचसमझ कर लें ऑटो रिन्यूएल की सुविधा
इंटरेस्ट रेट बढ़ने की स्थिति में हर बैंक अपनी जरूरत के हिसाब से ब्याज के दर में फैसले लेते हैं। जिस बैंक को ज्यादा पैसे की जरूरत है वह एफडी पर इंटरेस्ट रेट ज्यादा बढ़ाता है। जिस बैंक को फंड की ज्यादा जरूरत नहीं होती है वह इंटरेस्ट रेट में कम बढ़ोतरी का फैसला ले सकता है। इसलिए अगर आपने अपने एफडी पर ऑटो रिन्यूएल का ऑप्शन नहीं चुना है तो आपके पास यह देखने का मौका होगा कि आपको अपने मौजूदा बैंक में पैसे रखना है या कोई दूसरा बैंक एफडी पर ज्यादा इंटरेस्ट रेट ऑफर कर रहा है। दूसरा, बैंक एफडी के पीरियड के आधार पर भी इंटरेस्ट रेट तय करते हैं। इसलिए आपके पास ज्यादा इंटरेस्ट रेट कमाने के लिए एफडी की अवधि सेलेक्ट करने का विकल्प होगा। इसलिए जब इंटरेस्ट बढ़ रहा हो तो ऑटो रिन्यूएल की सुविधा का इस्तेमाल करने में समझदारी नहीं है।